जीवन का शिक्षक कौन....?
शिक्षक और शिक्षा
..............................शिक्षा का अर्थ है जो हमें जीवन की विसंगतियों से जूझ कर उनसे उबरने की दक्षता प्रदान करें|
मनुस्य का जीवन जो आशावादी बनाकर समाजहित में लगा दे,वो है शिक्षक |
जीवन को जो सरल बना दे वो है शिक्षक |
शिक्षक सम्पूर्ण जीवन का मार्गदर्शन ही नहीं करते बल्कि
मार्गदर्शन देने के लायक भी बना देते हैं |
पर, जीवन का सही मायनों में जो शिक्षक है वो
है ," दुःख" |दुःख सबसे अच्छा शिक्षक है क्योंकि जितना दुःख हमें सिखा और समझा जाते हैं उतना कोई हमें नहीं सिखा सकता |
दुःख हमें भीतर तक झकझोर कर हमें भीतर से तराशते हुऐ बाहर तक चमका देता है,ये चमक और कुछ नही बल्कि हमारे स्वःअनुभव से सीखा गया व्यवहार और खुद के जीवन्त सूत्र होते हैं जिनको हमने ही रचा होता है | अपनी परेशानियों रूपी सवालों को हल करने के लिये, स्वयं के अनुभव से |जीवन में स्वंय के अनुभव ही हमें मंजिल तक पहुँचाते है और मंजिल तक जाने वाले रास्तों में सही रास्ता चुनने में स्वंय को विश्वासी और मजबूत पातें हैं |
इसलिये अब आधुनिक और यांत्रिक युग है|समय बदल चुका है |मानव मंगल से प्लूटो तक जा पहुँचा है| आज शिक्षा में परिवर्तन की आवश्यकता है | आज शिक्षा का गिरता स्तर और बेरोजगारी को देखते हुए बस यही कहूंगी कि अब समय आ गया है कि शिक्षा को तकनीकी, शोध, अनुसंधान और रोजगार से जोड़ देना चाहिये जिससे शिक्षार्थी जो भी पढ़े और सीखें वो करके सीखे,स्वअनुभव से सीखें और आत्मविश्वासी, कर्तव्यनिष्ठ और स्वावलम्बी बन अपना और देश का विकाश करने में समर्थशील हों |
स्वःअनुभव से सीखा गया ज्ञान मस्तिष्कपटल स्थाई होता है और कभी नहीं भूलता| इसलिये शिक्षा को अनुसंधान से जोड़ना आज की बहुत बड़ी आवश्यकता है और प्रत्येक शिक्षार्थी का अधिकार है |
कल 5 सितम्बर शिक्षक दिवस है आईये हम सभी लोग सारी दुनिया के सबसे बड़े पद और सबसे बड़ी हस्ती और शक्ति को हम हृदय से सम्मान दें |
Wrt by Akanksha saxena
आकांक्षा सक्सेना
जिला औरैया
उत्तर प्रदेश
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