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अंतर्राष्ट्रीय तंबाकू निषेध दिवस '31मई2018' पर विशेष :



अंतर्राष्ट्रीय तंबाकू निषेध दिवस
        '31मई2018'
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     [तंबाकू आनंद नहीं, मौत का वारंट] 


आज तंबाकू (सिगरेट, बीडी, खैनी, गुटखा) की लत को फैशन बनता जा रहा है। आज जब टीवी पर फिल्म स्टारों को जब तंबाकू का प्रचार करते देखतीं हूँ तो यहीं सोचती हूँ कि मोटी रकम से किस तरह स्टार लोग किसी गरीब के घर का दिया बुझाने में लगे हैं। ऊँची लोग,ऊँची पसंद का प्रचार करने वाले क्या अपने परिवार को तंबाकू खाने देते होगें या बस देश के भोले भाले नौजवानों को बस बरगलाने में रत् हैं। पता हो कि प्रतिवर्ष 70लाख लोग तंबाकू की वजह से दुनियां छोड़ देते हैं। सच तो यह भी है कि तंबाकू के भयंकर दुष्परिणामों से हर कोई वाकिफ़ है पर विडंबना देखो! कोई अपने जीवन के प्रति गम्भीर नहीं, यह जानते हुये कि देश का इलाज या तो झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे दम तोड़ रहा और या तो अतिमंहगे इलाज की चौखट पर दम तोड़ने को विवश है। बेहद दुखद बात यह है तंबाकू के खतरे से जागने वाले बहुत कम है इसीलिए तो विगत 21 वर्षों से अंतरराष्ट्रीय तंबाकू निषेध दिवस मनाना पड़ रहा है। इसकी शुरुआत 1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सदस्य देशों के साथ मिलकर जनकल्याणहेतु इस दिन की जोरदार शुरुआत की थी।
इस वर्ष 2018 की थीम 'टोबैको ब्रेक्स हाट्स' रखी गयी है। वो इसलिये क्योंकि प्रतिवर्ष तकरीबन 20लाख लोग तंबाकू के चलते भयंकर कॉर्डियोवैस्कुलर रोगों से तिल-तिल करके मारे जाते रहे हैं। 
इस गम्भीर परिस्थिति को देखते हुये हम आप से करजोर प्रार्थना करते हैं कि प्लीज़ खुद भी छोड़ो औरों की भी छुड़वायें, आइये जीवन बचायें। 

- ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना 





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