पुर्नस्थापना
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दबी रहने दो आह दिल मैं
बाहर आयी तो बदुआ होगी
सच बोलने की आज हिमाकत न कीजिये
जुबां पे बात आयेगी हथकड़ी हाँथ मैं सज जायेगी ।।
दुनिया मैं आज मूछवाली बात कहाँ रही
किस्से ये पुराने हुए बात हंसी मैं उड़ी ।।
दिलों मैं राज करते थे कभी रफ़ी -मुकेश के गाने
आज के पॉप गानों मैं गालियाँ ही गालियाँ भरीं ।।
घर मैं खुद के सम्मान की बात क्या करते हो
मात्र भाषा को सम्मान कितना दिया करते हो ।।
अंग्रेजी मैं भी क्या कीर्तन बनाओगे
भगवान को भी पेस्टी-बर्गर खिलाओगे ।।
महंगाई,बेरोजगारी,भुखमरी मैं जनता पिस रही
युवा पीढी पाश्चात सभ्यता के पीछे दौड़ रही ।।
अब आ जाओ भगवान कलकी सुधारो ये व्यवस्था
हो बुराई का अंत कीजिये धर्म की पुर्नस्थापना ।।
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आकांक्षा सक्सेना
बाबरपुर जिला- औरैया
उत्तर प्रदेश
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