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कहानी : बवाल पेज-2 लेखिका - ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना

कहानी : बवाल पेज - 2

(एक झंझावत कथा)





सावन ने कहा, ”चल अब जल्दी अपने दिमाग में एसिड घोल, गंदगीं मिटा और जल्दी सोच?” इंस्पेक्टर सावन की आग उगलतीं आँखों को देख मार के डर से विधायक जशवीरमीणा फिर से इधर-उधर कॉल करने में जुट गया। काफी मशक्कत के बाद पता चला कि वो लड़की इस समय दिल्ली के पाँच सितारा होटल में किसी बड़े मॉडल के साथ डेट पर है। बस फिर क्या था इंस्पेक्टर सावन अपने एक दोस्त को जो दिल्ली पुलिस में था। उससे बात की तो पता चला कि अब वो लड़की ”रैड वियर” कोकीन की रानी नही ”रेड वाइन” के नाम से फेमस है फिर इंस्पेक्टर सावन के उस दोस्त की मदद से हम लोग उस होटल में पहुँचे। वहाँ दिल्ली पुलिस की एक टीम ने रेड वाइन को उसी होटल के रूम न. 111 में धर दबोचा और फिर हमने रेड वाइन से पूछा कि तुमने डी.एम ईरा सिंघल को कहाँ रखा है?जो कुछ पता हो जल्दी बोलो? रेड वाइन ने कहा, “कसम कोकीन की, मैं कुछ नहीं जानती”? तो दिल्ली पुलिस ने कहा, “तुझे अपने इस चेहरे पर बहुत नाज़ है ना ज़रा सोच!अगर बिगड़ गया तो क्या होगा सोच ले फिर। वो घबराते हुये बोली,” मुझे कोकीन दो जल्दी वरना मैं बेहोश हो जाऊंगी”। यह सुनकर वहाँ खड़े सभी लोग हँस पड़े और यह देख हैरान रह गये कि रेड वाइन तो सचमुच बिना कोकीन के बेहोश हो गयी है। मैंने उसे हिला-डुला कर देखा! फिर हम लोग उसे तुरन्त अस्पताल ले गये। वहाँ रेड वाईन का चैकअप करने के बाद डॉ.आनंद बोले कि आप लोग जाओ। इनको अब सुबह तक ही होश आयेगा | दिल्ली पुलिस के लोग वहाँ से जा चुके थे लेकिन डी.एम गौरी और इंस्पेक्टर सावन उसी अस्पताल में बैठे रहे। कुछ देर बाद डॉक्टर ने आकर कहा, “मरीज को होश आ गया है” यह बात सुनकर गौरी और सावन फौरन रूम में पहुँचे और बोले, ” देख लड़की, एक बात का सच-सच जवाब दे? वह बोली, ”क्या”? तो सावन ने कहा, ”देखो! हमको सब पता है कि पाँच साल पहले अपना भाषण खत्म करके मंच से जब ईरा मैडम उतरीं तो कुछ लड़कियों ने उन्हें गोद में उठा लिया था। उसमें एक तुम भी थीं।हमारे पास तेरे खिलाफ पक्के सबूत हैं। लड़की तू सारी उम्र जेल काटेगी। इसलिए अब सच-सच बता दो कि ईरा मैडम कहाँ गयीं? नहीं तो सोच लो! तुमको कठोर से कठोर सज़ा तो बाद में होगी उससे पहले तो यहीं मैं तुझे महिला पुलिस से अच्छी तरह से तुड़वाऊंगा! बोल? यह सुनकर वह कांपते हुये बोली, ” इसके लिए एक सांसद ने मुझे पैसे दिये थे जिसका नाम है “उदयवीर रस्तोगी”। हम लोगों ने भीड़ का फायदा उठाते हुए मैडम को, मात्रा से अधिक कोकीन सुंघा कर बेहोश कर दिया था फिर ज़मीन पर गिरा लिया और तुरन्त उनको एक पुरानी साड़ी में लपेट कर भीड़ से होते हुये एक गाड़ी में लिटा दिया था। ये सब काम बहुत फुर्ती और सफाई से किया गया था। फिर,बाद में उस गाड़ी में उनको कौन कहाँ ले गया। इसका मुझे कुछ भी पता नहीं | तभी, सावन की लाल आँखें देखकर बोली, ”कोकीन की कसम”। मैम आई वॉन्ट कोकीन प्लीज़| वह चिल्ला ही रही थी कि रूम में आकर डॉक्टर ने कहा,”इसको कोकीन देनी ही पड़ेगी वरना यह मर जायेगी। यह बहुत बुरी लत है जिसे पूरी तरह मिटाना एक बहुत कठिन प्रक्रिया होगी। गौरी ने रेड वाईन से कहा,”क्या तुम यही लाईफ जीना चाहती हो बोलो”? यह सुनकर वह बोली, ”मेरी छोड़िये मैम ! एक ख़ास बात है जो आपको बताना चाहती हूँ शायद आपके काम आ जाये कि इस मंत्री रस्तोगी की एक ही कमज़ोरी है वो है खूबसूरत लड़की। गौरी ने कहा,मैं तुमको अपने घर रखने को तैयार हूँ पर तुम ये सब गलत काम छोड़ दो, कहते हुये उसे गले से लगा लेतीं हैं। यह देखकर वह भरी आँखों से कहती है, ”मैम इतना प्यार न दो, मुझे ऐसे वाले प्यार की ज़रा भी आदत नहीं है। आजतक मुझे लूटा ही गया है पर पहली बार आपने मुझे बहुत कुछ दे दिया। ज़िंदगी रही तो मैं इस कर्ज़ को भी चुका दूँगी। मैं रेड वाइन, खुद का भी कर्ज़ नहीं रखती। वह बाहर खिड़की की तरफ देखते हुये बातें कर ही रही थी कि तभी एकाएक उसने गौरी को ज़ोरदार धक्का दिया, गौरी कुछ समझ पाती कि तभी एक गोली रेड वाइन के माथे में लगी और वह वहीं ढेर हो गई ।यह देखकर गौरी रेड वाइन के सर पर हाथ रखी और रो पड़ी।इस हादस के कुछ मिनट बाद दिल्ली पुलिस अस्पताल में रेड वाइन को पकड़ने के लिये जैसे ही रूम की तरफ आती है कि तभी पीछे से गोली की आवाज सुन वह उसी दिशा में उल्टे पैर दौड़ जाते हैं। सावन भी गोली मारने वाले के पीछे भागता है पर उसको पकड़ नहीं पाता।

इंस्पेक्टर सावन और डी.एम गौरी सिंघल दोनों जिला भिमारी लौट रहे होते हैं तभी गौरी के पास कॉल आती है, ”पैसा भेज समझी” वह फोन बन्द करके रख लेती है और सावन से कहती है कि उन दो लड़कों को छोड़ देना जो कोकीन नहीं सेलखड़ी पॉउडर के साथ पकड़े गये थे। वो मेरे फेसबुक फ्रेंण्ड हैं। यह सब एक गेम था| यह सुन सावन हैरान निगाहों से देखता हुआ कहता है मैम! गेम? ओह! वाव,आपने क्या गजब गेम बनाया? ओके मैम, मैं उन्हें छोड़ दूँगा। आप उसकी फिक्र न करें। गौरी ने कहा, ” धन्यवाद सावन।” यह सुनकर सावन ने कहा कि प्लीज़ आप धन्यवाद न बोलो प्लीज़, सैल्यूट आपको जो देश में आप जैसी ईमानदार डी.एम. हैं। गौरी बात काटते हुये बोली, ”अभी बहुत काम बाकी है सावन।” तभी सावन तपाक से बोला,” हाँ,मैम साले उस कमीने सांसद उदयवीर रस्तोगी को भी पकड़ना है और उसकी कमज़ोरी है खूबसूरत लड़की। गौरी कहती है, ” हम उसकी इसी कमज़ोरी का फायदा उठायेंगें।” आप बस पता लगाइये कि वो मिलेगा कहाँ। इंस्पेक्टर सावन ने कहा,”मैम,आपकी आँखे लाल हो रहीं है मुझे लगता आपको हल्का बुख़ार है। “गौरी ने हाँ में सिर हिलाया फिर कुछ बोलना चाहतीं थीं पर चुप रह गयीं। सावन ने गौरी की तरफ देखा और जगत से बोला,”सुनो, गाड़ी किनारे लगाओ! वो सामने दिख रहे मेडिकल स्टोर से मैडम के लिये बुख़ार की दो टेबलेट ले आओ जल्दी । यह सुन जगत कुछ बोल पाता कि सावन ने कहा, ”हाँ, मैम को हल्का बुख़ार है।” यह बात सुनते ही जगत ने तुरन्त गाड़ी किनारे लगाई और तेजी से दौड़ता हुआ मेडिकल वाले के पास जाकर बोला,”जल्दी से दो बुख़ार की टेबलेट दे दो, मैडम को हल्का बुख़ार है।” इधर सावन ने कहा, ” मैम आप कुछ कहना चाहती हो मुझसे, मुझे ऐसा लगा?” गौरी ने कहा, ”सावन! मैं कब से नोटिस कर रही हूँ कि बिना गाली के तुम बात ही नहीं करते, आख़िर बोल-चाल में गालियाँ क्यों?” सावन हँसते हुये बोला, ” मैम यह गाली भी किसी हथियार से कम नहीं, दिखती नहीं है पर असर कमाल का करती है, एक घूँसे और दो गाली में साला मुजरिम सब बक देता है।”गौरी ने कहा, ”अभी यहाँ कौन मुजरिम है जो ”साला” शब्द बोला। देखो! यह बहुत बुरी बात है। कृपया मेरे सामने गाली का प्रयोग न करें। यह सुन सावन हँस पड़ता है कहता है ओके मैम। फिर, दोनों गाड़ी से देखते हैं कि यह जगत इतनी देर से मेडिकल स्टोर पर खड़ा कर क्या रहा है?

