इंटरव्यू : डीएम सुनील कुमार वर्मा जी
इंटरव्यू : डीएम सुनील कुमार वर्मा, औरैया
[मैं शून्य को अनंत बनाना चाहता हूँ - डीएम सुनील कुमार वर्मा ]
विश्व का इतिहास साक्षी है कि जिसने ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी से दो कदम बढ़कर सुकर्म किये हैं तो इस निसर्ग ने उसे अपने ही तरह विराट और अनंत और महाकीर्तिवान बनाकर जीवंत आशीर्वाद देकर यह साबित कर दिया कि दिव्य ब्रह्मांड उसे देख रहा था। हम बात कर रहे हमारे औरैया जिले के वर्तमान जिलाधिकारी ''समाजशिरोमणि'' मान. श्री सुनील कुमार वर्मा जी की, आप सोच रहे होगें कि हमने उन्हें ''समाजशिरोमणि'' शब्द से अलंकृत क्यों कर दिया। तो इसका जवाब आपको इसी साक्षात्कार को पूरा पढ़ने के बाद मिल ही जायेगा। गौरतलब है कि औरैया जिलाधिकारी बनने से पूर्व 'सर' वाराणसी, सोनभद्र में मुख्य विकास अधिकारी रह चुके हैं। इसके अलावा विधिक वैप विज्ञान के कंट्रोलर भी रह चुके हैं। औरैया में ज्वाइनिंग के पूर्व वह खाद्य एवं रसद आपूर्ति विभाग में विशेष सचिव के पद पर तैनात थे। वह 2013 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। 'सर' के औरैया जिलाधिकारी पद पर आने से पूर्व उनके वे चुनिंदा महत्वपूर्ण कार्यों की समीक्षा या कहूं कि 'जबर्दस्त अभियान' जिनके कारण आज 'सर' देश - विदेश में ख्याति प्राप्त बुलंद शख्सियत हैं।
'सर' की विराट विचारधारा -
सर ने जब से याद सम्भाली तब से ही वह हर जरूरतमंद बच्चों में शिक्षा की अलख जगाते चले आ रहे हैं । उनका कहना है मैं तब तक नहीं रूकूंगा जब तक कि मेरे देश का हर बच्चा शिक्षित न बन जाये, हर बच्चा काबिल न बन जाये और मैं तो हर शून्य को अनंत(महान) बनाना चाहता हूँ, बनते देखना चाहता हूं।
उत्कृष्ट अभियान -
28 दिसम्बर 2015 को 'सर' एटा, आगरा के (सदर एसडीएम) ज्वाइंट मजिस्ट्रेट का पदभार संभाला। जिसमें उन्होंने अपना पूरा समय और क्षमता इस क्षेत्र को दी।
तारीख 31 दिसम्बर 2015 एटा, यूपी का वह दिन जब 'सर' को पता चला कि सूबे में नकली /सिंथेटिक दूध कारखाना धड़ल्ले से चल रहा है तो सर ने स्वत: संज्ञान लेते हुए तुरंत छापा की कार्यवाही की और स्वंय मौके पर पहुंच कर पूरे 3000 लीटर से अधिक सिंथेटिक दूध मौके पर नष्ट करवाया और सभी संबंधित संपत्ति को जब्त कर लिया गया। यह प्रतिदिन 20,000 लीटर से अधिक का अवैध व्यवसाय था, जिससे छोटे बच्चों सहित लोगों के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।धारा 272, 273 आईपीसी, खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम (2006) और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया और दो को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया था।
17 जनवरी 2015 के दिन 'सर' ने गौरखपुर में अवैध देशी शराब के खिलाफ़ एक अभियान चलाकर करीब 20 क्विंटल कच्चा माल और 50 लीटर तैयार शराब नष्ट करवा दी थी।
