तुम्हारे देश की आत्मा
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मेरे अन्दर जान फूंक दो,मैं भी ज़िन्दा हो जाऊँ
शब्दों मैं शब्दों को गूँथ दो मैं भी ज़िन्दा हो जाऊँ
दुनिया से वासना को मिटा दो मैं भी ज़िन्दा हो जाऊँ
तुम्हारे देश की सभ्यता हूँ कहीं विलुप्त ना हो जाऊँ
मेरे अंदर जान ..................... ज़िन्दा हो जाऊँ
खुद के अंदर ही झांक लो मैं भी ज़िन्दा हो जाऊँ
सत्य को वाणी मैं बांध लो मैं भी ज़िन्दा हो जाऊँ
दिमाग से आतंक मिटा दो मैं भी ज़िन्दा हो जाऊँ
तुम्हारे देश की संस्कृति हूँ कहीं विलुप्त न हो जाऊँ
मेरे अन्दर जान ....................ज़िन्दा हो जाऊँ
अपने दिल की आवाज़ सुन लो मैं भी ज़िन्दा हो जाऊँ
आत्मिक आयु भी जान लो मैं भी ज़िन्दा हो जाऊँ
दुनिया को स्वयं से मिलवा दो मैं भी ज़िन्दा हो जाऊँ
दुनिया को अपना नाम बता दो मैं भी ज़िन्दा हो जाऊँ
मेरे अंदर जान ........................ज़िन्दा हो जाऊँ
दिनचर्या में प्रेम जोड़ दो मैं भी ज़िन्दा हो जाऊँ
दुनिया के दिलों को जोड़ दो मैं भी ज़िन्दा हो जाऊँ
मुझसे तुम अपना दर्द बाँट लो मैं भी ज़िन्दा हो जाऊँ
तुम्हारे देश की आत्मा हूँ कहीं,कहीं ना खो जाऊँ
मेरे अंदर जान फूंक दो मैं भी ज़िन्दा हो जाऊँ
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आकांक्षा सक्सेना
बारपुर जिला - औरैया
उत्तर प्रदेश
Very Nice Post Akanksha jee......I appreciate you....Dr.Manmohan Singh
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