इधर मेडिकल वाले ने अपनी कुर्सी से उठ कर पान थूँकते हुये कहा एक रूपये वाली टेबलेट दूँ या दो रूपये वाली या पाँच रूपये वाली। यह सुनकर जगत गुस्से से बोला,”इस तरह बेचते हो दवा”? मुझे असली दो जो असर करे। वह बोला,” असली के लिये कम से कम दस मिनट रूको। इतना सुनकर जगत उसके पास पहुंच कर उसका कॉलर पकड़ कर बोला, ” देख! मेरे पास दस सेकेण्ड भी नहीं है बात करता है। बस फिर क्या था दोनों के बीच गालीगलौज और मारपीट शुरू हो गयी और इस मारमीट ने वहाँ एक नये बवाल को जन्म दे दिया । यह सब देख गाड़ी में बैठी गौरी बोली, ” सावन तुम गाड़ी देखो! मैं वहाँ जाती हूँ। मुझे लगता है आज जगत आपकी नहीं सुनेगा| सावन ने कहा, ” आप बैठो मैम, मैं सालों को डोज़ देकर आता हूँ।”गौरी कहती है, ” तुम पहले अपनी गाली पर कंट्रोल करो और यहीं बैठो।” गौरी मन ही मन सोचती है यह सावन यहीं रहे तो ज़्यादा अच्छा वरना कोई न कोई आज ज़्यादा पिट जायेगा। गौरी गाड़ी से उतर कर मेडिकल की ओर जाती है। गाड़ी में बैठा सावन अपने मोबाइल से टाईम देखने की कोशिश करता कि उसका फोन बैटरी लो दिखा रहा होता है। उसकी नज़र सामने रखे गौरी मैडम के मोबाइल पर पड़ती है। वह जैसे ही उस फोन की तरफ हाथ बढ़ाता है कि तभी उसका हाथ रूक जाता है और वह सोचता है नहीं! किसी का फोन छूना गलत बात है। वह यह सोच ही रहा होता है कि तभी गौरी के मोबाइल पर किसी की बार-बार आती कॉल को देख सावन सोचता है ऐसा तो नहीं कि कोई इस केस से जुड़ी कोई महत्वपूर्ण जानकारी देना चाह रहा हो। अब जो होगा देखा जायेगा। मैं कॉल रिसीव कर ही लेता हूँ बाद में मैम को सॉरी बोल दूंगा पर यदि कोई जानकारी हाथ से निकल गयी तो मैम को क्या मुँह दिखाऊँगा?” यह सब सोचते हुये वह कॉल रिसीव कर लेता है और मोबाइल को जैसे ही कान से लगाता है कि ”सामने से कोई कहता है, दस हज़ार भेज जल्दी समझी” और बस कॉल डिस्कनेक्ट कर देता है। यह सुन इंस्पेक्टर सावन दंग रह जाता है। वह तुरंत मैम के मोबाइल के जल्दी- जल्दी सभी मैसेज,सभी रिकॉडिंग चैक करता है तो सबकुछ देख सुन कर वह हैरान रह जाता है और गुस्से से भर उठता है तुरन्त वो सभी नम्बर और सभी फोटो दिमाग में सेव कर लेता है। फिर वह उस मोबाइल को यथास्थान पर रख कर कुछ सोचने लगता है।
इधर मेडिकल स्टोर पर खड़ा जगत दुकानदार से कह रहा होता है कि देख उधर! अब जल्दी टेबलेट दे दो। वो देखो! डी.एम की कार। यह दवा उनके ही लिये चाहिये। सामने डी.एम को अपनी ओर आते देख दुकानदार दो टेबलेट जगत की तरफ बढ़ा देता है। जगत टेबलेट जेब में रख कर और पैसे काऊंटर पर रखकर एक जोरदार थप्पड़ उस दुकानदार के गाल पर जड़ते हुये कहता है कि सुन! अगर आज के बाद नकली दवा बेची तो जेल नहीं सीधा ऊपर ही जाओगे। वह दुकानदार अपने पीछे खड़ीं गौरी मैडम के पैरों पर गिर पड़ा कि मेरे ख़िलाफ़ कोई एक्शन न लेना प्लीज। यह सुनकर गौरी ने पूछा, ”कब से बेच रहे हो यह नकली दवाएं”? यह सुन वह डरते हुये बोला कि दस सालों से मैम पर पूरी गल्ती मेरी नहीं है। कुछ कम्पनियों के एमआर यह सब काम करते हैं। केवल मेरे मेडिकल स्टोर पर ही नहीं देश के हज़ारों मेडिकल स्टोर पर नकली दवाएं असली दवाओं के दामों पर धड़ल्ले से बेचीं जा रहीं हैं। गौरी ने कहा, ” क्या तुम जानते हो कि तुम्हारे लालच के कारण कितने ही बेगुनाह लोग मौत की नींद सो चुके होगें”। वह कुछ बोल पाता कि पीछे खड़े इंस्पेक्टर सावन ने उसका एक हाथ से गला दबाते हुये और दूसरे हाथ से थप्पड़ों की जोरदार बरसात करते हुये कहा, ”बोल कैसा लग रहा है तुझे ?यह देख गौरी ने सावन से कहा कि मत मारो इसे, यह कानून का मुजरिम है और इसकी सही जगह जेल है”।एक तरफ जगत ने उसे मजबूती से पकड़े रखा दूसरी तरफ़ सावन ने, वहाँ के नजदीकी थाने में कॉल किया। कुछ ही देर में वहाँ पुलिस आयी और उस हैवान मेडिकल स्टोर वाले को पकड़ कर ले गयी। यह सब देख रही वहाँ उपस्थित लोगों की भीड़ ने कहा, ” यह सचमुच बहुत अच्छा हुआ।” गौरी ने उस भीड़ से कहा कि आप लोग भी सजग रहा करो कभी भी कुछ भी संदिग्ध एक्टिविटी दिखे या कोई संदिग्ध व्यक्ति दिखे तो तुरंत रिपोर्ट लिखवाओ यह चुप्पी तोड़ो अब । आपकी चुप्पी ही तो आपकी मूल परेशानी है। यह सब कहते हुये गौरी अपनी कार में जा बैठीं। भीड़ को फोटो और वीडियो बनातेे देख! जगत ने कार आगें जाकर रोक दी और पानी की बोतल गौरी की तरफ बढ़ाते हुये कहा, ” मैम प्लीज़ दवा खा लो तो सावन ने कहा, ”लीजिये मैम प्लीज़।” गौरी दवा खाकर आँख बन्द करके सीट से टिक गयी और उनकी बन्द आँखों से टपकते आँसू को देख सावन मन ही मन कसम लेता हैं कि मैडम आपको आँसू देने वाले उन ज़हरीले नागों का मैंने 24घंटे के अंदर फन न कुचल दिया तो इंस्पेक्टर सावन सूर्यवंशी मेरा नाम नहीं। तभी वह देखता है कि जगत बार – बार मैम को देख रहा है तो सावन ने कहा, ”जगत, गाड़ी बढ़ाओ। मैम को हल्का जुखाम-बुख़ार है बस इसलिये येे आँसू आ रहे हैं |तुम आराम से गाड़ी चलाओ। जगत का मन गाड़ी चलाने में ज़रा भी नहीं लग रहा था पर उसे सभी को सुरक्षित पहुंचाना था । यह सोच वह पूरी सजगता से गाड़ी चलाने लगा। कुछ देर बाद सावन कहता है कि जगत गाड़ी रोको और तुम भी थोड़ा सुस्ता लो। मैं सामने होटल से कुछ खाने को ले आता हूँ। जगत कहता है सर! मैं ले आता हूँ। तो, सावन कहता है, ” तुम कोई सर्वेन्ट हो क्या कि हर काम तुम्हीं से करवाऊँ? यह सुनकर गौरी ने कहा, ” जगत! सावन बिल्कुल ठीक कह रहे हैं”। तुम बहुत देर से ड्राइव कर रहे हो। , प्लीज़ थोड़ा आराम कर लो।” जगत बोला, ”आप लोग बहुत अच्छे हो।” यह सुन सावन हँसा अरे! कुछ कमियां मुझ में भी है यार।” गौरी हँस पड़ी तो सावन अपना एक कान पकड़ कर बोला, ” सुधार करेंगें मैम! पक्का और वह हँसता हुआ होटल की तरफ बढ़ गया।