सन् 2015 में अवैध खनन पर 'सर' ने जबर्दस्त पहल के अनरूप उन्होंने सख़्ती भी की और आमजनमानष को समझाया भी कि अवैध खनन न केवल पर्यावरण और पारिस्थितिकी को प्रभावित करता है बल्कि किसानों की फसलों को भी बर्बाद करता है। मवेशी गहरे और खड़ी गड्ढों में गिरकर असमय मर जाते हैं पर 'सर' की यह नैतिकतापूर्ण अभिव्यक्ति एटा के खनन माफियाओं को रास नहीं आयीं और उन्होंने उस समय एसडीएम सदर श्री सुनील कुमार वर्मा जी को 28जनवरी2016 ट्रैक्टर से कुचलने का प्रयास किया व 'सर' की टीम पर तीन बार हमला हुआ पर 'सर' की मजबूत ईरादों के सामने षडयंत्रकारियों के मंसूबे कभी पूरे न हो सके।
मई 6, सन् 2015 में आदरणीय 'सर' के समक्ष नेपाल भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए हाईटेक राहत शिविर, गोरखपुर ने दुनिया के 17 देशों और भारत के 17 राज्यों के 12000 से अधिक पीड़ितों की सेवा की। इन्हीं मानवतावादी सुकर्मों की वजह से सर लोकप्रियता का शिखर छूते चले गए।
25 फरवरी 2016 का वह ऐतिहासिक दिन जब 'सर' ने ईंट भट्टों पर कार्य करने वाले 6 परिवारों के 21 बंधुआ मजदूरों को रिहा कराया और उन्हें समाज की मुख्य विकास धारा से जोड़ने का भागीरथ प्रयास किया।
24 अप्रैल 2016 का वह दिन जब एटा सिटी में दुर्भाग्यपूर्ण तेजाब हमले चरम पर थे तब औचक निरीक्षण के फलस्वरूप बिना लाईसेंस तेजाब बेचने वाले मुख्य आरोपी व दुकानदार को गिरफ्तार कर लिया गया है। मुख्य आरोपी पर आईपीसी की धारा 326ए के तहत मामला दर्ज किया गया।जिससे बेटियों की जान की रक्षा हो सके।
26 अप्रैल 2016 एटा का वह दिन जब 'सर' ने पीएनडीटी एक्ट के तहत अवैध क्लीनिक व अल्ट्रासाउंड मशीन पर छापेमारी, कन्या भ्रूण व माता को बचाने का सार्थक प्रयास किया जिसमें त्वरित कार्रवाई करते हुए एक अल्ट्रासाउंड मशीन व अनाधिकृत क्लिनिक सील करवा दिया गया ।
30मई2016 का वह संघर्षरत् दिन जब 29 गौवंश मरे को जिस कारण तीन घंटे उपद्रवियों ने बवाल किया था जिस कारण फायरिंग भी हुई थी और उन गौवंश लदे टैंकर से कुछ को बचा भी लिया गया था उस खूनी संघर्ष में 'सर'अपनी जान जोखिम में डाल स्वंय पुलिस के साथ बवालियों को खदेड़ते दिखे।
2फरवरी 2021 औरैया में सर ने विशाल रोजगार मेले का सफल आयोजन करवाया वहां 11 कम्पनियां आईं जिसमें 459 लोगों का चयन किया गया जिसमें डीएम सर की भूमिका को काफी सराहा गया।
17 अगस्त 2017 का वो ऐतिहासिक दिन जब 'सर' ने जिला प्रशासन द्वारा 1018 महिला प्रधान और स्वच्छाग्रही के लिए शौचालय के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए छवी महल सिनेमा हॉल, चौकाघाट, वाराणसी में फिल्म "टॉयलेट एक प्रेम कथा" की विशेष स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई थी। जिसकी सबसे बड़ी बात यह थी कि इनमें से ज्यादातर महिलाएं अपनी पूरी जिंदगी में पहली बार सिनेमा हॉल गई थीं, वो भी आदरणीय 'सर' की प्रेरणादायी पहल के कारण, और उन सबके चेहरे पर 'सर' के लिए आशीर्वादित मुस्कान थी।
