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आपकी घृणा मैं स्वीकार करती हूँ ।

 


जब आप लोग हमें सरकारी पत्तलकार, चाटुकार, दलाल कहते हैं तो मुझे दु:ख नहीं बल्कि अफसोस होता है कि कहीं न कहीं इस छवि को हमने ही गढ़ा है.. कहीं न कहीं आप लोग सही हैं अपनी जगह। मैं पूरे हृदय से आपकी घृणा स्वीकार करतीं हूँ । 🙏💐

 _ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना 1:09 ,23/02/2023 #सचकीदस्तक

सच कहूँ तो जब आप लोग हमें सरकारी पत्तलकार, चाटुकार और दलाल कहते हैं तो मुझे दु:ख नही होता बल्कि अफसोस जरूर होता है। कि कहीं न कहीं हम आपके दोषी हैं । परिणामस्वरूप यह हमारी ही धूमिल छवि का परिणाम है। यह आपके कड़वे वचन भी हमारी असली सामाजिक सम्पत्ति है। हाँ मैं आपकी यह घृणा भी स्वेच्छा से स्वीकार करतीं हूँ। कि कहीं न कहीं आप ही सही हैं वरना आप हमारे दुश्मन तो नहीं। मैं तो ईश्वर से यही प्रार्थना करती हूँ कि मुझेएक पल की भी श्वांस मिले तो मैं सत्य की साधक बन सकूँ और मैं, मेरी कलम और अपनी आत्मा के साथ न्याय कर सकूँ तब ही मैं खुद को कलमकार कह सकूँ अन्यथा नहीं। 


_ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना 

न्यूज एडीटर सच की दस्तक 

 12:23    23/02/2023 




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