जगत और गौरी दोनों गाड़ी से उतर कर टहलने लगे। वह टहल ही रहे थे कि सामने कुछ भीड़ दिखी। जगत और गौरी ने पास जाकर देखा! तो वहाँ एक नेता पाँच गरीबों को एक पतला सा कम्बल देते हुये अपने गुर्गों से फोटो खिंचवा रहा था। फोटो खिंचवाने के बाद कहता है, ”सालों! कल के पेपर में मेरी बड़ी सी फोटो आनी चाहिये कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने सौ कम्बल गरीबों में बांटे। यह सुन उसके गुर्गे मुँह ताकते हुये बोले, ”सौ कम्बल! सौ गरीब?” वह नेता मूछों पर ताव देता हुआ बोला, ” अरे! ससुरों, पीछे मलिन बस्ती में दो – चार ठो पेटी देशी ठर्रा पहुंचा दे जाकर फिर तो ससुरे बोलेगें कि साहब! सौ नहीं पाँच सौ कम्बल मिले। यह सुन गुर्गे बोले, ” मान गये आपको।” नेता ने कहा, ”ये सब छोड़ और चल यहाँ से आज ठंडी बहुत है। वैसे तुम ससुरों ने मेरा ठंड का प्रबंध तो कर दिया है न ?” यह सुन सब गंदी हँसी हँसते हुये बोले, ”बखूबी किया है मालिक।” यह भी कोई पूछने की बात है।इतना कहकर वह सब गाड़ी में बैठ कर हवा हो गये।
यह सब देख जगत बोला, ” मैम आपने मुझे बोलने क्यों नहीं दिया “? मैं यहीं पटक-पटक के इस नेता की जान ले लेता। यह सुन वापस लौटते हुये गौरी ने कहा जगत! मैं बवाल नहीं शांति चाहती हूँ। यह सब एक दिन में नहीं सुधरने वाला। जगत बोला, ‘ इस नेता के ऊपर कम से कम सौ मुकदमे दर्ज होगें। ताज्जुब है यह दागी लोग नेता बन जाते हैं वो भी हम ही लोगों की वजह से। मै एक बात समझ नहीं पाती कि अगर ग़रीब का छज्जा भी बड़ा हो गया तो कानून उस ग़रीब को तब तक जीने नहीं देता जब तक वह अपना छज्जा गिरा न दे पर इन भ्रष्ट नेताओं की दिन दूनी रात चौगनी बढ़तीं प्रॅापर्टी पर किसी का भी ध्यान नहीं जाता? क्या देश में अमीरों के लिये अलग कानून है ग़रीबों के लिए अलग समझ नहीं आता। मान लो यह नेता जेल भी जाता है तब भी इसे स्पेशल सेल में रखा जायेगा जहां उसे हर सुख उपलब्ध होगा। सरकार इन नेताओं से उनके पाँच साल में किये सामाजिक कार्यों का वीडियो सबूत क्यों नहीं लेती। जगत कहता जनता को तो वोट के बदले इन नेताओं से स्टाम्प पर लिखित लेना चाहिए कि वह बिजली, पानी, तालाब, सड़कें, सुरक्षा और रोज़गार देगें वरना पद छोड़ देगें और जेल जायेगें। गौरी ने कहा, ”जगत तुम्हारी बात काफी हद तक जायज़ है पर कुछ नेता ईमानदार भी हैं जिनकी देखादेखी यह नेता भी कम्बल बांट रहा था। दोनों गाड़ी के पास पहुंचे तो सावन बोला, ”सब खाना ठंडा हो गया। देख रहा हूँ टेबलेट का असर काफी अच्छा हुआ है? मेरा मतलब यह असली वाली दवा थी। यह सुन सब हँस पड़े और अंदर बैठ सब खाना खाने लगे। खाने के साथ-साथ जगत ने नेता के कम्बल बांटने का पूरा माजरा सुनाया तो सावन हँस पड़ा कि यह नेता लोग की काली खोपड़ी ने हम सब की खोपड़ी खाली करके रखी है देखो! मैम मेरे सिर से सारे बाल उड़ चुके हैं। यह सुन जगत बोला, ” फिर भी आप बहुत स्मार्ट लगते हैं सर अब अगर बाल भी होते तो ज़माने को आग न लग जाती?” बस फिर क्या था यह बात सुनते ही सब ठहाका मार कर हँस पड़े फिर जगत ने गाड़ी स्टार्ट कर दी।
कुछ देर बाद सावन बोला, ” मैम! इतनी ठंड में उस होटल पर छोटे-छोटे बच्चे बर्तन धो रहे थे। मैंने सख्ती से पूछताछ की तो उसने उन बच्चों के फोटो पहचान पत्र दिखा दिये कि वह सब बच्चे उसके हैं पर क्या कोई पिता अपने बच्चों से इस तरह बेरहमी से काम करवा सकता है। यह सब सुन गौरीने कहा कि देश के हर महकमें में व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते यह सब बहुत आसानी से बन जाते हैं। यह भ्रष्टाचार का बहुत बड़ा जाल है। जिसे ठीक करने में बहुत समय लगेगा सावन।यही सब बातें करते-करते सुबह तीन बजे सब जिला भिमारी में दाखिल होकर अपने-अपने घरों को लौट जातें हैं। इधर, गौरी अपने रूम में जाकर लेट जाती है सावन अपने घर चला जाता है और जगत अपने रूम में। सब के सब अपने -अपने रूम में लेटे हुये खामोशी से कुछ सोचते हुये सो गये।
दिन निकला तो सभी अपने-अपने कामों में व्यस्त हो गये। इंस्पेक्टर सावन ने सभी नम्बर नयी सिम से मिलाकर चैक किये और बैठे – बैठे, कुछ स्कैच बनाकर तैयार किये और उन स्कैच को देखते हुआ बोला मैडम इन रावण और कंसों का मैं क्या हाल करूंगा वो तो मैं भी नहीं जानता पर इतना तय है कि उन्हें तैंतीस करोड़ देवी-देवता एक साथ याद आयेगें। सावन ने महिला पुलिस कृष्णा पिल्लई को फोन किया जो कॉफ़ी खतरनाक महिला इंस्पेक्टर के नाम से फेमस थीं फिर पूरी बात उनको समझा दी गयी। 
इधर नेट से गौरी अपने मिशन की ज़्यादा से ज़्यादा जानकारियां जुटाने में कामयाब हो जाती हैं और अपनी एक महिला दोस्त जो बहुत फेमस मेकअप ऐक्सपर्ट है से जाकर मिलती है। लम्बें समय बाद गौरी को सामने देख वह खुशी से उछल पड़ती है। वह गौरी से गले लग कहती है मैं बता नही सकती कि मैं तुम्हें यहां देखकर कितना खुश हूं। गौरी कहती है शैलीन मेरी दोस्त मुझे तुमसे बहुत जरूरी काम है। यह बात सुन शैलीन कहती है, ”तू बोल गौरी तेरे लिए जान भी हाज़िर है और मैं भी”।यह सुन गौरी कहती है तू नहीं सुधरेगी? सीरियसली सुनो! तुम मुझे इतना सुन्दर बना दो कि जो भी मुझे देखे बस देखता ही रह जाये। यह सुनकर शैलीन कहती है यार बातें छुपाने की तेरी भी आदत गयी नहीं। चल मत बता पर बता देगी तो मैं तेरा साथ दूँगी यार। गौरी कहती है साथ ही तो नहीं चाहिये तेरा और न ही तेरी जैसी प्यारी किसी और लड़की का। शैलीन कहती है, यार! तू भी न।
