Breaking News

जब कोई मरे तब हम जगें धिक्कार है! हम पर...... - ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना






कहां हैं वो अवार्ड वापसी गैंग? कहां है मानवाधिकार शांतिधूर्त सेक्यूलर जयचंद गैंग, कहाँ है वो भितरघाती मोमबत्ती पोस्टर गैंग?
_______________________________________

दिल्ली हिंसा में शहीद हुए दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल जी को शहीद के दर्जे के लिए मांग उठ रही है। हम इस मांग का पूरी तरह समर्थन करते हैं। उनकी शहादत को हम सब🙏नमन करते हैं। वो बेगुनाह थे उनकी क्या गलती.. वो तो अपनी ड्यूटी कर रहे थे और कुछ दानवों के कुकृत्य ने आज उन्हें हम सब से बहुत दूर कर दिया, उनका हंसता खेलता पूरा परिवार बर्बाद कर दिया। मुझे बड़े ही दुख के साथ कहना पड़ रहा कि इस उपद्रव ने बीस बेगुनाह लोगों की जान ले लीं और 250 लोग घायल अस्पतालों में बेसुध हैं। मतलब यह कि इस समय कितने ही परिवारों में आंसुओं का सैलाब होगा और कितने शर्म की बात है जब तक किसी की जान ना चली जाये तब तक शासन प्रशासन पूरा महकमा सोया रहता है फिर आंख खुलती तो कहते हैं तुरंत गोली मारने का ऑर्डर.. अरे! जब शुरूआत हो रही थी तब क्यों नहीं बजायी गयीं लाठियां? तभी यह सख्त ऑर्डर होते तो आज देश का जांबाज़ हीरो व दिल्ली के बीस बेगुनाह लोग हमारे साथ होते। इस ढीलापोला रवैया या सरकारी तंत्र की इस घटिया राजनीति भरी उदासीनता ने कितने ही घर बर्बाद कर दिए। अब जागे भी तो क्या जागे? ... देश के कानून आखिर! कब सख्त होगें? सुप्रीम कोर्ट भी समझाने उतर आता है जबकि सुप्रीम कोर्ट को सख्ती दिखानी चाहिए थी...वहां जब नेता देश विरोधी बयान दे रहा था कि कौन किस पर भारी पड़ेगा तब क्यूं उसपर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई? हमारी आदत पड़ चुकी है कि  #जब #कोई #मरे #तब #हम #जगें.. #धिक्कार #है #हम #पर.. . क्या ये प्रदर्शन है जो आम लोगों को इतनी भारी छति पहुंचाये? मैं पूछना चाहती हूँ कि कहां हैं वो अवार्ड वापसी गैंग? कहां है मानवाधिकार शांतिधूर्त सेक्यूलर जयचंद गैंग, कहाँ है वो भितरघाती मोमबत्ती पोस्टर गैंग? आखिर! शहीदों के लिए तुम अवार्ड वापस क्यों नहीं करते.. क्यूं नहीं जलती मोमबत्तियाँ, कहां जाते हैं तुम्हारे मानवाधिकार वाले श्लोगन ट्वीट पोस्टर इत्यादि....काश! की देश के जवानों के लिए तुम लोग एक बार बाहर निकलते....दिल्ली दहल गयी पर तुम लोगों का जमीर है कि जागता ही नहीं... अगर हो तो थोड़ी... शर्म करो... 
सच तो यह है कि देश के यह उपद्रवी दानव बातों के भूत नहीं है साहिब! यह बात आपको सु. कोर्ट को समझनी होगी और अगर देश में खुशहाली चाहिए तो कृपया करके देश के कानून अत्यंत सख्त कीजिए और 
वरना आज दिल्ली के लोग दहशत में हैं। कल कोई भी सैलानी भारत आने में चार बार सोचेगा? अगर यह नया भारत है तो साहिब! कानून भी नये कीजिए... हटा फेंकिए उनके ऊपर से पुराने कवर

दिल्ली हिंसा में जितने भी बेगुनाह हम सबको छोड़ कर गये हैं। परमात्मा उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और जो उनके हत्यारे हैं वो भी भयानक मौत मरें। 
वंदेमातरम् भारत माता की जय 🙏💐

No comments