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दीपावली पर माँलक्ष्मी श्री गणेश माँभद्रकाली पूजन का रहस्य


माता लक्ष्मी के साथ श्री गणेश की पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि दीपावली वाले ही दिन भगवान श्री गणेश ने सर्वप्रथम धान अन्न उपजाकर धान की खीलें बनायी थीं। यह सुनकर बधाई के लिए सर्वप्रथम लक्ष्मी जी उनके पास प्रगट हुईं तो वह हाथों में खील लिए बोले हे! माँ आप इस नवीन नैवेद्य को स्वीकार करें। माता लक्ष्मी और गणेशजी दोनों को साथ बैठा देखकर सभी देवी-देवताओं ने उनकी स्तुति करना शुरू कर दिया था और इसपर महालक्ष्मी जी ने बहुत प्रसन्न होकर श्री गणेश जी से कहा आपने पूरी सृष्टि के लिए धान अन्न की रचना की है अतैव आज से इन चावल के बिना कोई भी शुभ कार्य पूर्ण न माना जायेगा और जो भी आज के दिन हम दोनों माता पुत्र का पूजन करेगा उसके घर में हम दोनों का सदा वास रहेगा। उसके बाद वहां ज्ञान की देवी माता सरस्वती जी प्रगट हुईं उन्होंने भी यह वचन दिया कि जो भी भक्त आज के दिन लक्ष्मी गणेश पूजन करेगा उस घर मैं भी हमेशा वास करूंगी।जब यह बात माता गौरी को पता चली तो उन्होंने अपने पुत्र की इस उपलब्धि पर एक सरल माता की तरह घी के दिये जलाकर अपनी खुशी व्यक्त की थी। बाद में श्री गणेश ने अपने मन में ध्यान किया कि हे! मां सब आशीर्वाद देने आये आप क्यों नहीं आयी? इस पर माता गौरी प्रकट हुईं और समझाया कि जब सब सम्मान दे रहे थे तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था मैं एक साधारण माता कि तरह अपने आंगन में खुशियों के हजारों दीपक चला रही थी तो गणेश जी ने उनसे तुरंत क्षमायाचना की और कहा मां आप मेरे लिए खाने को क्या लायी हो? तो गौरी मां ने कुछ हाथी घोड़े पहाड़ सूर्य चंदा आकृति की चीजें निकाल कर कहा मीठे - मीठे खिलौने बनाकर लायी 
हूं..जो आटे, बेसन और गुड़ के थे जिन्हें देखकर गणेशजी उनके गले से लग गये थे। उन खिलौनों को खाकर गणेश जी ने कहा कि हे! मां आज की रात बहुत काली रात है अच्छा किया आपने दीपमालाएँ चलायीं मुझे भी दीपक जलाने हैं पर मां आज की रात को आप खास बना दीजिए। इसपर माता गौरी ने कहा कि आज की इस भद्रकाली मध्यरात्री में जो भी साधक मेरे भद्रकाली रूप की  आराधना मेरे पुत्र गणेश के साथ करेगा उसकी सिद्धि साधना सफल होगी। उसको मंत्र सिद्धि पूर्ण होगी। यह सुनकर श्री गणेश ने अपनी माता को धान की खीलें खिलाकर उनसे ढेरों आशीर्वाद पाये। 
     इसके अलावा आज ही के दिन भगवान श्री राम चौदहवर्ष बाद अपनी जन्मभूमि अयोध्या लौटे थे तो अयोध्यावासियों ने उनके सकुशल लौटने की खुशी में दीपमालाएँ प्रज्वलित की थीं। यह दीपावली प्रकाशमहापर्व है। भगवान आप सभी के जीवन में यह प्रकाशपर्व उत्सव हमेशा हर पल जगमग हो दमकता रहे माता लक्ष्मी श्री गणेश , माता सरस्वती व माता भद्रकाली समेत समस्त देवी-देवताओं की कृपा आप सब के परिवारों पर सदा बरसती रहे।

-ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना 

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