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सामान्य जाति का होना क्या पाप है???


असली जहर वो होता है जो आत्मा का भी दम घौंट दे......








हमारे देश में समानता का अधिकार है|आपसी भाई-चारे की भावना पर विश्वास करनेवाला देश माना जाता है अपना भारतवर्ष |देश के सभी स्कूल में ढ़ेरों बच्चे पढ़ते है उनको बताया जाता है कि अाप सब हमारे लिये समान हो एक हो पर तभी बच्चे देखते हैं कि हमारे कुछ साथियों को वजीफा सहायता शुल्क,फ्री किताबें,फ्री में यूनीफॉर्म गणवेश मिल रहा है वो परेशान सा अपनी माँ से कहता है माँ आपने वोट दिया? माँ कहती हमेशा देती हूँ बच्चा कहता है तो फिर हमको सुविधायें क्यों नहीं,हम भी गरीब है,बोलो माँ? माँ उसको एकटक देखती रह गयी कि बच्चे को राजनीति समझायी तो उसका कोमल मन पर क्या प्रभाव पड़ेगा| वो बच्चा बड़ा हुअा तो पता चला कि केवल सामान्य जाति को छोड़कर हर जाति को सरकारी सुविधायें मिलती है | वो और बड़ा होता है तो देखता है कि उसने और उसके साथियों ने सरकारी नौकरी के लिये फॉर्म डालने शुरू किये वो देखता कि समान्यजाति के लिये1000 रू का ड्राफ्ट मांगा गया जबकि उसकी आर्थिक हालत बहुत खराब है और वो साथी मित्र आर्थिक तौर पर बहुत मजबूत है पर पीला राशन कार्ड जुगाड़ से बनवा रखा है|दूसरा फॉर्म भरने गये तो हमारे लिये 500रू का ड्राफ्ट और उन सबकेलिये  मात्र 250 रू का इतना पछपात हम सामान्य जाति के छात्रों और बेरोजगारों पर ! यह असहनीय है|
फिर उस बेरोजगार छात्र ने शिक्षक टी. ई.टी की परीक्षा दी तब तो हद ही हो गयी सामान्य जाति के बेरोजगारों के लिये 90 नम्बर में सफल और वो साथी  मित्र 82 नम्बर में शिक्षक बन गये उनकी ज्वाइनिंग हो गयी और जिन सामान्य जाति के भावी शिक्षक के 88नम्बर आये वो बैठे रोते हुऐ यही कहते है सामान्य जाति का होना क्या पाप है??? तो बोलो कहाँ है देश में सामानता का अधिकार ??? राजनीति ने दिलों में जलन का जहर घोल दिया है समाज में......पता नहीं आगें क्या होगा ??????

13 comments:

  1. बिलकुल सच कहा है...आज के समय में तो सामान्य जाति का होना वास्तव में अभिशाप है...

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    1. सरकार को इस बात का जबाव तो एक दिन देना ही होगा.....
      घन्यवाद कैलाश जी.....

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  2. Replies
    1. पर.....भविष्य क्या होगा देश का......अभी देश में बहुत बदलाव और बड़ी सोच की ताकत की जरूरत है......युवा जाग चुका है...

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  3. जाति व्यवस्था दिखती है पर है कहानी कुछ और ही अभी भी जिसके लिये व्यवस्थाऐं बनी थी वो तो अभी भी हाशिये पर हैं ।

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    1. बिल्कुल सही बात है....समाज आज भी वहीं खड़ा है......पता नहीं कब सवेरा आयेगा...गरीब आज भी गरीब ही है..सुविधायें उन तक नहीं पहुंचती.....
      आपका बहुत आभार
      ............

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  4. सामान्य लोग तो बेचारे वैसे ही हर जगह मात ही खाते हैं ...

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    1. बेचारे है नहीं .....बेचारा होना उमकी बेबसी है....Digamber ji....

      Thanks for reading Blog.....

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    2. फिर चंद सामान्य लोगो के पास देश का सुपर पावर है कैसे ? जबकि देश में सबसे ज्यादा प्रतिशत आदिवासी और sc का है

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  5. बिलकुल नही, पर इंसान के प्रति सामान्य सोच न रखना पाप है जोकि वर्षो से चला आ रहा है, बाकि लोग वेदो का बहाना लेते है और कुछ लोग अपने आपको स्पेसल मानते है

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  6. यहां सभी श्रेष्ट विचारो की श्रखला मौजूद है ।
    मानवीय हितों पर आधारित हर बात यहाँ है ।
    नमन सभी राष्ट्र प्रेमियो को ।

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  7. यहां सभी श्रेष्ट विचारो की श्रखला मौजूद है ।
    मानवीय हितों पर आधारित हर बात यहाँ है ।
    नमन सभी राष्ट्र प्रेमियो को ।

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  8. यहां सभी श्रेष्ट विचारो की श्रखला मौजूद है ।
    मानवीय हितों पर आधारित हर बात यहाँ है ।
    नमन सभी राष्ट्र प्रेमियो को ।

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