Breaking News

नागरिकता प्रमाणपत्र की अनिवार्यता :


सवा सौ करोड़ लोग कहाँ के प्रमाणित 

नागरिक ? 

.............. ............. ............. ................

सर्वसुलभ हो भारतीय नागरिकता का प्रमाणपत्र व पहिचानपत्र

...............................

भारत के सम्बंधित लोगों को उनकी पहिचान का आधार कार्ड  सुलभ करवाया गया है जिसमें स्पष्ट लिखा है कि यह नागरिकता की पहिचान नहीं | यह कितने अचरज की बात है कि देश के सवा सौ करोड़ लोगों को अपने ही देश भारत की नागरिकता का प्रमाणपत्र व पहिचानपत्र ही प्राप्त नहीं करवाया गया है | जिसे प्राप्त करवाया जाना भारतीय जनजीवनहित में व उनके न्यायहित में हर हालत में अनिवार्य एवं परमावश्यक है | देश के प्रत्येक जागरूक नागरिक को, संस्था को, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडियाकारों को, देश की केन्द्र सरकार एवं सर्वोच्च न्यायपालिका को इस गम्भीर मामले में तुरन्त कार्यवाही करनी चाहिये और देश के प्रत्येक नागरिक को भारतीय नागरिकता का प्रमाणपत्र व पहिचानपत्र प्राप्त करवाना चाहिये | देश की निचली व ऊँची अदालतों में करीब साढ़े तीन करोड़ मुकदमें विचाराधीन है | वे सब इसी दस्तावेज के अभाव के कारण हैं | इन मामलों को निपटाने के लिये देश की वर्तमान केन्द्र सरकार रिटायर्ड न्यायाधीशों की नियुक्ति करने की सोच रही है | ऐसा प्रतीत होता है कि भविष्य में केन्द्र सरकार राज्यपालों की भांति न्यायालयों में भी अपने नेताओं को न्यायपाल बनाकर भर्ती करे और अपने बचाव में मनमाने फैसले करवाये | यदि भविष्य में ऐसा हुआ तो भला कौन न्याय पर विश्वास करेगा | यह कितने अचरज की बात है कि देश की वर्तमान केन्द्र सरकार को जो संचालित करवा रहा है वह भारत का राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ परिवार संगठन स्वंय ही पंजीकृत वैधानिक,बीमाकृत संवैधानिक व लाईसैंसीकृत कानूनी सर्वोच्च न्यायिक संस्था नहीं है | देश की यह हालत है अंधे पीस रहे और.....खा रहे हैं | अंधेर नगरी और चौपट राजा वाला खेल जारी है | अन्यथा यह देश विश्व की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अब तक मुखिया होता और देश में सभ्य भारतीय समान नागरिक आचारसंहिता क्रियान्वित होती जिसकी विश्वव्यापी प्रमाणित शाख होती | देश के प्रत्येक नागरिक का जीवन शिक्षित, रोजगारयुक्त, न्याययुक्त व अपराधमुक्त होता |
    भारतीय संविधान में दिये समानता के अधिकार के तहत भारतीय नागरिकों के विवाह, जन्म व मृत्यु के पंजीकरण, बीमाकरण व लाईसेंसीकरण के अधिनियमों के तहत संचालित भारतीय नागरिकों के विवाह, जन्म व मृत्यु के पंजीकरण, बीमाकरण व लाईसैंसीकरण के सर्वोच्चन्यायिक अभिलेखानुसार पंजीकृत वैधानिक, बीमाकृत संवैधानिक व लाईसैंसीकृत कानूनी सर्वोच्चन्यायिक प्रमाणितरूप से विवाहित, जन्में व मृतक स्त्री, पुरूष व किन्नर भारतीय नागरिक व्यक्ति की समदर्शी, पारदर्शी व सर्वोच्चन्यायिक स्पष्ट परिभाषा देश के प्रत्येक नियम, व अधिनियम व कानून में दर्ज की जानी भारतीय जनजीवनहित में व उनके न्यायहित में अनिवार्य एवं परमावश्यक है |
