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8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं -



जो व्यक्ति महिला का सम्मान नहीं कर सकता 
उसे इंसान कहना इंसानियत का अपमान करना है। 

-ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना 



मां का आंसू मत गिरने देना
इससे बड़ा कोई पाप नहीं। 


















पुरुष को हमेशा एक स्त्री का साथ चाहिए। 
   फिर वो चाहे मन्दिर हो या संसार। 
 मंदिर में कृष्ण के साथ - -> राधा
               राम के साथ --> सीता
            शंकर के साथ --> पार्वती



       सुबह से रात तक मनुष्य को

            अपने हर काम में 
              एक स्त्री की
          आवश्यकता होती ही है.




       पढ़ते समय --> विद्या

                फिर --> लक्ष्मी 
       और अंत में -->  शाँति
दिन की शुरुआत --> ऊषा के साथ,
 दिन की समाप्ति --> संध्या से होती है.
   किन्तु काम तो --> अन्नपूर्णा के
                           लिये ही करना है.



    रात यानी --> निशा के समय भी 

                         निंदिया रानी
     सोने के बाद --> सपना



 मंत्रोच्चार के लिये --> गायत्री



          ग्रंथ पढ़ें तो --> गीता



   मंदिर में भगवान के सामने 

          वंदना, पूजा, अर्चना
            आरती, आराधना
                और ये सब भी ...
   केवल --> श्रद्धा के साथ.



       अंधेरा हो तो  --> ज्योति



       अकेलापन लग रहा हो तो -->

         प्रेमवती एवं  स्नेहा



          लड़ाई लड़ने जायें तो --> 

           जया और विजया



      बुढ़ापे में --> करुणा वो भी 



                  --> ममता के साथ.



    गुस्सा आ जाए, तब --> क्षमा



   इसीलिए तो धन्य है --> स्त्री जाति👸

    जिसके  बगैर पुरुष🤵 अधूरा है.



    सम्पूर्ण विश्व की 

नारी शक्ति को प्रणाम 
🙏🏻🙏🏻🙏🏻

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