कुछ ही देर में वह गौरी का मेकअप करना शुरू करती है और कुछ ही देर में गौरी के नैन नक्श को बेहद खूबसूरती से उभार कर कहती है यार मेकअप तो खुद तेरा गुलाम है। तू तो वैसे भी बहुत खूबसूरत है। गौरी कॉल गर्ल के वीडियो देखने लगती है | यह देख चौंकते हुये शैलीन कहती है, ”ओ! गौरी किताबी कीड़े तू ये सब कब से देखने लगी”? गौरी हँसते हुये कहती है ज़्यादा न सोच शैलीन।मैं एक हॉट कॉल गर्ल दिखूँ तुम मेरा ऐसा मेकअप कर दो। मैं बेहद हॉट कॉल गर्ल दिखना चाहती हूँ। यह सुन शैलीन का मुँह खुला का खुला रह जाता है और वह मैकअप कम्प्लीट करने के बाद कहती है यार! तू यह सब करेगी ये तो मैने लाईफ में नही सोचा था। गौरी उसे कुछ समझाती कि शैलीन उसका कॉल गर्ल रूप देख वहीं बेहोश हो जाती है। गौरी ने उसे हिलाया पर वह टस से मस न हुई कि तभी गौरी की नज़र सामने दीवार पर टगें शैलीन के बुर्के पर गयी। बस फिर क्या था गौरी ने जल्दी से बुर्का पहना और बाहर निकल गयी। बाहर सड़क पर आकर लोकल ऑटो में जैसे ही बैठतीं है कि सामने से ड्राईवर जगत ने मैडम की चप्पल पहचान उन्हें रोक लिया। मैडम जैसे ही नकाब उठातीं है तो जगत के होश उड़ जाते हैं और वह उन्हें देखता ही रह जाता है। कुछ सोचकर मैडम कहती हैं तुम अभी मेरे साथ चलो। गौरी फिर से शैलीन के पास पहुंचती है। शैलीन सामने खड़ी पानी पी रही होती है तभी सामने अपने बुर्के में गौरी को देख! उसके मुँह का पानी बाहर आ जाता है फिर वह रूमाल से मुँह पोछते हुये कहती है कि यह तुम्हारे साथ कौन है गौरी? जगत कहता है मैं इनका ड्राईवर हूँ। यह सुनकर उसके हाथ से गिलास छूट जाता है। वह सोचती है अरे! यह डी. एम- वो ड्राईवर इसे और कोई नहीं मिला। गौरी कहती है शैलीन मेरी बात ध्यान से सुनो! ये मेरा दलाल दिखे इसका ऐसा मेकअप कर दो। वो कहती तू कॉल गर्ल और ये तेरा दलाल! यार तू होश में तो है? चल तुझे पास के झाड़ी वाले बाबा से झड़वा दूँ। तो, गौरी कहती है मैं ठीक हूँ। तू बस जल्दी कर दोस्त। ये सब एक केस के सिलसिले में करना पड़ रहा हैं। फिर, शैलीन जगत का भी मेकअप कर देती है और सब मिलकर नेट वीडियो की मदद से ऐक्टिंग करने को बिल्कुल तैयार हो जाते हैं। कुछ ही देर में वह दोनों वहाँ से दूर निकल जातें हैं।
पूरा प्लान सुनने के बाद जगत कहता है कि मैम यह काम बहुत रिस्की है अगर आपको कुछ हो गया तो?नहीं मैम, कुछ और सोचो न प्लीज़। जगत को परेशान देख गौरी उसे समझाती है कि ज़िंदगी में किसी न किसी मोड़ पर रिस्क लेना ही पड़ता है और याद रखो वही मोड़ ही हमारी तकदीर व तस्वीर बदल देता है बस हिम्मत जुटाने भर की देर है। जगत तुम मुझ पर भरोसा रखो। यह प्लान एक रामवाण है। यह सुन जगत बोलता है कि मैम मुझसे नहीं होगा बस |तो, मैडम तुरन्त उस पत्रकार को कॉल कर उन्हें भी उसी जगह बुला लेती हैं और जगत के दलाल टाईप कपड़े हेयर कट और बगल में एक बैग दबाये मुँह में पान भरे गेटअप में पत्रकार एकदम दलाल दिखने लगते हैं। पत्रकार कहता हैं कि मेरा वादा है गौरी जी मैं आपको कुछ होने नहीं दूँगा और जगत तुम अपनी गाड़ी और मेरे कुछ लोगों के साथ साये की तरह मैडम के पीछे रहना। जगत कहता है ठीक है| फिर मैडम नेट से लिया गया एक बड़े दलाल का नम्बर पत्रकार को देती हैं पर वो नम्बर बन्द आता है तो गौरी सावन को कॉल करके कहती हैं कि रेड वाइन लड़की के फोन को तुमने ध्यान से देखा था? क्या किसी दलाल का नम्बर था उसमें? सावन कहता है सांसद रस्तोगी का नम्बर था जो मैं अभी आपको व्हाट्स अप करता हूँ। मैडम वो नम्बर पत्रकार को दे देती हैं। अब पत्रकार दलाल अंदाज में कोडवर्ड में बात करते हैं हैलो! सर ”हॉट कॉफी” चाहिये हो तो मिलो फिर। इतना कहकर तुरंत फोन काट देते हैं। तभी तुरन्त उधर से कॉल बैक आती है तो गौरी कहती है सर पूछिये कि कहाँ आऊँ? पत्रकार जी पूछते हैं साहब आपकी खिदमत में ” हॉट कॉफी” कहाँ लाऊँ। वो सांसद एक पता मैसैज करता है जिसे देखकर पत्रकार कहता है सर रोकड़ा कितना होगा? वो बोलता है पहले देखूँगा कि कॉफी के बदले तू चाय तो नही दे रहा । अब जल्दी से आ जा बस। मैडम और पत्रकार दोनों एक पुरानी टूटी बिल्डिंग में पहुंचते हैं तो सांसद की चील जैसी गंदी नज़रें मानो बुर्के में पार हो रहीं थीं । वह चिड़चिड़ा कर बोलता है अरे! पहले इसका बुर्का हटा जल्दी? मैडम जैसै ही चेहरे से अपने नाकाब उठातीं है तो उस सांसद रस्तोगी का मुँह खुला का खुला रह जाता है और जब पूरा बुर्का उतार देतीं हैं तो रस्तोगी ऊपर से नीचे तक उनको महीन ब्लू साड़ी में उनके जिस्म की खूबसूरती देख पागल हो जाता है और तुरन्त पास में रखी अटैची का सारा पैसा और अपने गले की चैन भी उतार कर पत्रकार को सौंप देता है। फिर गौरी को देखकर अपने होठों पर जीभ घुमाते हुये बोलता है ”माँ कसम आज तो ईमान भी हाज़िर है”। गौरी होठों को दबाकर तिरछी नज़रों से कहती है कि ईमान नहीं कुछ और चाहिये जी। यह सुनकर वो खुशी से गदगद हो उठता है और उस सांसद के दो – तीन गुर्गे उस रस्तोगी का इशारा पाकर पत्रकार से कहते हैं अब तुम जाओ,तुम्हारा काम खत्म हुआ ?
