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कुटई मूलवर्मन साम्राज्य, इंडोनेशिया के महाराजा का इंटरव्यू व इतिहास लिखने वाली 'प्रथम भारतीय महिला' बनी - ''ऐम्बेसेडर. डॉ. ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना''

वाराणसी खबर -

कुटई मूलवर्मन साम्राज्य, इंडोनेशिया के महाराजा का इंटरव्यू व इतिहास लिखने वाली 'प्रथम भारतीय महिला' बनी -  
    ''ऐम्बेसेडर. डॉ. ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना'' 

Blogger Akanksha SAXENA 




जब देश - दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रहा था तब लेखक,पत्रकार, ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना जिनका पैतृक घर जिला औरैया यूपी में हैं और वर्तमान में वह वाराणसी से पत्रकार हैं। ने दुनिया को प्रेम और आदर से जोड़ने का अभियान शुरू किया। सर्वप्रथम वह विश्व शांति और मानवता के महामिशन से जुड़ी और अंतरराष्ट्रीय ह्यूमन राईट्स कौंसिल से जुड़ी फिर वह विश्व संवाद परिषद से जुड़ी व भूटान साहित्य परिषद ने उन्हें एम्बेसडर सम्मान दिया व सर्बिया रोम के फेमस शख्सियत बजराम हलीटी ने उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया व नाईजीरिया से उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया जा चुका है और इन अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से जुड़ने के बाद उन्हें लगभग हर देश से प्रतिदिन ही सम्मान पत्र प्राप्त होने लगे,आज आकांक्षा सक्सेना पर देश विदेश से मिले अनेकों सम्मान प्रमाणपत्रों का बड़ा संग्रह है। इसी सम्मान के क्रम में एक दिन वह गुजरात के पीस एम्बेसडर जाकिरमहीद गुलअहमद के जरिए आईपी व यूएन ग्रुपों से बतौर वायलेंटियर जुड़ीं जहां उनकी बात कुटई मूलवर्मन साम्राज्य के महाराजा एच. आर.  एम. प्रो.  डाॅ. एचसी.एमएसपीए.  लानस्याहरीशज़ा, से हुई तब उन्हें पता चला कि इनका इतिहास तो हमारे भारतवर्ष के प्राचीन मगध के द्वापरकालीन इतिहास से जुड़ता है। बस उन्होंने अपने देश की संस्कृति और गौरवशाली इतिहास को संरक्षित करने के उद्देश्य से महाराजा का न सिर्फ़ इंटरव्यू लिया बल्कि इस इतिहास को कलमबद्ध कर डाला और बतौर सबूत व हर जनमानस तक इसे पहुंचाने के लिए उन्होंने इसे अनेकों समाचार पत्रों में प्रकाशित करवाया। ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना के इस महान कार्य से महाराज कुटई मूलवर्मन ने आकांक्षा सक्सेना को अपने हस्ताक्षर के साथ डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया और अपनी अंतरराष्ट्रीय संस्था में शामिल भी किया। इसके बाद उनकी बात विश्व के पहले पैरानार्मल वास्तुविद डॉ केतन तलसानिया, गुजरात से हुई जिन्होंने बताया कि आकांक्षा यह तो आपने वर्ल्ड रिकार्ड बना लिया। बस फिर क्या था चूंकि डॉ केतन तलसानिया चोलन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड संस्था तमिलनाडु जिसके संस्थापक निमलन नीलमेगम हैं, उस संस्था के गुजरात से प्रेसीडेंट है ।इसलिए उन्होंने पूरी दस्तावेजी पैरवी आसानी से कर दी और अंतत: ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना का नाम चोलन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो गया। इसके अलावा आकांक्षा सक्सेना को ओएमजी वर्ल्ड रिकार्ड व इंडिया स्टार गोल्डन अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है और जल्द ही उनकी ब्रावो बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में भी दर्ज होने की तैयारी चल रही है। किसी ने सच ही कहा है जब हम कर्म करते हैं तो फल यानि मंजिल पर पहुंचाने के लिए ईश्वर अपने पुत्रों को मददगार बनाकर भेज दिया करते हैं। अब हम बता दें कि यह कुटई मूलवर्मन साम्राज्य की शुरूआत से पहले, यह जानना जरूरी है कि ईसा पूर्व ४वीं शताब्दी से ही इंडोनेशिया द्वीपसमूह एक महत्वपूर्ण व्यापारिक क्षेत्र है।  बुनी- मुनिनीकरण इंडोनेशिया की सबसे पुरानी सभ्यता है।  ४वीं शताब्दी ईसा पूर्व तक ये सभ्यता काफी उन्नति कर चुकी थी।  