दिन की हसीन दुल्हन है रात - ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
दिन की हसीन दुल्हन है रात ......
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हर रात एक परीक्षा है
हर रात एक तपस्या है।।
हर रात एक कहानी है
रात एक खूबसूरत नशा है।।
जिसको चढ़ा है वह जाग गया है
दिन की हसीन दुल्हन है रात ।।
रात को 'रात' क्यों कहते इंसान
रात को प्रणाम क्यों नही करते ।।
दिन की उज्वलता है,रात की गम्भीरता है
दोनों का सुन्दर स्वभाव दोनों प्रभु की कृति हैं ।।
दिन अगर प्रेम है
तो, रात खूबसूरत इंतजार है ।।
रात भी बेहद हसीं जादूगरनी है
दिन की मुठ्ठी खुलते ही क्या से क्या बना जाये ।।
"तेरे बुरे दिनों मै रात तेरे साथ जागी है।"
''जब दिन धोके मै डूबा
तो,रात ने तुझे कभी तन्हां होने न दिया।''
''तेरे खामोश आसुओं को बस रात ने देखा है
दिन अगर पिता है तो रात सलोनी माँ है। ''
आकांक्षा सक्सेना
बाबरपुर ,औरैया
उत्तर प्रदेश
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रात एक सहेली है
ReplyDeleteजो
बांटती है खुशियों की सौगात को.
रात सहेली है जो देती है कन्धा रखने को सर
गम में डूबे ख़यालात को
रात साक्षी है
इन्सान के अच्छे-बुरे की
और देती है ज़रुरत पड़ने पर गवाही
पाक रिश्ते में बंधे
दुल्हे-दुल्हन की बारात को
dhnyvad dost ji....
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