कन्हैया जी ......
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कन्हैया जी मुझे तुम बिन अब न ज़ीना
कब राह तकूँ मैं,
जुदाई ज़हर अब न पीना
कन्हैया जी मुझे तुम बिन अब न ज़ीना
पंछी बना दो मुझे श्याम सुन्दर
बोलो कहाँ उड़ आऊं,
अब न तुम आजमाओ जी हमको
छलिया तेरा छल अब न सहना
कन्हैया जी मुझे तुम बिन अब न ज़ीना
रोम-रोम मेरा तुम्हें पुकारे
सबकुछ तेरे चरणों मैं अर्पण
अब,तू ही मेरी बन जा धड़कन
कान्हा बस इतना करना
कन्हैया जी मुझे तुम बिन अब न ज़ीना
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आकांक्षा सक्सेना
बाबरपुर ,औरैया
उत्तरप्रदेश
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