रंग होली के
रंग होली के
......................रंग होली के सबको सुहाने लगते हैं
अरे ! अस्सी साल के दादा भी
आज दीवाने लगते हैं
रंग होली के देखो गज़ब कर जाते हैं
काले गोरे सभी को
एक कर जाते हैं
रंग होली के देखो क़यामत करते हैं
होली के बहाने लोग गालों को
छूने की हिमाकत करते हैं
रंग होली के देखो मगन कर जाते हैं
रंगे फटे -पुराने कपड़े पहने
सभी झूमते नज़र आते हैं
रंग होली देखो प्रेम बरसाते हैं
रंग से भरी एक मुठ्ठी से
लोग तन -मन में बस जाते हैं
रंग होली के देखो कितना सिखा जाते हैं
आपस प्रेम और सम्मान से रहने का
शांति सन्देश दे जाते हैं
आकांक्षा सक्सेना
जिला - औरैया
ये पंक्तियाँ लिखने का समय
साझ ३:४०
७ मार्च २०१३
अच्छी रचना। बधाई। शिवरात्रि के मोहक माहौल में आपको भी होली की अग्रिम शुभकामनाएं। खूब लिखिए। http://yatindranathchaturvedi.blogspot.in/
ReplyDeletedhnyvad ji
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