यह सुन कर पत्रकार वहाँ से चला आता है और दूर खड़ी जगत की गाड़ी में आकर बैठ जाता हैं जिसमें कुछ विश्वासी लोगों की पूरी टीम मौजूद होती है। गौरी सांसद से कहतीं हैं कि ये जगह ठीक नहीं कोई अच्छी जगह चलो। वह फौरन गौरी का हाथ चूँमते हुये कहता है बोलो जानेमन कहाँ चलना है? यह सुन कर गौरी सोचने पर मजबूर हो जाती है कि कभी- कभी इंसान को अच्छा काम करने के लिये कितना गलत काम भी करना पड़ जाता है और सच की खोज में कभी – कभी कितना कुछ खोना भी पड़ जाता है। गौरी अपनी सोच में खोयी थी कि सांसद गौरी की कमर पर हाथ रखते हुये बोला, ” मेरी जान मैं तो तुम्हें देखते ही लट्टू हो गया था। यह सुन गौरी बोली,”अच्छा।” तो चलो गाड़ी में केवल मैं और तुम.. नो ड्राईवर। वो बोला हाँ मेरी जान। मैं समझ गया पर चलो पहले किसी मॉल में चलकर तुम्हें आईस्क्रीम खिला दूँ। गौरी ने कहा,पहले ड्राइवर को हटाओ। सांसद ने तुरन्त ड्राइवर को गाड़ी से उतरने को कहा। ड्राइवर के उतरते ही रस्तोगी ने गौरी का हाथ अपने सीने पर लगाकर खुद गाड़ी ड्राइव करते हुये बोला,”डार्लिंग आज जो चाहे मांग लो, ये ईमान तुम पर कुर्बान” पर माँ कसम अब इंतजार नहीं हो रहा। बोलो तो मॉल में ही अपन मीटिंग करें। गौरी की हालत अंदर ही अंदर बहुत खराब हो रही थी कि वो क्या है, और कर क्या रही है? गै़र मर्द उसे इस तरह छू रहा है पर.. यह सब मेरे ही प्लान का हिस्सा है और मुझे अपना पार्ट पूरी संजीदगी से निभाना ही होगा जोकि मैं पूरी ईमानदारी से निभाऊँगीं। गौरी के हुस्न की महक उसे मदहोश किये जा रही थी एकाएक रस्तोगी ने गाड़ी रोक कर गौरी के गले को चूँमता हुआ उसे अपनी बाहों में कस लेता है और कहता है सब तुम्हारे इस सुन्दर चेहरे और कोमल वदन का दोष है, कंट्रोल ही नहीं होता यार! गौरी कहती है रूको! पहले मुझे तुमसे कुछ मांगना है। यह सुन रस्तोगी कहता है जो चाहे मांगो डियर। गौरी कहती है,”मेरी एक जानी दुश्मन है जिसका नाम है ”डी.एम ईरा सिंघल” जिससे मुझे अपना पुराना हिसाब चुकाना है पर वह न जाने कहाँ छिप के बैठी है। मेरी जिद्द है कि मैं उसे अपने हाँथों से मारूँ। वो सांसद जोर से हँसा और बोला, ” बस इतनी सी बात.. तुम मुझे किस करो तो मैं बताऊँ| गौरी उसके तरफ बढ़ी तो उसने गौरी को अपनी बाँहों में भर लिया। यह देख गौरी ने कहा,”पहले उसके बारे में बताओ”। मैं तो तुम्हारे साथ ही हूँ और रात अभी बाकी है”। कहतें हैं इंतजार का फल बहुत मीठा होता है”। सांसद ने कहा, ”जान में नर हूँ मेरी बैचेनी समझो”। अब एक पल का भी इंतजार नहीं हो रहा मानो चार दिन से भूखे जानवर के सामने करारा भुना मांस पड़ा है । यह सुन गौरी ने उस सांसद के कान में वीडियो से सुना हुआ डॉयलॉग मार दिया कि हाँ, “वो तो रात का बिस्तर ही बतायेगा कि तुम नर हो या नपुंसक”। यह सुनकर सांसद बोला,”बेफिक्र रहो। तुम्हारी बोलती बन्द न कर दी तो मैं मर्द नहीं” और फिर गौरी के हाँथ को चूमते हुये बोला,”चलो तुम भी क्या याद रखोगी लेडीज़ फर्स्ट कहो तुम। गौरी कहती है सुनो! वह जो बवाली डी.एम है। उसको शहर से बाहर एक खंडहर के गुप्त तलघर में रखा गया है| गौरी ने पूछा कि उसकी रखवाली में वहां कितने लोग हैं ? यह सुन वह जोर से हँसा कितने क्या बस एक ही है वह अकेला। जेल से भागा हुआ कैदी है जिस से ज़िन्दगी ही नही मौत भी पनाह मांगती है। उसका एक हाथ जिस पर पड़ जाये समझो वो आदमी वहीं खत्म। वो इतने बड़े खंडहर में अकेले ही रहता है। वो बहुत खूँखार है। उसका नाम “पायरिया धानी” यानि जिंदा मौत है। गौरी ने कहा,”तुम झूठ बोलते हो यार इतना भी मत फेंको। यह सुनकर उसने गाड़ी को दूसरी ओर मोड़त हुये कहा, “पहले तुमको तुम्हारे दुश्मन से मिला दूँ फिर तुम्हारी इन दुश्मन निगाहों से निपटेगें लव यू जानेमन। इधर रस्तोगी की गाड़ी तेजी से भाग रही थी और पीछे जगत की गाड़ी उनका पीछा कर रही थी । गौरी ने कहा,कोई मस्त गाना सुनाओ। सांसद बोला,”तेरा नाम क्या है मेरी धड़कन? गौरी ने कहा,”तुमने तो बोल भी दिया ‘धड़कन’ नाम है मेरा। सांसद गौरी को देखकर बोला बिल्कुल सही नाम रखा रखने वाले ने। गौरी बोली सामने देख के चलाओ यार। वो बोला,”तुम बालाओं के नखरे कसम से मौत से ज़्यादा ख़तरनाक होते हैं। मैं तो कसम से मरा बैठा हूँ आज। गौरी गाड़ी में लगे शीशे में देखती हुई सोच रही है कि क्या मैं सचमुच सुन्दर लग रहीं हूँ और ये मेरी सुन्दरता में पागल हो रही है पर…’उनको’ कुछ क्यों नहीं होता, जिसे कभी मैने इतना चाहा था।
यह सोच ही रही थी कि इंस्पेक्टर सावन का मैसैज आया कि मैंने उन सबको गिरफ्तार कर लिया है जिसने आपकी ज़िंदगी नर्क बना रखी थी। ये देखो! स्कैच? गौरी,उन सब स्कैच को देख चौंक गयी। तभी सावन की कॉल आयी कि बोलो मैम! मैंने ठीक किया न? गौरी ने आसुँओं को गले में ही पीते हुए कहा,” हाँ, ठीक किया”। तभी सांसद ने कहा,”यार नो कॉल प्लीज़”| गौरी ने कहा, ”ओके”। गौरी ने कहा,”और कितनी दूर है”? वो बोला बस आ ही गया मेरी धड़कन। थोड़ी देर बाद ही गाड़ी एकदम सुनसान जगह पर रूकी जहां मरघट जैसा सन्नाटा छाया हुआ था जहाँ दूर – दूर तक कुछ नहीं था। वो दोनों उस खंड्हर में अंदर पहुँचे तो ढ़ेरों चमगादड़ों को लटका देख वो अंदर तक काँप गयी तभी ढ़ेर सारे कबूतर उसके सिर के ऊपर से उड़ गये तो सांसद ने गौरी को कस के पकड़ लिया और बोला डरो मत जानेमन चलो अंदर। वो दोनों अंदर पहुंचे तो एक बड़ा सा आदमी पेट के बल लेटा हुआ था। कदमों की आहट सुन! वो भारी आवाज़ में बोला कि किसकी मौत लिखी है आज। सांसद ने कहा,”धानी बाबू देख! युझ से कौन मिलने आया है?वह उठ कर कुछ बोलता कि गौरी को देख दंग रह गया और बोला,”पूजा तुम”? गौरी ने चौंक कर कहा,”गुड्डू तुम। यह देख सांसद बोला यह अच्छा हुआ तुम लोग एक दूसरे को जानते हो। इसी बात पर मैं गाड़ी से दारू उठाकर लाता हूँ पार्टी होगी आज। तुम दोनों यहीं बेैठो।
सांसद के जाने के बाद गौरी ने कहा, ” मैं जब गाँव शहबाजपुर जाती थी तब तुम पढ़ने में कितने होशियार थे। मेरी सभी सब्जेक्ट प्रॅाब्लम मिनटों में सॉल्व कर दिया करते थे। तुमको याद है ना। वो चंदेल चाचा के बाग में हमने तुमने खूब अमरूद तोड़े हैं। तुम्हारे दांत में पायरिया था तो तुमको सब पायरिया बोलने लगे थे हैं ना। फिर पता चला कि तुम्हारी पकड़ हो गयी और अचानक तुम्हारी बहन धानी भी कहीं गायब हो गयी। फिर ना तुम मिले ना मौसी। यह सब सुन वह बोला,”माँ तो सालों पहले ही गुज़र गयी पूजा। रही बात मेरी तो मैं बदनसीब उनको अंतिम बार भी न मिल सका। गौरी की सवालिया निगाहों को देख! वह बोला कि अब क्या बताऊँ। बहुत लम्बी कहानी है। सारी पढ़ाई-लिखाई तो बहुत पीछे छूट गयी पर हाँ स्कूल मैडम की एक बात आज भी याद हैं कि दूरी सदैव धनात्मक होती है। उस बात का मतलब आज समझ आया कि वाकयी दूरी धनात्मक हुई देखो! गौरी इतनी दूरियों के बावजूद तुम मुझे मिलने आ गयी। यह सुनकर गौरी ने कुछ सोचा और गुड्डू के पास जाकर बोली, ” यह सांसद बहुत गलत इंसान है आज इसने मुझे गलत तरीके से कई बार छुआ …वो अपनी बात पूरी भी न कह सकी कि गुड्डू ने सामने से आते हुये उस सांसद के गले में ऐसा मुक्का मारा कि वह वहीं खत्म हो गया और पायरिया ने बिना देर लगाए उसकी लाश पीछे कुऐं में जाकर फेंक दी। गौरी यह मंजर देख अंदर तक कांप गयी।