28 सितम्बर 2017 वाराणसी जोन में 'सर' ने स्वच्छता सम्बन्धित जोरदार पहल की जिसमें शौचालय निर्माण की "ट्विन पिट तकनीक" की पूरे देश में ही नहीं विश्व भर में सराहना हुई।क्योंकि यह कम लागत, पर्यावरण के अनुकूल, ग्रामीण स्तर पर निर्माण में आसान है।
इसके अलावा भी आदरणीय 'सर' ने दिव्यांग जनों, पोषण अभियान,सिर्फ़ साक्षरता नहीं बेहतरीन शिक्षा, शिक्षक सम्मान, नारी सशक्तिकरण, बेटियों की कम उम्र में ब्याह पर रोक, शिक्षा पर जोर, मतदान पर जोर, अपने अधिकारों के लिए जागरूकता कार्यक्रम, विज्ञान से जुड़ी उनकी विचित्र पहल, लोकहितकारी अनेकों अभियानों द्वारा किए गए तमाम उत्कृष्ट कार्यों के लिये अनेकों सम्मानों से नवाज़ा जा चुका और हाल ही मैं उन्हें महामहिम राष्ट्रपति जी द्वारा डिजिटल इंडियन सम्मान मिला है और लंदन द्वारा विश्व रिकॉर्ड में 'सर' का नाम दर्ज हुआ है।
आइये! जानते हैं इस साक्षात्कार में इस विधानसभा चुनाव माहौल में औरैया जिलाधिकारी की जिम्मेदारी के बारे में -
साक्षात्कार -
1-सर! निर्वाचन अधिकारी होने के नाते इस चुनाव के
दौरान आपकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी और सबसे बड़ी चुनौती क्या है?
इलेक्शन जो है सबसे बड़ी मेंन मैनेजमेंट और रिसोर्स मैनेजमेंट एक्सरसाइज़ । इसमें ह्यूमन रिसोर्स का मैनेजमेंट इंवॉल्व होता है और साथ में जो भी मैटेरियल मैनेजमेंट है जिसमें चाहे ईवीएम हो या बाकी चीजें हों, हमारे चुनाव सामग्री इत्यादि होती हैं तो उसका बहुत हैवी लेवल पर मेनेजमेंट इंवॉल्वड रहता है। इसमें सबसे बड़ी चुनौती आती है एक तो पर्सनल मेनेजमेंट जो हमारे चुनाव कर्मी लगेंगे । उनकी ट्रेनिंग करवाना उनको ट्रेंड करते हुए उनको सा समय इलेक्शन के लिए भेजना। दूसरी जो सबसे बड़ी चुनौती रहती है इस समय पर लॉयन आर्डर को मेंटेन रखना शांति व्यवस्था कायम रहे। तीसरी बड़ी चुनौती जो हमारे सामने हैं वोटर पर्सेंटेज बढ़ाने की। क्योंकि औरैया है जो 60% के आसपास मतदान करता रहा है। चौथी बड़ी चुनौती जो है लॉयन एनफोर्समेंट की जो हमारी एमसीसी से रिलेटेड है क्योंकि इस बार एमसीसी के अलावा जो कोरोना रिलेटेड प्रोटोकॉल है वह भी काफी स्टैंडर्ड लेवल के इंटिमेट किये गये हैं की पॉलिटिकल पार्टी है वह किस तरीके से अपना प्रचार- प्रसार करें और करोना कि नियमों का पालन करेंगे इन सब चीजों का पालन करते हुए एक निर्भय माहौल में अपना चुनाव करवाना और वोटिंग परसेंटेज बढ़ाना यह मेजर चैलेंज हमारे सामने हैं।
2- इस चुनाव में औरैया जिले का कितना वोट प्रतिशत रहने की संभावना है?
