बसंत एक आनंद उत्सव
बसंत एक संत
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कल 12 फरवरी है और पूरा देश बंसतोत्सव की तैयारियों में व्यस्त है | यह पर्व प्रकृति के श्रंगार का नवीनता,प्रेम और खुशी का पर्व माना जाता है|इस त्योहार में जहाँ एक ओर पतंगे उड़ाई जाती हैं कि हम पतंग की ही तरह आसमान की उँचाइयाों को स्पर्श कर सके| वहीं एक ओर माँ शारदे की पूजा की जाती है कि वो हमें ज्ञान और विवेक के उजालें प्रदान करें और हम जब उँचाईयों पर हों तब हम में धैर्य और स्थिरता और विनम्रता रूपी गुण आशिर्वादरूप में प्रदान कर हमें अविभूत करें|वैसे बसंत को सभी मौसम का राजा कहा जाता है पर हम इसे एक संत के रूप में देख रहें हैं जो हमें ये समझाता है कि बीती ताये बिसार दे और आंगे की सुध ले मतलब जीवन में घटी बुरी स्मृतियों को भुला कर आगें नये सिरे से जीवन जीने की कला सिखाता है |अरे ! बसंत का अर्थ ब से बहार,स से सभी,न नमन, त से तमन्ना अर्थात बसंत की एक मात्र तमन्ना यह है कि वह मानव,जीव और पादप सभी में अपने सुकर्मों द्वारा बहार लायें और प्रकृति के उस सुगंधित नव परिवर्तन को बारम्बार नमन करता रहे |बसंत एक संत के रूप पतझण रूपी दकियानूसी मानसिकता को हर वर्ष गिराकर नवीन सोच के भविष्य को चमकती कोपलों के रूप में जन्म देता है क्योंकि नवीनता प्रकृति का सत्य है जो भविष्य की महान सम्भावनाओं को जन्म देता है |आइये हम सब बसंत रूपी महान प्राकृतिक संत के कार्यों से सीख लें कि हम हमारी दकियानूसी सोच से बाहर आयें और अगर कुछ बदलना ही है तो आइये हम हमारी मानसिकता बदले और नवीन परिवर्तनों में खुद को सिद्ध करके दिखायें|बसंत हमारे जीवन में घटे,हमारी सोच में घटे,हमारे क्रिया-कलापो में घटे तब हम उस दिन सच्चा बसंतोत्सव मना रहे होगें बस उस परिवर्तन की शुरूवात हम और आप से क्योंनहीं बोलिये आज और अभी बसंत पंचमी से क्योंनहीं दोस्तों|
धन्यवाद
स्वलिखित लेख
लेखिका
आकांक्षा सक्सेना
जिला औरैया
उत्तर प्रदेश
आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (12.02.2016) को "विचार ही हमें बदल सकते हैं" (चर्चा अंक-2250)" पर लिंक की गयी है, कृपया पधारें और अपने विचारों से अवगत करायें, वहाँ पर आपका स्वागत है, धन्यबाद।
ReplyDeleteati uttam lekh hai
ReplyDeletei like it
ReplyDeletebahut sunder vivran hai basant ka keep it up god bless you.
ReplyDeleteJINDAGI KYA HAI, WO VAHI JISE AAPNE DEKHA HAI. YA DEKH KAR BHI NAHI JANA HAI.
Deletevery nice
ReplyDeletebahut sunder vivran hai basant ka keep it up god bless you.
ReplyDeleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteउम्दा रचना |]
ReplyDeleteसुंदर रचना |
ReplyDeleteमातृत्व की तैयारी
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ..वास्तव में प्रकृति का उत्सव है वसंत..
ReplyDelete..वसंत पंचमी की शुभकामनाएं!
Well written, and great command over subject and language.
ReplyDeleteAkanksha saheba really you are doing justice to the writ-up ..wow...keep it up
सच, दकियानुसी सोच से बाहर निकलना जरुरी है । बसंत पंचमी की शुभकामनाएँ ।
ReplyDeleteमेरी २००वीं पोस्ट में पधारें-
"माँ सरस्वती"
VASANT KAB AOGE,FIR KAB SUGANDH BIKHAOGE, TUMHE DEKHANE KI LALAK BAKI HAI, HAR GALI HAR DIL ME TUME PANE KI CHAH JAGI HAI.
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