साजन का मतलब
नींद ने एक बार आँखों से पूछा साजन का मतलब क्या
होता है ?
आँखें मुस्कुराती हुईं बोली,''सुन रे सखी ।''
.......
पलकों के सुन्दर दरबाजों में ताला साजन लगा गए
नयनों के मस्त मेहखानों मैं ताला साजन लगा गए
अब नींद सखी तुम आ न सकोगी इन शर्मीले नयनों में,
पलकों के सुनहरे दरबाजों में ताला सजन लगा गए
नींद सखी बहार से दरबाजे को पीटे जाती हें ।
काजल की तिरछी रेखा साजन को पुकारे जाती है
बावरा आंसु दीवाना बन डोल रहा
हाय ! काजल की रेखा को छिप कर देख रहा
नींद सखी बार-बार आकर लौट गई ।
इस आंसू के दीवाने आँसू से
हाय ! मेरी काजल की रेखा हार गई ।
पलकों के दरबाजे खुले
कजरारे आंसू पलकों की सीमा लाँघ गए
आंसुओं मैं घुली काजल की रेखा को देख
मिलन की परिभाषा जान गई
नींद भी आँखों मैं आकर ठहर गई
प्रीत के आगे नींद बेचारी हार गई
नींद ने कहा आँखों से ...
तेरा ये सुन्दर मुखड़ा बिन नींद के बुझ गया
आँखों ने मुस्कुराते हुए कहा,''अरे नहीं सखी,मेरा साजन रास्ते मैं कहीं रुक गया।''
नींद अचानक दौड़ी और कहीं छिप गई .....
मुझे साजन का दीदार हुआ
माथे पर ख़ुशी की चमक होंठों पर हंसी नाच उठी
जुल्फों मैं गजरा महका साजन को एक तक देख रही
नींद दूर खड़ी मुस्कुराती साजन का मतलब समझ गई ।
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आकांक्षा सक्सेना
बाबरपुर जिला - औरैया
उत्तर प्रदेश
बहुत अच्छी रचना .शुक्रिया .
ReplyDeletethanks
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