कोशिश तो हमारी जारी है । हम इसको 70 परसेंट के ऊपर ले जायें और इसी के तहत हमने स्वेत मुहिम चला रखी है जिसमें ''वत्स अभियान'' चल रहा है जोकि वोटर अवेयरनेस अभियान है। इसमें साईंस से रिलेटिड मेजिकल शोज होते हैं । उन शोज(कार्यक्रम) के जरिए हम प्रत्येक गांव तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं और लोगों को कन्वेंश करने की कोशिश करते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग वोट करने के लिये घरों से निकलें और ज्यादा से ज्यादा मात्रा में वोट पड़ें। इसमें दूसरा हमारा अभियान है 'बुलावा टोली' जो थोड़ा अलग है। बुलावा टोली के तहत हम लोगों ने गांव में सरकारी प्राथमिक विद्यालय हैं उन विद्यालयों में हमने 10-10 बच्चों की टोलियां बनवाई हैं। जो गांव में 20 तारीख को जाकर लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करेंगीं और उनको घरों से निकाल कर मतदान के लिए स्नेहपूर्वक खींच कर लायेगें और साथ में ही महिलाओं की भी बुलावा टोली बनाई गई है जो कि स्वयं सहायता समूह की महिलाएं हैं जो कि महिलाओं के घर जायेगीं और वह महिलाओं के वोट प्रतिशत को बढ़ाने के लिए प्रेरित करेंगी। जिससे ज्यादा संख्या में वोटर आएंगे। इसके साथ ही तीसरा 'बाल अचीवर' अभियान भी शुरू किया है जिसके लिए फॉर्म दिए गए हैं। सभी परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को करीब 50 हजार फॉर्म डिस्ट्रीब्यूट किये गए हैं। वह अपने अभिभावकों से वह फॉर्म भरवाकर प्रेरित व प्रतिबद्ध करेगें। उनसे एक तरह से शपथ लेगें कि वह मतदान करने अवश्य जाएं।
3- सर आपके जिलाधिकारी रहते हुए क्या औरैया प्लास्टिक सिटी का निर्माण और रोजगार सम्भव हो सकेगा?
जिले- औरैया में जो प्लास्टिसिटी बनी हुई है उसका आज से करीब 10 साल पहले निर्माण हुआ था, जमीन अधिकृत हो गई थी। करीब 10- 12 साल से इस पर कुछ किसानों ने अवैध तरीके से कब्जा किया हुआ है।अब उनको वहां से निष्कासित कर दिया गया है और वह सिटी अब पूरी तरह खाली कराई जा चुकी है। अब इसमें पहली बार ऐसा हुआ है कि करीब 60-70 प्लॉट जो हमारा यूपी सीटा है, उसने व्यापारियों को दे भी दी है और इसकी शुरुआत हो चुकी है।अब व्यापारी भी आने शुरू हो गए हैं और वे जैसे - जैसे अपनी इकाइयों का निर्माण और स्थापना करते हैं फिर धीरे-धीरे यहां औद्योगिकीकरण शुरू हो जाएगा।
4-सर आजकल प्रधानमंत्री जी एक अभियान बहुत जोरों पर है, नारी सशक्तिकरण व नारी शक्ति। उस पर मेरा आपसे विनम्रतापूर्वक यह सवाल है कि व्यक्ति के पहचान के दस्तावेज आधार कार्ड में पिता जी का नाम तो दर्ज होता है पर माता जी का नाम अभी भी दर्ज नहीं है। तो क्या मैं यह समझूं कि क्या देश की नारी आज भी उपेक्षित है?
