..............................क्यूँ ?
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क्यूँ ?
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नामुमकिन नहीं दुनिया में जो कुछ इंसान ने चाहा है
मजबूत इरादे और खादी से देश को आजाद कराया है
नामुमकिन नही दुनिया में जो कुछ इंसान ने चाहा है
गंगा को धरती पर लाया भागीरथ से प्रभु भी हारा है
नामुमकिन नही दुनिया में जो कुछ इंसान ने चाहा है
शून्य देकर भारत ने दुनिया को गणित सिखाया है
नामुमकिन नही दुनिया में जो कुछ इंसान ने चाहा है
चन्द्र मंगल ग्रह पर जा पहुंचा किस्सों को सच बनाया है
नामुमकिन नही दुनिया में जो कुछ इंसान ने चाहा है
गंगा उदास गौ व्याकुल इंसानियत पर प्रश्नचिन्ह लगाया है
नामुमकिन नही दुनिया में जो कुछ इंसान ने चाहा है
देश के अथक प्रयासों को सारी दुनिया ने सराहा है
नामुमकिन नही दुनिया में जो कुछ इंसान ने चाहा है
नशामुक्त हो भारत अपना ये सपना क्यूँ हरा है
नामुमकिन नही दुनिया में जो कुछ इंसान ने चाहा है
ये प्लास्टिक बना कर क्यूँ इंसा अपने अविस्कार से हरा है
नामुमकिन नही दुनिया में जो कुछ इंसान ने चाहा है
आज पूरे देश मैं क्यूँ आक्रोश का बादल छाया है
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आकांक्षा सक्सेना
जिला - औरैया
उत्तर प्रदेश
कौन कहता है आसमान में छेड़ नहीं हो सकता
ReplyDeleteएक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों