सवा सौ करोड़ भारतीयों की चिंता एंव जरूरत व उसका निराकरण :
सवा सौ करोड़ भारतीयों की चिंता एंव जरूरत व उसका निराकरण :
सवा सौ करोड़ भारतीयों की चिंता एंव जरूरत ये है कि उनके पहिचान के सभी प्रकार के दस्तावेजों में दाखिल एंव खारिज उनका विवाहित, अविवाहित (जन्मा )एंव मृतक जीवन पंजीकृत वैधानिक, बीमाकृत संवैधानिक एंव लाईसौंसीकृत कानूनी, भारतीय उत्तराधिकारित, राष्ट्रीय मानवाधिकारित एंव भारतीय सर्वोच्च निर्णायक निर्वाविवादित अपराधमुक्त अनिवार्य एंव परमावश्यक रूप से दर्ज हो तथा उन्हें अपने जीवन का श्रजनशील उद्धेश्य पूरा किये जाने हेतु उनकी इच्छा व योग्यतानुसार बिना किसी बाधा के समान सरकारी व मतकारी, अर्धसरकारी व कर्मचारी एंव निजीकारी व श्रमकारी आजीविका व पैंसन तथा बुनियादी सेवायें व सुविधायें अनिवार्य एंव परमावश्यकरूप से प्राप्त हों और वे रोजगारयुक्त हों और न्याययुक्त हों |
यह काम देश के माननीय सर्वोच्च मुख्य न्यायाधीश , केन्द्रीय संघ सरकार के मुखिया, देश की सभी समाजसेवी संस्थाओं एंव देश के सभी प्रिन्ट एंव इलेक्ट्रानिक मीडिया को व्यक्तिगत दिलचस्पी एंव पारदर्शिता से राष्ट्र के पुर्निमाण के लिये करना चाहिये तथा राष्ट्र में राष्ट्रव्यापी
" राष्ट्रीय अपराधमुक्तता एंव रोजगार युक्तता जागरूकता अभियान "
प्रत्येक वफादार नागरिक को मरने से पूर्व ऐसा कोई एक व नेक काम करके मरना चाहिये ताकि यह देश , दुनिया व परमात्मा उसकी सदैव याद करे |
आकांक्षा सक्सेना
ब्लॉगर समाज और हम
सह संपादक सच की दस्तक मैग्जीन
विशेष संवादाता आमजा न्यूज पोर्टल
राष्ट्रीय सचिव ऑल इंडिया कायस्थ महासभा
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