नहीं! उपेक्षा तो नहीं है लेकिन ट्रेडिशनली (परम्परागत) एक नाम होता है जो शुरू से सिर्फ़ पिता का नाम ही जोड़ते रहे हैं ये लोग।हाँ, इस तरह से अगर कोई मुहिम चलायी जाये कोई अभियान चलाया जाये कि आधारकार्ड में माता का नाम जोड़ा जाए तो यह वास्तव में एक सार्थक पहल होगी और इसको जितना बढ़ाया जाये, उतना अच्छा है क्योंकि आइडेंटिटी के तौर पर माता का नाम जैसे - पहले हाईस्कूल इंटर की मार्कशीटों में भी नहीं आता था जो अब सही कर लिया गया जो मार्कशीटों में जोड़ना शुरु हो गया है तो आधार में भी इसको जोड़ा जाना ठीक रहेगा और इसमें हम भी अपना समर्थन देते हैं और यह हमारी नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक बेहतर पहल होगी और बेहतर कदम होगा।
5-कोरोना काल में आपके कोरोना मेनेजमेंट कार्यों को वर्ल्ड फोरम की तरफ से सम्मानित किया गया है
हम आपकी जिले से विश्व तक की इस अविस्मरणीय यात्रा के बारे में जानना चाहते हैं सर?
कोराना की जो सेकंड लहर थी।उसमें कोरोना का जो बहुत ज्यादा भय था। उस लहर के दौरान उस टाइम पर हम लोगों ने अपने कोरोना वार्ड में बेड की संख्या 70 से बढ़ाकर 200 कर ली थी। ऑक्सीजन के लिए अलग से हम लोगों ने अपना क्रायोजेनिक टैंकर जमशेदपुर भेजा था। वहां से हम लोगों ने अलग से स्पेशल व्यवस्था करा कर खुद के खर्चे पर देवकली मंदिर ट्रस्ट बनाया। देवकली मंदिर ट्रस्ट से पैसा लगाकर और कुछ व्यापारियों ने चंदा दिया। उनके पैसे व सहयोग से हम लोगों ने क्रायोजेनिक टैंकर और उस टैंकर में हम लोगों ने लिक्विड ऑक्सीजन मंगाकर स्टोर किया था। जिससे हम लोगों के पास 10 दिन का स्टॉक रहे। जहां अन्य जनपदों में बेड की कमी थी ऑक्सीजन की कमी थी पर यहां औरैया में न कभी बेड की कमी रही और ना ही ऑक्सीजन की कमी रही। अस्पताल का जो प्रबंधन था उसको भी बेहतर से बेहतर बनाने के लिए प्रयास किया गया। इसके अलावा लगातार डेली बेसिस पर हम स्वयं भी अस्पतालों के अंदर जो कोरोना वार्ड थे उसके अंदर पी. पी. ई. किट पहन कर जाते थे। हमारी सीएमओ मैडम जाती थीं और अन्य अधिकारीगण जाते थे। इसके अलावा हमने खाने पीने की व्यवस्था पर भी पूरा ध्यान दिया। क्योंकि वहां पर जो मरीजों के तीमारदार बहुत होते थे। एक टाईम पर वहां करीब 150-200 पेसेंट एडमिट थे। उनके तीमारदारों के लिए हम लोगों ने लंगर की व्यवस्था चलाई। देवकली ट्रस्ट जो हमने बनवाया उसके पैसे से जो व्यापारियों द्वारा दान दिया गया था तात्कालिक तौर पर। बस इन्हीं सब सुव्यवस्थाओं को काफी सराहा गया । इन्हीं सब बेहतर व्यवस्थाओं के कारण हमें यानि जिले को यानि जिलाधिकारी औरैया को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन द्वारा पुरस्कृत किया गया।
6- सर सिविल की तैयारी करने वाले जो परीक्षार्थी है जो हमारे औरैया के साथ - साथ पूरे भारतवर्ष में हैं। वो एक या दो असफलताओं के बाद निराशा से भर जाते हैं और उन परिस्थितियों में वह गलत राह चुन लेते हैं उन परीक्षार्थियों को.. आप क्या संदेश देना चाहेगें सर?
