माननीय प्रधानमंत्री जी से निवेदन है कि मुकदमें पाँच साल में फाइनल नहीं बल्कि और भी कम समय में फाइनल होने चाहिये| उत्पीड़ित,शोषित लड़कियों,महिलाओं और बच्चों के लिये ये समय बहुत ज्यादा है|
अतः जब आज सभी कार्य आॉनलाइन हैं तो न्याय में इतनी देरी क्यों.,?
न्याय में देरी क्यों...
Reviewed by Akanksha Saxena
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April 15, 2015
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