वो बोला,”पूजा तुम यहाँ कैसे? एक बात बोलूँ? तुम बड़ी होकर बड़ी सुन्दर हो गयी हो सचमुच। गौरी गुड्डू का यह भयावह रूप देख सहम गयी। तब, गुड्डू ने कहा, ” पूजा तुमने इतना मेकअप क्यों कर रखा है? तुझ पर मेकअप सूट नही करता पूजा। हाँ चलो मेकअप कोई बात नही पर तूने अपनी चोंच इतनी लाल क्यों कर रखी है। गौरी ने कहा चोंच? गुड्डू ने गौरी के लाल लिपस्टिक लगे होंठों की तरफ इशारा किया। यह सुन गौरी हँस पड़ी। देख! गुड्डू तेरे लड़कियों के होंठ को चोंच बोलने की आदत गयी नहीं। वैसे तूने इतनी गज़ब की बॉडी क्यों बना रखी है? यह सुन वह भी हँस पड़ा और बोला बॉडी छोड़ और ये बता कि तू इस कमीने सांसद के साथ.. मैं कुछ समझा नहीं..। गौरी कहती है कि मैं इसी का सहारा लेकर यहाँ तक पहुँची हूँ क्योंकि जिसको तुमने कैद कर रखा है मुझे उनसे मिलना है प्लीज़ मुझे दिखाओ वो कहाँ हैं? पायरिया कहता है ये जो कालीन बिछा है इसके नीचे वो कैद हैं और नीचे जाने के लिए एक कोड है उसको डालो तब यह जाल खुलेगा तब ही तुम अंदर जा सकोगी| गौरी कहती है,कोड दो गुड्डू ? पायरिया कहता है,”मैं अगर जिंदा हूँ तो मंत्री जी के कारण मैंने उनका नमक खाया है और मैं उनसे गद्दारी नहीं करूगां। अब चाहें वो गलत हो या सहीं वही मेरे भगवान है। गौरी ने कहा,”देशद्रोही भगवान कैसे हो सकता है गुड्डू? गुड्डू ने कहा,”पूजा छोड़ न ये सब.. बता कैसी है तू? चलो बचपन की यादें ताजा करते हैं। गौरी धीरे से सावन और पत्रकार जी को मैसैज करती है कि ईरा जी मिल गयीं जल्दी आओ और वह शहर के तीसरे बड़े भूतिया खंड्हर के अंदर कैद हैं, जल्दी पहुंचों।गौरी कुछ सोचतीं हैं और फिर गुड्डू से कहती है कि वॉव! ये पिस्टल। चलो मुझे भी चलाना सिखाओ? वो हंसता है यहाँ कोई आम और अमरूद नहीं बल्कि मेरा सर है दोस्त। वह भी हँस पड़ती है उसे हँसता देख पायरिया उसके रूप सौन्दर्य को देखता ही रह जाता है। फिर गौरी पिस्टल उठाकर इधर – उधर गोली चलाने लगती है और उसे समझाती हुई कहती है देख! गुड्डू तू यह सब गलत काम छोड़ दे। गुड्डू कहता है मुझ अनाथ का अपना है कौन जिसके लिये कुछ छोडूँ। वह कहती है ऐसे मत बोलो मैं हूँ न तेरी दोस्त पूजा। वह कहता है चल झूठी तेरा तो पति और बालक होगें बोल। यह सुन वह चुप हो जाती है और कहती है पति है बालक नही। यह बात सुन और गौरी का उदास चेहरा देख गुड्डू को यह समझते जरा भी देर नहीं लगती कि जरूर इसके पति व इसके बीच कोई अनबन होगी या बच्चा न होने की पीड़ा। गौरी कहती है यह सब छोड न गुड्डू तू बता मेरे साथ रहेगा मैं तेरे लिए जिम खुलवा दूंगी तुम सबकी बॉडी बनवाना खूब कमाना। वह हँस कर बोला अभी तक सौ से ज्यादा मर्डर कर चुका हूं और भी तमाम बड़े अपराध मेरी दुनिया और तुम्हारी दुनिया का अब मेल सम्भव नहीं। वह बोली तुम आत्मसमर्पण कर दो गुड्डू मैं नहीं चाहती तुम पुलिस की गोली के शिकार हो। वह कहता है गोली से कौन डरता है मैं तो मीठी बोली से डरता हूँ कि कहीं मेरे यह खूनी हाथ खून करने से रूक न जाएं। वह कहती है किस अपराध के सबसे ज्यादा खून किये तुमने। वह कहता है बलात्कारियों के। देश के गद्दारों के माफियाओं के मानव अंग तस्करों के जो मुझे गलत लगा वह नहीं बचा हाँ कुछ सही लोग भी मुझे बिना बताये मेरे नाम से मरवाये गये। गौरी उसका हाथ पकड़ कर कहती है गुड्डू अब तक तुमने अपने मन की, की है बस लास्ट बार अपनी दोस्त की भी सुनो। तुम ईमानदारी से मुझे कोड बता दो गुड्डू प्लीज़ कहते हुये आँखों में आँसू आ जाते हैं। गुड्डू अपनी दोस्त के आँसू देख कहता है जानना चाहोगी कोड क्या है। वह हाँ में सिर हिलाती है। गुड्डू कहता है कोड है ”पूजा” वह कहती है कोड बताओ प्लीज़। वह कहता है तेरा नाम ही कोड है ”पूजा”। पूजा गुड्डू का शुक्रिया अदा करके कहती है कि नीचे फेमस डी.एम. ईरा सिंघल जी पाँच वर्ष से कैद हैं। मैं उन्हीं को छुड़ाने आयी थी। यह सुन वह बोला, ” मुझे तो बताया गया था नीचे कोई नरभक्षी औरत है। गौरी कहती है क्या? गुड्डू कहता है हाँ पर तू मुझे पूरी बात बता पूजा। गौरी यानि पूजा गुड्डू को ईरा जी की पूरी कहानी सुनाती हैं। यह सुन गुड्डू कहता है यह मुझसे बहुत बड़ा पाप हो गया पर मैं अब किसी को नही छोडूंगा जिन्होंने मुझे पापी बना दिया। तभी नीचे से कुछ टूटने की आवाज आयी। गौरी ने फौरन उस जाली में अपना बचपन का नाम ‘पूजा’ कोड डाला और जाल का दरबाजा खोल वो तुरंत नीचे उतर गयी।
वहाँ ईरा मैडम की बुरी हालत देख वह रो पड़ीं कि सामने ईरा मैडम इतनी कमज़ोर हालत में थीं मानों वह शरीर नहीं बल्कि कोई श्वांस लेता कंकाल पड़ा था। वह उनके पास गयीं। कुछ ही मिनट बीते कि पीछे से जगत और पत्रकार जी समेत पुलिस की पूरी टीम भी आ पहुँची और मिलकर खूफिया कैमरे लगाने में व्यस्त हो गये फिर सभी वहाँ छिप गये केवल पत्रकार नीचे पहुँचता है और सामने ईरा मैडम को बुरी हालत में लेटा देख वो रो पड़ता है और ईरा भी सामने पत्रकार को देखकर रो पड़ती हैं दोनों कुछ बोल पाते कि अचानक जाल ऊपर से बन्द हो जाता है|फिर, अचानक किसी के भारी कदमों की आवाज सुनाई देती है धम्म! धम्म! वह बोलता हुआ आ रहा है जय जय महाकाल। महाकाल की जय हो। वह दिखने में अघोरी भेषधारी पूरे शरीर पर भस्म मले और मात्र लंगोट पहने,बड़ी बड़ी जटाओं को हिलाता हुआ एक बाबा सामने आ खड़ा हुआ और बोला अब आयेगा खेला का असली मजा जय जय महाकाल। गौरी ने कहा,”कौन हो तुम”? वह बोला,”तुम जैसी भटकी आत्माओं के लिये में एक अघोरी हूँ”। यह शब्द सुन पत्रकार और गौरी को सब याद आ गया कि फोन पर यही था। सब कुछ इसी ने ही किया। वह बोला,”इस बवाली डी.एम ने मेरे भाई मुकुंद कुंद्रे को जेल भिजवा दिया। अरे! अपनी दस साल की नातिन के साथ ही तो सोया। साला कोई वेश्या के साथ तो नहीं । इस साली बवाली ने उसको जेल पहुंचाकर उसका जीवन ही बर्बाद कर दिया। बेचारा कितना माफी मांगा पर इस बवाली ने एक न सुनी। उसको जेल भिजवा दिया, खुद को रंगबाज समझ रही थी। इसको नहीं पता था कि उसका बदला लेने वाला मैं कपड़ा मंत्री उर्फ अघोरी भाई अभी जिंदा हूँ। तूने उसे सरकारी जेल में डलवाया और मैंने तुझे अपनी निजी जेल में, हा हा हा..।