देखिए! सिविल सर्विस जो है, केवल इंटेलिजेंस का गेम नहीं है। सिविल सर्विस जो है व परिसिंटेंस का और कंसिस्टेंसी का भी गेम है और तब वो आपके पेशंस को भी नापते हैं और वो आपके रिजियलेंस को भी नापते हैं वह आपके धैर्य को नापते हैं बेसीकिली। मेरा अनुरोध सबसे यही है कि धैर्य बनाये रखें। क्योंकि मेरा भी सिविल सर्विस में तीन बार सिलेक्शन हुआ । पहले मैं एनटीपीसी में जॉब करता था। एनटीपीसी के बाद मेरा पहला सिलेक्शन हुआ मैं दमन दीव प्रशासनिक सेवा (DANIAS) में आया। दूसरा सिलेक्शन हुआ तो मैं इनकम टैक्स में आया, इण्डियन रिवेन्यू सर्विस इन इन्कमटेक्स(IRSIT) । फिर मेरा तीसरा सिलेक्शन हुआ फिर मैं आईएस होम केडर में पोस्टिंग मिली तो मेरा सब से यही है कि आप अपना धैर्य बनाए रखें अगर मैं भी धैर्य खो देता तो शायद मैं पहले अटेंम्ब के बाद दूसरे अटेम्ब छोड़ देता। सिर्फ अभी से तैयारी करना तो मैंने लगातार में चारा टाइम दिए हैं तो 4 में से 3 अंक में सिलेक्शन हुआ है तो जब भी आप बेहतर मन से प्रयास करते हैं। पूरी लगन से प्रयास करते हैं तो मेरा यह मानना है कि आपको सफलता अवश्य मिलती है और अपना धैर्य मत खोइये और अपनी निराशा में कहीं गुम न हो जायें और ज्यादा से ज्यादा बेहतर प्रयास करते रहें और तैयारी करते रहें।
7- सर! औरैया निवासी होने के नाते मैं आपसे विनम्रतापूर्वक पूछना चाहती हूँ कि औरैया में अभी तक का आपका अनुभव कैसा रहा?
औरैया बेहतर जनपद है यहां के लोग और प्रशासनिक अमला मिलकर बेहतर कार्य करता है तो उसकी सराहना भी करते हैं । उसको प्यार भी करते हैं। और मैंने भी यही कोशिश की है कि औरैया को मैं अपना सब कुछ दे सकूं। अपना मैक्सिमम टाईम और मेक्सिमम एफर्ट, औरैया के विकास में लगा सकूं। चाहे वह दिबियापुर प्लास्टिक सिटी हो। चाहे वह देवकली ट्रस्ट का निर्माण हो। देवकली ट्रस्ट के जरिए देवकली मंदिर की प्रबंधन व्यवस्था को सुधारा। औरैया का नुमाइश ग्राऊंड बिल्कुल तिरस्कृत पड़ा हुआ था। हमने उसको संवारने का कार्य किया।हमने नुमाइश ट्रस्ट बनवाया।जिसके तहत प्रदर्शनी लगवायी जा सकती है और पिछली साल बेहतर प्रदर्शनी लगवायी भी गयी थी।
8-औरैया जिले की सबसे अजीब बात आपको क्या लगी?
औरैया जिले की सबसे अजीब बात मुझे यह लगी कि यहां पर एसपी और डीएम, डीएफओ (डिस्ट्रिक्ट फोरेस्ट ऑफिसर) के आवास तक नहीं बने थे। जबकि पूरे 24 साल हो गये जिले के निर्माण हुए । अब हमने डीएम आवास का निर्माण शुरू करवा दिया है जोकि लगभग आधे से ज्यादा पूर्ण हो चुका है। इसके अतिरिक्त एसपी और डीएफओ (डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट ऑफीसर) आवास के लिए भी हमने जमीने अलॉट कर दीं हैं ताकि एक इंस्टीट्यूशन बेहतर तरह से विकसित हो सके। यही हमारे बेहतरीन अचीवमेंट रहेगें अगर हम इंस्टीट्यूशन को आगे बढ़ा पायें और औरैया के विकास में सहयोग दे पायें।
9- सर मैं औरैया जिले से महिला पत्रकार होने के नाते आपसे पूछना चाहती हूँ कि आपकी पत्रकारों के विषय में क्या राय है?
