ESTHATI
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....शोहदे ......
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अंगुलियों के पोरों पर गड़ना की सितारों की
इस अँधेरी दुनिया मै आशा की उजालों की
घर मै रखा है फूटा बरतन,
बातें की हजारों की।।
कंकरीट पर रात बिता के सपने देखें महलों के
इस भिखारी दुनिया से आशा की मिल जाने की
सिर पर रखा है बोझ बहिन का,
बातें की मसालों की।।
एक पुरानी बात छिपा कर कोशिश की सो जाने की
एस भूखी दुनिया से आसा की भुनाने की
यादों से भरा है दिल का कोना,
बातें की ब्याह रचाने की।।
हथेली पर पापों का लेखा बातें करते पुण्य की
एस मुर्छित दुनिया से आशा की स्वः जगाने की
मेहंदी से रचे हांथों को पकड़कर,
बातें की धर्म निभाने की।।
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ये 06-06-2007 मै लिखी थी।
आकांक्षा सक्सेना
बाबरपुर,औरैया
उत्तर प्रदेश .
....शोहदे ......
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अंगुलियों के पोरों पर गड़ना की सितारों की
इस अँधेरी दुनिया मै आशा की उजालों की
घर मै रखा है फूटा बरतन,
बातें की हजारों की।।
कंकरीट पर रात बिता के सपने देखें महलों के
इस भिखारी दुनिया से आशा की मिल जाने की
सिर पर रखा है बोझ बहिन का,
बातें की मसालों की।।
एक पुरानी बात छिपा कर कोशिश की सो जाने की
एस भूखी दुनिया से आसा की भुनाने की
यादों से भरा है दिल का कोना,
बातें की ब्याह रचाने की।।
हथेली पर पापों का लेखा बातें करते पुण्य की
एस मुर्छित दुनिया से आशा की स्वः जगाने की
मेहंदी से रचे हांथों को पकड़कर,
बातें की धर्म निभाने की।।
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ये 06-06-2007 मै लिखी थी।
आकांक्षा सक्सेना
बाबरपुर,औरैया
उत्तर प्रदेश .
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