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इसलिये मनाते हैं शिक्षक दिवस -



जिसे देता है हर व्यक्ति सम्मान

जो करता भविष्य निर्माण,

जो बनाता व्यक्ति को इंसान

ऐसे समस्त गुरूओं को कोटिश प्रणाम🙏।



भारतवर्ष के महान आचार्य चाणक्य जी ने कहा था कि, ''मुझे चिंता या भीख की आवश्यकता नहीं धनानंद, मैं शिक्षक हूँ।यदि मेरी शिक्षा में सामर्थ्य है तो अपना पोषण करने वाले सम्राटों का निर्माण मैं स्वयं कर लूँगा।"

शिक्षक दिवस की शुरूआत -

देश के लिए शानदार काम करने के लिए डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन को वर्ष 1954 में देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा गया। भारत रत्न प्राप्त करने के बाद ही वह देश के राष्ट्रपति बने थे। बता दें कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन आजादी के बाद 1952 में वह देश के पहले उपराष्ट्रपति बने। उपराष्ट्रपति के पद के बाद वह 1962 में देश के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में भी कार्यरत रहें। उनकी जयंती 5 सितंबर को है। इसीलिए उन्हीं की याद में भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस की शुरूआत हुई।गौरतलब है कि 17 अप्रैल 1975 को लंबी बीमारी के कारण राधाकृष्णन का निधन हुआ और मरणोपरांत मार्च 1975 में अमेरिकी सरकार द्वारा ‘टेम्पलटन पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया गया था। 

शिक्षक दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाता है, लेकिन उनके लिए अलग-अलग दिन निर्धारित हैं। कुछ देशों में इस दिन छुट्टी रहती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह 5 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य शिक्षकों के महत्व और उनके योगदान को सम्मान दिलाना है। जिस तरह भारत में 'शिक्षक दिवस' शिक्षकों को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है उसी तरह 'अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस' सारी दुनिया में शिक्षकों की भूमिका और उसकी जिम्मेदारियों को समझाने के लिए मनाया जाता है।

बाल्यावस्था से लेकर अब तक जिनसे भी जीवन जीने की कला सीखने को मिली। उन सभी महान विभूतियों को बारम्बार नमन। दुनिया में हर इंसान से कुछ न कुछ जरूर सीखा जा सकता है । हर व्यक्ति में एक छात्र और एक शिक्षक विद्यमान है।आप सभी शुभचिंतकों को 5 सितम्बर 'शिक्षक दिवस' की हार्दिक बधाई और अनंत शुभकामनाएं ।🙏💐

_ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना 

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