Breaking News

हमारी फिल्म A Soul that Beats - assistant director - Akanksha SAXENA.






क्रिऐटिव फिल्म डाइरेक्टर अमृत सिन्हा जी 

          से बातचीत के कुछ अंश..



देश के प्रतिभाशाली उभरते महनती डाईरेक्टर अमृत सिन्हा जी की फिल्म A soul that beats जो कि भोजन की बर्बादी पर आधारित है |समाज और देश दुनिया के हित के लिये, हमारे जीवन मूल्यों पर और मानवता धर्म पर समाज के एक सत्य को पर्दे पर ला रहें हैं अमृत सिंहा जी | जो  कि समाज और देश दुनिया को भोजन की बर्बादी को रोकने के लिये, अपनी फिल्म के माध्यम ये पूरी दुनिया को जागरूक करते दिखेगें Film A Soul that beats में |अत: दोस्तों आप से समाज और हम ब्लॉग की तरफ से ये गुजारिश है कि मानवता को जिंदा रखने के नाते और अपने जीवन मूल्य और सच्चे कर्तव्य के नाते ये फिल्म जरूर देखें और अपने दोस्तों को भी दिखायें जिससे हमारे समाज में श्रेष्ठ बदलाव की उम्मीद सच सिद्ध हो सके और लोगों की मानसिकता में सुधार हो जिससे हमारा देश प्रगृति के नये कीर्तिमान स्थापित करने में सफल सिद्ध हो |

धन्यवाद

http://blogavleenaanand.tumblr.com/post/142850951053/a-soul-that-beats


ये है फिल्म A soul that beats के सूटिंग के कुछ द्रश्य......








तो ये थे फिल्म कास्ट के कुछ फोटो और सूटिंग के कुछ फोटो |
इस फिल्म की कहानी के सम्बंध में अमृत सिंहा जी ने बताया कि कहानी आनंद डी गुप्ता जी ने लिखी और फिल्म के डाइरेक्टर भी आनंद डी गुप्ता जी हैं और मैं क्रिऐटिव डाइरेक्टर हूँ इस फिल्म में और भी अमृत जी ने  जी भी हमें बताया वो इस प्रकार से है ......


Some stories, they just come and go. They will either make u laugh or cry for a moment. We can simply count them in numbers, to be precise box office numbers. This is termed as commercial cinema trending all over the world and we adore this. Don’t we?
But there are certain films which make us think about ourselves, leave a kind of impression on us by their simple storytelling and then we tend to ask few questions about ourselves, “What are we doing on this earth”? “What’s my purpose?” Am I setting the right example? And many more...
Such films are known as social experimental films. These films, just want to make a difference in your life by leaving a mark on your heart. 
“A soul that beats” is one such kind of a movie based on the morals of Mahatma Gandhi and his ideology. Nobody wants to be the last in this race of high thinking and high living knowing the fact that still inequality and poverty prevails in their own country. People who are living much urban life will continue to do so and those who are under poverty and caste system, well they will be there only. 
Tanay Films wants to explore the idea of Mahatma Gandhi, his belief in simple living and high thinking by showing four real life characters which not only shows reality of modern India but also bring those people in front who actually follows “Gandhian philosophy” but they usually get unnoticed.
“This film has shaped up nicely, and can bring a difference in people’s mindset. It carries a strong message which can bring tears and make people think” says Anand Das Gupta, writer of A soul that beats.
Tanay Films International has been in the commercial industry for long, and he is sure with his experimental social service film that he can and will bring the change in the society.

अपनी फिल्म के विषय में अमृत सिंहा जी से हमने पूछा कि सर आपकी फिल्म के बारे में बतायें तो उन्होंने देखो क्या कहा ?

We are living in a society  where poverty prevails in every sphere of Indian society 
Through our film we not only portray  that poverty and class ethics but also focuses wasting food is a crime. It may be luxury for some on the other hand it may be neccesity for other.

धन्यवाद सर जो आपने अन्न की बर्बादी पर फिल्म बनायी ये सचमुच बहुत जरूरी बात है आज बड़ी बड़ी शादियों में जो खाने की बर्बादी होती है किसी से छुपी नहीं हैं |बबफ सिस्टम आज बर्बादी सिस्टम बन गया चुका है |हम तो कहते हैं  कि हर शादी समारोह में एक कलेण्डर टांगा जाये जिस पर बड़ा बड़ा लिखा हो ..

उतना ही हो थाली में
बरबाद ना जाये नाली में

धन्यवाद सर हमसे बातचीत के लिये और समाज और हम ब्लॉग को इतनी अच्छी फिल्म की जानकारी देने के लिये और धन्यवाद आपके कीमती समय के लिये |हम आकांक्षा सक्सेना आपकी फिल्म की सफलता की कामना करती हूँ कि आपकी फिल्म सभी के दिलों में अपनी छाप छोड़ सकने में कामयाब रहे |
आपको अापकी फिल्म के लिये समाज और हम ब्लॉग की तरफ से अग्रिम बधाई |

दोस्तों अपने देश में अन्न को देवता का दर्जा प्राप्त है  अत: अन्न की बर्बादी का मतलब है भगवान का अपमान |इस लिये इस अच्छी फिल्म सपरिवार
जरूर देखियेगा |












9 comments: