दिल की हालत ............................................दिल में चुभन हैनिगाहों में प्यासमेरे दिल की हालतबहुत ही ख़राबदिल फेंक आशिक़बहुत घूमते पहनाते लैला कोहवस की पाज़ेबदिल होता कलमनिगाहें सुनाती फ़रमानमेरे दिल की हालतबहुत ही ख़राब दिल फेंक आशिक़कुछ ऐसे भी हैबना डालते लैला कोजुल्म की एक क़िताबदिल मैं टकरावनिगाहों मैं झुकावमेरे दिल की हालतबहुत ही ख़राब अब दोस्तों भीडाले रखती नकाबहर दिल को पड़ीआज धोखे की मारदिल भी एक सवालनिगाह भी एक सवालमेरे दिल की हालतबहुत ही ख़राब आज इंसान कीकोई कीमत नहीदिल बिकने लगेसंकरी गलियों मैं आज दिल में घूरता मातमफिर भी निगाहों में सलाममेरे दिल की हालतना पूछो जनाब ..........................आकांक्षा सक्सेनाजिला -औरैयाउत्तर प्रदेश९मार्च २००१३शनिवारसुबह ११:२०
दिल फेंक आशिक़
ReplyDeleteकुछ ऐसे भी है
बना डालते लैला को
जुल्म की एक क़िताब
दिल मैं टकराव
निगाहों मैं झुकाव
मेरे दिल की हालत
बहुत ही ख़राब-------
waah vartman sach bahut sunder rachna
aagrah hai mere blog main sammlit hon
jyoti-khare.blogspot.in
dhanyvad sir g..aapka bhut bhut abhar..aapne jo apna samay hmre shbdon ko diya...
Deletenice...Akanksha G
ReplyDeleteaapka bhut bhut dhnyvad...bhut bhut abhar..
Deleteबहुत कुछ होता है तरक्की के इस जमाने में,
ReplyDeleteमगर ये क्या गजब है कि आदमी इंसान नहीं होता.
dhanyvad aadarniy....bahut bahut abhar aapne apna kuch samay hmre en shbdon ko jo diya hai..
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत .. और बहुत कड़वा सच...
ReplyDeleteवो आदमी आदमी नहीं आदमियत जिसने न जानी ....
आदमी आदमी का साथी है आदमी को बताना पड़ा ........
shaaandaaar
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