      देश के प्रत्येक विवाहित, जन्में व मृतक स्त्री, पुरूष व किन्नर भारतीय नागरिक के विवाह, जन्म व मृत्यु का पंजीकरण राजस्वकर, बीमाकरण वित्तकर व लाईसैंसीकरण आयकर भारत के राजकोष, वित्तकोष व आयकोष में जमा करवाया जाना भारतीय जनजीवनहित में व उनके न्यायहित में अनिवार्य एवं परमावश्यक है जिससे कि यह जीवन की टैक्स चोरी का काला धन किसी के भी पास जमा न हो सके | देश के गद्दार धोखाधड़ी के षड़यंत्रकारियों, जीवन के टैक्सचोरों व इस कालेधन के जमाखोरों का पूर्वनियोजित इस धोखाधड़ी का षड़यंत्र नष्ट हो सके | देश के प्रत्येक विवाहित, जन्में व मृतक स्त्री, पुरूष व किन्नर भारतीय नागरिक को उसकी विवाहित होने का, पैदा होने का व मृतक होने का उसके विवाह, जन्म व मृत्यु का पंजीकृत वैधानिक, बीमाकृत संवैधानिक व लाईसैंसीकृत कानूनी भारतीय उत्तराधिकारित, राष्ट्रीय मानवाधिकारित व भारतीय सर्वोच्चन्यायिक प्रमाणपत्र व पहिचानपत्र प्राप्त करवाया जाना भारतीय जनजीवनहित में व उनके न्यायहित में अनिवार्य एवं परमावश्यक है जिससे कि भारतीय जनजीवन की दस्तावेजी लावारिसी उन्मूलित हो सके और कोई भी किसी का भी फर्जी उत्तराधिकारी न बन सके तथा कोई भी किसी की रियासत, विरासत व मिल्कियत को  तथा उसके पूर्व निर्धारित अधिकार व कर्तव्य को हड़प न सके |
    भारतीय नागरिकों के पहिचान के सभी प्रकार के राजनीतिक समाजी सरकारी व मतकारी, आर्थिक समाजी अर्द्धसरकारी व कर्मचारी एवं सामाजिक समाजी निजीकारी व श्रमकारी दस्तावेजों में दाखिल एवं खारिज देश के प्रत्येक विवाहित, जन्में व मृतक स्त्री, पुरूष व किन्नर भारतीय नागरिक की विवाहतिथि, जन्मतिथि व मृत्युतिथि की वैधानिक पंजीकृत संख्या, संवैधानिक बीमाकृत संख्या व कानूनी लाईसैंसीकृत संख्या सम्बंधित संयुक्त कार्यालय के अभिलेखानुसार जारी उपरोक्त प्रमाणपत्र व पहिचानपत्र के अनुसार दर्ज की जानी भारतीय जनजीवनहित में व उनके न्यायहित में अनिवार्य एवं परमावश्यक है जिससे कि देश का प्रत्येक नागरिक पंजीकृत वैधानिक आदर्श गौरवशाली सरकारी व मतकारी राजनीतिक समाज का, बीमाकृत संवैधानिक महान प्रतिभाशाली अर्द्धसरकारी व कर्मचारी आर्थिक समाज का एवं लाईसैंसीकृत कानूनी महानतम् मर्यादाशाली निजीकारी व श्रमकारी सामाजिक समाज का स्मृद्धिशाली, वैभवशाली एवं विश्व विजयी सैन्यशक्तिशाली सभ्यभारतीय नागरिक बन सके और उसे इस आशय का अपने भारतीय नागरिक होने की प्रमाणिक पहिचान का भारतीय नागरिकता का प्रमाणपत्र व पहिचानपत्र प्राप्त हो सके | जिससे कि यह सिद्ध हो सके कि भारत में रह रहे वर्तमान में सवा सौ करोड़ लोग भारत के ही सर्वोच्चन्यायिक प्रमाणित सभ्य भारतीय नागरिक हैं |
     जिससे कि प्रत्येक भारतीय नागरिक को अपने सृजनशील जीवन का उद्देश्य पूरा किये जाने हेतु उसे उसकी इच्छा व शिक्षा योग्यतानुसार बिना किसी बाधा के समान सरकारी व मतकारी, अर्द्धसरकारी व कर्मचारी एवं निजीकारी व श्रमकारी आजीविका व पैंसन तथा समान बुनियादी सेवायें व सुविधायें अनिवार्य एवं परमावश्यकरूप से प्राप्त हो सकें जिससे कि राष्ट्र के अंदर एवं बाहर का आतंक, भ्रष्टाचार एवं दुराचार उन्मूलित हो सके |
     देश में लागू विभाजन एवं विनाश की बदनियति एवं बदनीति उन्मूलित हो सके तथा देश में संगठन एवं विकास की नेकनियति व नेकनीति क्रियान्वित हो सके जिससे कि सभी का जीवन अपराधमुक्त एवं रोजगारयुक्त संस्कारवान, समानतावान एवं शांतिवान सुखमय व्यतीत हो सके |


आकांक्षा सक्सेना
ब्लॉगर 'समाज और हम'

No comments