सर्प सूक्त : कालसर्प दोष निवारण शांति प्रयोग
कालसर्प दोष निवारण मंत्र-
आइए ! हम यह जाने की
काल सर्प दोष आखिर! है क्या?
जैसा कि आपको विदित ही है कि
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार पूर्व
जन्म के जघन्य अपराधों के दंड
या शाप उस मनुष्य की कुंडली में
परिलक्षित होते हैं।
यह योग कुछ इस प्रकार से
बनते हैं की कुंडली में राहु
एवं केतु के मध्य सूर्य मंडल के
सातों ग्रह आ जाते हैं।
यह योग कालसर्प योग
कहलाता है। जिस कारण
से राहु एवं केतु उस मनुष्य
के जीवन अपना बहुत ज्यादा
प्रभाव डालते हैं।
ग्रहों की स्थिति के अनुसार
कालसर्प योग का जातक के
जीवन में सकारात्मक एवं
नकारात्मक दोनों प्रकार के
प्रभाव दिखाई देते हैं।
राहु एवं केतु में जो गुण हैं
वह शनि की तरह ही होते हैं।
राहु एवं केतु को किसी भी
राशि का स्वामित्व प्राप्त नहीं है
परंतु यह ग्रह जिस व्यक्ति की
कुंडली में, जिस घर में विराजमान
हो जाते हैं उस घर का संपूर्ण
स्वामित्व प्राप्त कर लेते हैं।
जिस मनुष्य की कुंडली में
कालसर्प दोष होता है -
1-वह व्यक्ति अपने रोजगार या
नौकरी के लिए बहुत परेशान रहता है।
2-अत्यधिक मेहनत करने के
पश्चात भी उसे अच्छे परिणाम
प्राप्त नहीं हो पाते हैं।
3- जीवन कष्टों से भरा होता है।
जीवन में सुख चैन कम,
चिंता ज्यादा होती है जिस
कारण से वह मनुष्य अवसाद
में रहने लगता है।
4-यदि संतति की बात करें
तो ऐसे व्यक्तियों को संतान
प्राप्ति नहीं होती है ।यदि होती
भी है तो वह विकार युक्त होती है।
5-ऐसे मनुष्य को वैवाहिक
सुख प्राप्त नहीं हो पाता है।
कालसर्प योग कुंडली में ग्रहों
की स्थिति एवं राशि के आधार
पर मुख्यतः 12 प्रकार के
माने गए हैं।
कालसर्प दोष हेतु उपाय
काल सर्प योग के दोष के निवारण हेतु निम्न उपाय किए जा सकते हैं।
- पीपल या बरगद के पेड़ को प्रतिदिन पानी दें ।
- आप इसके लिए राहु एवं केतु की पूजा करें ।राहु एवं केतु के मंत्रों का जाप करें।
- कालसर्प दोष निवारण मंत्र का जाप करें |
राहु के मंत्र- ।।ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:।।
केतु के मंत्र – ।। ऊँ स्त्रां स्त्रीं स्त्रों सः केतवे नमः।।
- भगवान शिव की पूजा अर्चना करें। सरसों का दीपक जलाकर “ओम नमः शिवाय “ मंत्र का 21000 बार जप करें।
- भगवान श्री कृष्ण का पूजन करें और प्रतिदिन “ओम नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जप करें।
- नमनाग स्त्रोत्र का पाठ करें।
- सर्पों की पूजा करें तथा नाग पंचमी को नागों की पूजा अर्चना करें।
- प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें।
- श्रावण मास में 30 दिनों तक भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करें।
- सोलह सोमवार के व्रत करें एवं भगवान शिव को जल चढ़ाएं।
- विधि विधान से त्रंबकेश्वर मंदिर में कालसर्प दोष शांति का पूजन कराएं।
- कालसर्प दोष निवारण मंत्र का जाप करें
कालसर्प दोष निवारण मंत्र
- आप इसके लिए राहु एवं केतु की पूजा करें। राहु एवं केतु के मंत्रों का जाप करें।
राहु के मंत्र– ।।ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:।।
केतु के मंत्र – ।। ऊँ स्त्रां स्त्रीं स्त्रों सः केतवे नमः।।
- भगवान शिव की पूजा अर्चना करें। सरसों का दीपक जलाकर “ओम नमः शिवाय“ मंत्र का 21000 बार जप करें।
- भगवान श्री कृष्ण का पूजन करें और प्रतिदिन “ओम नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जप करें।
- महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें।
- कालसर्प दोष निवारण मंत्र का जाप करें |
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। नान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
- नमनाग स्त्रोत्र का पाठ करें।
अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलं शन्खपालं ध्रूतराष्ट्रं च तक्षकं कालियं तथा एतानि नव नामानि नागानाम च महात्मनं सायमकाले पठेन्नीत्यं प्रातक्काले विशेषतः तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत इति श्री नवनागस्त्रोत्रं सम्पूर्णं ll
॥ नाग गायत्री मंत्र ॥
ll ॐ नव कुलाय विध्महे विषदन्ताय धी माहि तन्नो सर्प प्रचोदयात ll
सर्प सूक्त / कालसर्प शान्ति प्रयोग -
नमोSस्तु तेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।। 1।।
इन्द्रलोकेषु ये सर्पा: वासुकि प्रमुखास्तथा।
शनिवार को करें यह काम
काले कुत्ते को खिलाएं तेल लगी रोटी
वैवाहिक समस्या होगी दूर
कालसर्प दोष का होगा निवारण
मोर पंख घर में रखना बहुत शुभ माना जाता है क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और वास्तु दोष भी खत्म होता है। कालसर्प दोष से निवारण के लिए आप मोर पंख के पंखा को पवित्र स्थान पर रखें और भगवान शिव का ध्यान करते हुए हुए सुबह और रात में सोने से पहले पंखा से उनकी हवा करें। ऐसा करने से कालसर्प दोष का अंत होता है।
छोटे उपाय -
शिव जी पर चंदन का इत्र चढ़ायें
और स्वयं भी लगायें।
करें गरूण देव की आराधना -
No comments