गौरी ने कहा,”तू वही मंत्री है ना जिसने पायरिया को एक गुलाम की ज़िंदगी दी”? तुझ जैसे नेता और मंत्री सचमुच किसी आतंकी से कम नहीं हैं.. अपने को अघोरी कहता है। अघोरी तुझ जैसे पापी नहीं होते समझे। इतना कहते ही गौरी ने दूर रखी पिस्तौल उठाने को जैसे ही हाथ बढ़ाया। तो उस ढ़ोगीं ने अपनी जटाओं को झटकते हुये अपने पांव से उस पिस्तौल को दबाते हुये कहा,” ओ! लौंडिया चूहे मार दवा से शेर नहीं मरा करते। यह सुन गौरी बोली,”तूने ठीक कहा ढ़ोगीं! शेर नहीं मरा करते पर तू तो गीदड़ है| यह जवाब सुनकर वह जोर से चिल्लाया देख! खामोश हो जा वरना.. गौरी ने कहा, ”वरना क्या” ? वह पूरी ताकत से चिल्लाकर बोला,”मुझे गुस्सा नहीं सनक आती है समझी।” मैं कुछ समझ पाती कि एकाएक उसने अचानक पास की दीवाल से लटकती रस्सी को खींच दिया और एक बहुत बड़ा और चमचमाता ब्लैड बहुत तेजी से ब्रेंच पर लैटी ईरा जी के घुटनों पर गिरा और उनकी टांगें और धड़ दो भागों में बंट गया। ईरा जी इस महादर्द से बुरी तरह चीख उठीं। उस चीख से पूरा खंडहर थरथरा उठा। यह देख पत्रकार चिल्लाया ईरा मैडम। तभी उस ढ़ोगीं ने तिरंगा निकाला और बोला,”इसकी मैं लंगोट लगाऊँगा वो भी तेरे सामने बवाली डी.एम.। अगर देश की शान प्यारी है तो अपनी बचीं हुई जाघों पर खड़ी हो जा जल्दी। इधर गौरी और पत्रकार को उस ढ़ोंगी अघोरी के गुर्गों ने पकड़ रखा था। वो बस रो और चिल्ला रहे थे। जॉल के ऊपर पुलिस और अघोरी के गुर्गों में मुठभेड़ चल रही थी जिसे पायरिया सम्भाल रहा था कि एक गोली पायरिया के छाती में लग कर आर पार हो जाती है। वह जाल से नीचे पूजा से चिल्ला कर कहता है पूजा तुम इस अघोरी के रूप में इस देश के गद्दार कपड़ा मंत्री को मत छोड़ना तूझे तेरे दोस्त गुड्डू की कसम है। पूजा चिल्लाती है कोई एम्बुलेंस मँगाओ कोई है कहकर फूट फूट कर रो पड़ती है जाल से गिरतीं गुड्डू के खून की बूंदें वह छूने के लिये तड़प उठती है पर खम्भे से बंधी होने के कारण कुछ नही कर पाती। ऊपर जाल से अंतिम श्वांस लेता हुआ गुड्डू कहता है मत रो पूजा यह खून नही इस गद्दार का नमक बह रहा है इसे बह जाने दो। तभी उसे एक और गोली लगती है वह चिल्लाता है पूजा और पूजा को एकटक देखते हुये उसके प्राण पखेरू उड़ जाते हैं। गुड्डू की चीख सुन पूजा समझ जाती है कि अब गुड्डू नहीं रहा। तभी वह अघोरी हाथ में तिरंगा जैसी चुनरी लिये जोर से हँसता हुआ कहता है कि इस तिरंगे को मैं लंगोट बनाकर तुम सब के सामने पहनूंगा दम हो तो रोक लो वरना अगर बवाली तू इस कटे धड़ से खड़ी होकर मना करे तो मैं मान जाऊंगा। कहकर तिरंगे चुनरी को मोड़ने लगता है।
यह देख गौरी को कुछ सूझा और वह बुलंद आवाज़ में राष्ट्रगान गाने लगी जन गण मन अधिनायक जय हो भारत भाग्य विधाता…। फिर, जैसे ही दर्द में तड़पती डी.एम. ईरा जी के कानों में राष्ट्रगान की आवाज़ पहुँची तो उन्हें याद आया कि स्कूल में टीचर कहते थे जब राष्ट्रगान हो रहा हो तो खड़ा हो जाना चाहिये अगर लेटे या बैठे रहोगे तो देश का अपमान होगा। देश का अपमान! देश का अपमान! ….। इधर पत्रकार और गौरी राष्ट्रगान गाने में लगे थे कि तभी डी.एम ईरा जी दर्द को पीते हुये उठने का प्रयास करने लगीं और एकाएक गिर पड़ीं। यह देख अघोरी हँस पड़ा कि तभी पत्रकार ईरा जी की तरफ देख के बोले,”ईरा जी! आई लव यू। पत्रकार के मुँह से यह शब्द सुनकर वो अंदर तक मानों तृप्त हो उठीं। उन्हें ऐसा महसूस हुआ कि वर्षों से प्यासी रेत पर बिन मौसम अचानक जोर की बरसात हो गयी थी। प्यार भरे शब्दों को सुनकर उनके अंदर की चेतना जाग उठी और वह हल्की मुस्कान के साथ हिम्मत करके अपनी दोनों जाँघों पर खड़ी हो गयीं और तिरंगे को सैल्यूट करते हुये पूरी हिम्मत बटोर के बोलीं,”भारत माता की जय। जय हिन्द। इतना कहकर वो गिर पड़ीं ..। तो पत्रकार चिल्लाया जय हो। यह देख! अघोरी ने पत्रकार को उसी वक्त तुरन्त गोली मार दी। जमीन पर पड़ी डी.एम. ईरा और पत्रकार दोनों खिसक कर एक दूसरे के पास आने लगे तो अघोरी बोला,” तुम्हें मरने तो दूँगा पर प्यार में कतई नहीं…। देख! सुन बवाली डी.एम! मैंने तेरी इस तहखाने में कैदवाली सी.डी बनाकर इस पत्रकार को इसके फ्लैट पर भिजवायी थी पर देखो! ये तुम्हें छुड़ाने तक नहीं आया और बोलता है आई लव यू। धोखेबाज है ये। धोखेबाज। यह तो इस लड़की के साथ मज़े उड़ा रहा था। इससे पूछो यह तुझे बचाने क्यों नहीं आया..? पत्रकार ये सुनकर रो पड़ा और सोचने लगा कि मैंने तो फ्लैट छोड़ श्मशान में रहना शुरू कर दिया था। मुझे किसी सीडी की जानकारी नहीं…वो यह सोच ही रहा था कि ईरा जी आंसू भरीं सवालिया आँखों से पत्रकार की तरफ देखतीं हुईं धोखे के दर्द की नींद सो गयीं और वहीं पास ही ज़मीन पर पड़ा पत्रकार ने यह सोच कर तड़प उठा कि काश! ईरा जी को दो पल की ज़िंदगी और मिल जाती तो मैं ईरा जी को सब सच बता देता। ये सब सोचते हुये वो भी ग्लानि से भरी दर्द की आख़री नींद सो गया। दोनों के मन की बात मन में ही दफ्न हो गयी| तभी अचानक गौरी को याद आया ओह! यह सब तो मेरी गल्ती है। वो दूसरी सीडी! मैं देख लेती। ओह गॉड! वो तो वही सीडी थी जो मुझे पत्रकार जी के फ्लैट से मिली थी। काश!मैं ही देख पाती और तभी एकाएक ऊपर जॉल काट कर ढे़रों पुलिस जवान नीचे कूदतें हैं और तभी गौरी उस भगदड़ में उस अघोरी के गुर्गे को ज़मीन पर गिरा देशी कट्टा उठाती है और भाग रहे अघोरी की दोनों टांगों में गोली मार देती है। फिर उसे घसीटते हुऐ उसी ब्रेंच पर लिटा देती है। मौत को सामने देख वह ढ़ोगीं गिड़गिड़ाने लगता है और अपनी जान की भीख मांगने लगता है पर तभी जगत उसे धक्का मार कर उसी ब्रेंच पर धकेल देता है और सावन उसे पटक-पटक कर अधमरा कर देता है और तभी गुस्से से भरी डी.एम. गौरी संघाल पास की दीवार की रस्सी खींच देती है और वह पैना बड़ा ब्लैड उस अघोरी की गर्दन पर गिरता है और उसकी गर्दन धड़ से अलग हो जाती है। अब गौरी उस मुड़े तिरगें को खोलती है और सीने से लगा लेती है। फिर रोते हुये उसे पत्रकार और डी.एम. ईरा सिंघल को ओढ़ा कर उनको सैल्यूट करती है। यह देख वहाँ खड़े सभी पुलिसकर्मी डी.