ये हिंदू और बौद्ध धर्म मानते थे और ऋषि परंपरा का अनुकरण करते थे।  अब हम बात करते हैं कुटई की जोकि पूर्व कालीमंतन, इंडोनेशिया में बोर्नियो द्वीप पर एक ऐतिहासिक क्षेत्र है और यह साम्राज्य वहां की मूल जातीय का नाम भी है, लगभग 300,000 की संख्या में एक ही नाम और उनकी अपनी समृद्ध इतिहास की अपनी भाषा है।  आज का नाम पूर्वी कालीमंतन में तीन रीति-रिवाजों के नाम पर रखा गया है, कुट्टी करतानेगारा रीजेंसी, वेस्ट कुताई रीजेंसी और ईस्ट कुट्टी रीजेंसी।  यह कुटई साम्राज्य की प्रमुख नदी महाकम नदी है।  कुटई साम्राज्य के वर्तमान महाराजा, एच. आर.  एम. प्रो.  डाॅ. एचसी.एमएसपीए.  लानस्याहरीशज़ा, एफडब्ल्यू पीएचडी वह विद्वान महाराजा हैं।  महाराज की विदुषी पत्नी का नाम महरातु श्रीनिला कर्मिला पर्कास्तियावती देवी जिसे 2005 में शादी की।  उनके यशस्वी पुत्र और पुत्रियों के नाम (1) एच.आर.एम.  महाराज मुदा नाला इंद्र वक्रोच दिलया जेनगे श्री राजा - 24 अक्टूबर, 2010 राईडिंग द वायसराय किंग - 27 दिसंबर, 2017(२) एच।  आर।  एच।, इमातु मुदा मयांग मुलवरनी पर्तवी (3) एच.आर.एच.  महारतु मुदा वज़रा फदमी।और यह सभी हमेशा देश को विशेष रूप से (एनकेआरआई) को समर्पित करने के लिए समर्थन और उत्साह प्रदान करते हैं और कुटई मूलवर्मन के साम्राज्य को प्रथम नुसंतरा साम्राज्य के रूप में जाना जाता है। बता दें कि कुटई किंगडम आर्किपेलागो में हिंदू साम्राज्य है जो इंडोनेशिया में सबसे पहला ऐतिहासिक साक्ष्य साम्राज्य है।  कुटई साम्राज्य की स्थापना 4 वीं शताब्दी (लगभग 400 सी.ई.) से हुई है, जो कि कुटई साम्राज्य के अस्तित्व को मुरा कामन, कुताई कीर्तनगारा रीजेंसी, पूर्वी कालीमंतन, इंडोनेशिया में 7 यूपा आकार के शिलालेख स्तंभ से मिला था।यह राज्य पूर्वी कालीमंतन के मुरा कामन में स्थित है, विशेष रूप से महाकम नदी के ऊपरी छोर पर।  हिंदू के पल्लव शिलालेख की भाषा में 'कुताई' नाम का अर्थ है "ब्राह्मण पुजारियों के लिए एक उपहार"।  शिलालेखों से पता चलता है कि 4 वीं शताब्दी में, पठार से राज्य के अस्तित्व का संकेत दिया गया था।  जब भारतीय व्यापारी सुमात्रा, जावा और सुलावेसी के द्वीपों पर पहुंचे, तो इन धर्मों की संस्कृति को क्रमशः 2 या 4 शताब्दी के आसपास इंडोनेशिया में लाया गया था। इंडोनेशिया के कुटई मूलवर्मन साम्राज्य को भारत में भी सम्मान से जाना जाता है क्योंकि उसकी उत्पत्ति मगध भारत से हुई है।  बता दें कि भारत के महान सम्राट पुष्पमित्र शुंग के ही वंशज हैंं। पुष्पमित्र शुंग (१८५ - १४ ९ ई॰पू उत्तर) उत्तर भारत के पुष्यमित्र एक महान राजा थे।मगध का नाम द्वापरयुग से जाना जाता है।  मगध का पहला सम्राट बृहद्रथ।  बृहद्रथ का पुत्र जरासंध।  जरासंध के पुत्र सहदेव।  भगवान श्रीकृष्ण ने जरासंध के पुत्र सहदेव को मगध का राजा घोषित किया।  सहदेव ने महाभारत के युध में पाण्डवों का साथ दिया।जिन्हें भगवान श्री कृष्ण जी ने आज से लगभग 5200 साल पहले पुनः सनातन धर्म में स्थापित किया था।  लेकिन जब मौर्य साम्राज्य के समय बौद्ध धर्म के अनुयायियों ने ग्रीक लोगों के साथ मिल कर राष्ट्र द्रोह और राज्य द्रोह किया तब उस समय पुष्यमृत शुंग ने बौद्ध और ग्रीक लोगों का सम्पूर्ण विनाश किया और फिर से पूरे भारत में सनातन धर्म स्थापित किया। आकांक्षा सक्सेना अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता-दोनों भाई आकाश कुमार व अक्षांशु कुमार व डॉ केतन तलसानिया, सोसलमीडिया, किंग ऑफ कुटई मूलवर्मन और अमृतसर पंजाब के पत्रकार भाई कुलजीत सिंह और गुजरात से शेख जाकिरमहीद गुलअहमद और वाराणसी के पत्रकार ब्रजेश कुमार व दिल्ली के पत्रकार मुकुंद को देती हैं। 


















https://samridhjharkhand.com/samridh-special/ambassador-became-the-first-indian-woman-to-interview-and-write-history-of-maharaja-of-kutai-moolavarman-empire-indonesia-dr-blogger-akanksha-saxena


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वंदेमातरम् 
ससम्मान आभार आदरणीय 🙏🙏🙏💐💐💐


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