पत्रकार समाज और देश को आगें बढ़ाने के लिए बहुत बेहतर कार्य कर रहे हैं और एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है पत्रकार की वो वह एक सूत्रधार के रूप में होते हैं। जो प्रशासन कार्य कर रहा है और जो समाज है और प्रशासन के बीच में जो एक कम्युनिकेशन का कार्य होता है वह पत्रकार द्वारा बेहतर तरीके से किया जाता है अगर पत्रकार अपने रोल का बेहतर तरीके से रोल अदा करते हैं तो डेमोक्रेसी का चौथा पिलर वो कहीं कमजोर न होने पाये। उस पिलर का काम है कि निष्पक्ष तरीके से रिपोर्टिंग करें और सरकार की चीजों(योजनाओं /खबरें इत्यादि) को जनता तक पहुंचाएं और जनता का फीडबैक सरकार तक पहुंचाएं। इसमें जो पत्रकार की भूमिका होती है, उसकी मैं सराहना करता हूं औरैया के भी और देश के अन्य पत्रकारों की भी।
10- कहते हैं कि एक सफल पुरूष के पीछे महिला का हाथ होताहै? आपकी फैमली और वाईफ के बारे में दो शब्द सर?
मेरे पूज्यनीय माता-पिता, बच्चों सहित पूरा परिवार मेरी ऊर्जा है और मेरी वाईफ एक बेहतरीन दोस्त, बेहतरीन माँ और एक बेहतरीन इंसान हैं। इसके अलावा मैं वसुधैव कुटुम्बकम मैं यकीन रखता हूँ।
आदरणीय पाठकों और शुभचिंतकों! सच कहूँ तो किसी भी महान विभूति की सम्पूर्ण जीवनयात्रा के प्रतिपल सदृश्य मोतियों को शब्द सूत्र में नहीं पिरोया जा सकता, यह समय को बांधने जैसा होगा। हाँ! हमने प्रयास किया है कि मान. 'सर' के सुकर्मों की सुकीर्ति इस पत्रिका के माध्यम से सम्पूर्ण देश के लगभग प्रत्येक जनमानस तक पहुंचा सकूं।
भारत सरकार से विनम्र अपील :
'सर' आपकी विशुद्ध लगन,दक्षता, सौम्यतामय सामर्थ्यता, उम्दाहुनर प्रकृति रक्षण हेतु चित्रकला रचनाधर्मिता, उच्च आदर्श नैतिक मूल्यों से ओतप्रोत और समाज व देश में बच्चों, बृद्ध, दिव्यांग जन, महिला अधिकार जागरूकता,युवा रोजगार हेतु किये गये उत्कृष्ट कार्यों के फलस्वरूप हम हमारे महान भारतवर्ष के महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी से और ग्लोबल लीडर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से विनम्र निवेदन करती हूँ कि हमारे जिले की सूर्यसुधा, जन हृदय सम्राट,त्वरित उम्मीद, पारसमणि स्वरूप विशुद्ध चैतन्य, अहंकार रहित, उच्च आदर्श, कतिपय, शख्सियत मान. जिलाधिकारी श्री सुनील कुमार वर्मा जी को पद्मश्री,पद्मविभूषण के साथ ही देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ''भारत रत्न'' प्रदान करने की कृपा करें। हम आपके आभारी रहेगें।
।। सत्यमेव जयते ।।
इंटरव्यू : डीएम सुनील कुमार वर्मा जी,औरैया /टीम सच की दस्तक राष्ट्रीय मासिक पत्रिका, वाराणसी
जिला औरैया के कर्मठ जिलाधिकारी श्री सुनील कुमार वर्मा जी को उनके इंटरव्यू वाली मैग्जीन सच की दस्तक शिष्टाचार के साथ भेंट करते हुए औरैया के ब्यूरोचीफ अक्षांशु कुमार।
DM Auraiya Full vedio interview link
Thanks 🙏💐
इंटरव्यू : डीएम सुनील कुमार वर्मा जी
Reviewed by Akanksha Saxena
on
April 01, 2022
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