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नूपुर शर्मा की फोटो पर की गई पेशाब

 


आने वाली पीढ़ी को बचा लो 🙏

नूपुर शर्मा ने अपनी गल्ती पर लिखित माफी भी मांग ली। बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निकाल भी दिया । उपद्रवियों ने उनका साड़ी पहनाकर पुतला फांसी पर टांगा, उसकी फोटो सड़कों पर लगायी,जूतों से चहलकदमी कर ली, अरब कतर आदि अनेकों देशों से डांट भी पड़वा ली,भारत सरकार के राजदूत को कतर ने तलब तक कर लिया। बाद में देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू जी ने कतर में सब बातें भी सुन लीं, सम्भाल लीं, सबको संतुष्ट किया। फिर भी उपद्रवियों ने अनेकों शहर में दंगे करवा लिये और अब रही बची कसर बच्चों को आगें करके,जानबूझकर कैमरे के सामने उनकी फोटो पर पेशाब करवाकर, इसका वीडियो वायरल करके पूरी की जा रही है। नूपुर के साथ तो ऐसा बर्ताव हो रहा जैसे वह कोई आतंकवादी हो?जबकि इतना हंगामा तो कसाब जैसों के लिए नहीं हुआ कि यह आतंकी मजब को शर्मिंदा कर रहे, इनका पुतला लटकाओ, आतंकी की फोटो पर पेशाब करवाओ। अब ज़रा तसल्ली से सोचो! जिन उपद्रवियों ने सनातनियों के आराध्य शिवलिंग को तमाम अपशब्द बोले, देवियों के नग्न चित्र वायरल किये पर सनातनियों ने तो उन लोगों के साथ इतना बुरा बर्ताव नहीं किया? यहां तक की सबा नकवी ने शिवलिंग के लिए कहा था ब्रेकिंग न्यूज भामा एटोमिक रिसर्च सेंटर को बड़े से शिवलिंग से ढ़क दिया, कह कर मजाक उड़ाया था। सनातनियों ने ट्विटर पर लिख-लिख कर खूब गुस्सा उतारा पर एक महिला का पुतला /फोटो पर पेशाब करवाने जैसा बुरा ख्याल तक मन में नहीं लाया। शिवलिंग को क्या कुछ गंदा नहीं बोला गया पर सनातनियों ने मंदिरों से पत्थर नहीं फेकें? क्यों सबा नकवी का सार्वजनिक अपमान किया? बिल्कुल भी नहीं। यह सब आप ईमानदारी से सोचना। कृपया इन बच्चों को आगें करके पेशाब करवाने वालों, इस नफरत में बच्चों को शामिल मत करो। आप सब समझदार हैं कि चारो तरफ से डर्टी पॉलिटिक्स हो रही है। जो भी दंगे में पकड़े गये, जेलों में हैं। सोचो! उनमें कोई भी बच्चा अमीर घर का, किसी बड़े नेता का या किसी.. लाना का है? जेल  गये बच्चों के बिना माता-पिता को नींद आ रही होगी? पर बच्चों को दंगाई बनाने वालों उन उकसाने वालों पर कोई फर्क नहीं पड़ता? गरीब ही मरता है.. यह वो राजनीति है। ध्यान रहे कि इसी देश में हम सबके प्यारे राष्ट्रपति कलाम भी हुए हैं। ये बच्चे कैसे कलाम बनेगें? कागज़ पर भला कोई पेशाब करता है। कागज़ कलम तो पूज्यनीय है, हमारे लिये मां सरस्वती हैं। कृपया दोनों पक्ष अब शांत हो जाओ। नेताओं से रोटी-रोजगार की बात करो।लड़ कर किसी का भला नहीं होगा। वैसे भी धरती पर जो आया है, एक दिन सबको मर कर जाना है। कोई धरती मां के नीचे दफ़्न होगा तो कोई धरती मां के ऊपर जलेगा। यहां कोई अमर नहीं। अमर सिर्फ़ अच्छाई हैं। समय रहते आने वाली पीढ़ी को बचा लो..... प्रत्येक भारतीय! 

ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना, न्यूज ऐडीटर सच की दस्तक 1:40Am 12/06/2022  #peacefuliindia

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