आज प्रेम को.................... आज जिस्म को ज़िस्म से इतना लपेटा जाता है,इतना लपेटा जाता है क़ि लिपट -लिपट कर घुटन से उसका दम उखड जाता है ।आकांक्षा सक्सेनाजिला औरैया४ मार्च 2013
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