एम. ईरा जी को सैल्यूट करते हैं और गौरी कहती है,”सत्यमेव जयते। ” फिर कुछ देर गौरी वहीं बैठी रहतीं है तो इंस्पेक्टर सावन कहता है प्लीज़ यहाँ से चलिये मैडम। वहाँ खड़े सभी पुलिसकर्मी कहतें हैं कि मैम! हमने कुछ नहीं देखा। प्लीज़ आप जाइये हम सब संभाल लेगें। फिर सब लोग श्मशानघाट पहुंचते हैं जहाँ ईरा मैडम और पत्रकार जी का दाह संस्कार की तैयारी शुरू होती है। गौरी दूर खड़ी ईरा जी और पत्रकार को देखती है तभी कहती है सुनिये!एक ही चिता बनाइये दोनों को साथ -साथ फना होने दिया जाये। यह सुन सब हाँ में सिर हिलाते हुये दोनों मृतकों को एक साथ एक चिता पर साथ लिटा देते हैं।यह देख सावन कहता है मुखाग्नि मैं दूँगा। तो गौरी कहती है यह काम मुझे करने दो प्लीज़।फिर जैसे ही गौरी मुखाग्नि देने चलती है कि तभी डॉक्टर की टीम आकर कहती है रुकिए। गौरी हैरान होकर उनकी तरफ देखती है तो वह डॉक्टर कहते हैं कि ईरा मैडम अपने जीते जी अपने शरीर के महत्वपूर्ण नौ अंग और स्किन दान कर चुकी हैं। तो हमें हमारा काम करने दीजिये। यह कहते हुये डॉक्टरों की टीम ने ईरा जी के मृतक शरीर को चिता से हटा कर गाड़ी में रख लेते हैं और वह गाड़ियां तेजी से वहाँ से चली जातीं हैं। यह देख गौरी जमीन पर बैठ रो पड़ी। इधर पत्रकार की आत्मा दूर खड़ी रोती रही कि मेरी गलती कि न साथ जी सके, न साथ खुशी से मर सके और देखो बदकिस्मती का आलम कि न साथ जल सके। हे! ईश्वर तू मुझे कभी मुक्ति न देना। मैं तो बस अब भटकना चाहता हूँ। तभी सावन ने गौरी को उठाते हुये कहा, ”मैडम मत रो प्लीज़, यह भी कोई छोटी बात है जो आपने हिन्दी की कहावत को आज बदल दिया कि औरत औरत की दुश्मन नहीं बेहतरीन दोस्त भी साबित हो सकती है। देखो! आपने ईरा जी को न्याय दिलाया है। दोनों बात कर ही रहे थे कि पीछे से मीडिया ने आकर उन्हें घेर लिया कि मैडम सुना है कि उस मंत्री के मर्डर में आपका हाथ है। यह सुन गौरी कहती है हाँ उस राक्षस को मैने ही मारा है। यह सुन वहाँ खड़े सब लोग सामने आकर एक साथ कहते हैं हाँ उस राक्षस को हम सबने मारा है। यह सुनकर मीडिया की भीड को चीरते हुये गौरी और सावन दूर जा खड़े होते हैं।
अब सभी जा चुके होते हैं और कुछ देर के लिये सब शांत हो जाता है। खामोश हो चुकी गौरी गाड़ी में जाकर बैठ जाती है तभी गौरी के मोबाइल पर कॉल आती है बहू प्लीज़ मुझे बचा लो। अब मैं तुझे कभी परेशान नहीं करुँगी। कोई पैसा नहीं मागूँगी।यह सुन गौरी कुछ बोलती कि गौरी का पति फोन पर कहता है,” डी.एम. होगी अपने लिए मेरी माँ को जेल पहुँचाया, साली मैं तुझे डिवोर्स दे दूंगा| गौरी कहती है,” कृपया आप कष्ट न करें। यह भी काम भी मैं खुद कर लूँगीं। वेट कीजिये मैं खुद आपको डिवोर्स दूंगी। गुड बॉय| वह कहता है तुझमें इतनी हिम्मत कहां से आ गयी रूक तू। गौरी बीच में ही कॉल डिस्कनेक्ट कर देती है।
यह सुन इंस्पेक्टर सावन कहता है वो मैंने आपका मोबाईल देख लिया था सो मैंने…..पर मैंने ठीक किया ना……गौरी ने कहा,”हाँ, सावन आपने बिल्कुल ठीक किया, थैंक यू सो मच।” सावन ने कहा,” अरे! नहीं मैम थैन्कयू बोलकर आप मुझे शर्मिन्दा न करें प्लीज़। मैं आपकी दिल से बहुत रिस्पेक्ट करता हूँ और हाँ मैम आपके पति और सास दोनों माँ बेटे ने मार पीट, शोषण सब कबूल कर लिया है। यह कॉल थाने से करवायी गयी कि आप उनकी गिड़गिड़ाती आवाज़ भी सुन सको।
मैम! मुझे यह भी पता चला है कि आपने अपनी पूरी पढ़ाई बड़ी मुसीबत से मायके में रह कर की है। यह सब यातनाएं सहते हुये भी आप आज इतने बड़े और जिम्मेदार पद पर हैं और हर एक के दिल में भी हैं आज। मैम आज आप देश- दुनिया की नज़र में बुलंद हो गयीं। पता है कितना महान कार्य किया है आपने? गौरी को चुप देख! सावन ने कहा कि मैम आपने अपने पति को जेल क्यों नहीं भेजा आख़िर? क्यों सब सहती रहीं ? गौरी ने सावन की तरफ नम आँखों से एक टक देखा! और कहा क्योंकि मैं अपने पति को दिल-ओ-जान से चाहती थी और यकीन था कि मैं एक दिन उनको बदल लूंगी। सब ठीक कर लूंगी। मेरी माँ हमेशा कहा करती थीं कि पति ही भगवान है उन्हें और उनके परिवार को खुश रखने की कोशिश करो। यह समाज तलाकशुदा को सम्मान नहीं देता मेरी बच्ची। मैं तेरा हँसता-खेलता परिवार चाहती हूँ। मैं कैसे माँ को समझाती कि वो लोग इंसान हैं ही नहीं जिनको समझाया जा सके। बस फिर चुपचाप किताबों को ही अपना परिवार बना लिया। हाँ, मैं उस समाज को बदलना चाहती हूँ जो हाउस वाइफ महिलाओं को बस अपनी ज़रूरत समझता रहा है जबकि हाउस वाइफ अनमोल है। मैंने हमेशा से यही चाहा था कि मैं एक बेहतरीन हाउस वाइफ साबित होऊँ अपने पति और बच्चों को यह जीवन समर्पित हो क्योंकि डी.एम. बनना फिर भी सरल है पर हाउस वाइफ बनना बहुत कठिन। मेरी नज़र में देश-दुनिया की प्रत्येक हाउस वाइफ सुपर हो रही हैं। मैं उन्हें दिल से सैल्यूट करतीं हूँ। अफसोस! मैं जीवन में खुद को कहीं भी साबित न कर पायी। सावन! मैं अपनी माँ की आँखों में आँसू नहीं देख सकती थी बल्कि बस खामोशी से तैयारी में मन लगाया कि लोगों के लिये कुछ कर सकूं वरना ऊपरवाले को क्या जवाब दूंगी। यह सब सुन सावन ने हाथ जोड़कर कहा, ”मैम आप सचमुच महान हो।” मैं आपको सैल्यूट करता हूँ। यह देख गौरी ने कहा प्लीज़ यह सैल्यूट मुझे मत करो और एक बात बताओ सावन! क्या तुम्हें पता है वो श्याम भाई का क्या हुआ कि जिसकी बहन के पेट में लोहे के बेलचे आर- पार किये गये थे और उसने उन्हीं बेलचों से दोषियों को मार दिया था | सावन ने कहा,”वो लड़का उस समय मात्र तेरह वर्ष का था। अब पता नहीं कहाँ होगा? कोई नहीं जानता? यह सुन गौरी ने कहा,” उसे ले जाने वाले उसको एक और गुड्डू बना देंगें। सावन ने कहा,”कौन गुड्डू?” गौरी ने कहा,” कुछ नहीं, वादा करो उस श्याम को ढूँढ़ने में मेरी मदद करोग।” …..सावन ने कहा,”बिल्कुल मैम”।
गौरी मन ही मन कहती है खुद की नज़रों में गिर गयीं हूँ। वह खुद से सवाल करती है, क्या यह हैं मेरे बहुत महान कार्य? उस सांसद का छूना, गुड्डू का मरना, सीडी का ना देखना और ईरा जी का मरना। यह सब सोचते हुये वह मन ही मन आँसुओं को पीने लगती है और ग्लानि और पश्चाताप से भर जाती है|
फिर एकाएक , जगत आकर कहता है मैम! अब तक यही खडे़ हैं आप लोग?शाम होने को है चलिये गाड़ी में बैठिये।गौरी कहती है वहां क्या हो रहा है तो वह कहता है कि जनता और मीडिया की भारी भीड़ है। हमने उस ढ़ोंगी की बॉडी हिल्ले लगा दी है। न मिलेगी बॉडी न चलेगा केस। गौरी कहती है मैं सच बोल दूंगी जगत और चली जाऊंगी जेल। यह सुन जगत ने कहा, ” देखा जायेगा पर अभी यहां से चलते हैं। फिर, सावन और गौरी गाड़ी में बैठकर जैसे ही भिमारी में प्रवेश करतें हैं कि चौंक जाते हैं कि चारों तरफ ट्रक जल रहें हैं और वहाँ ऐसा बवाल मचा कि पूछो मत। गौरी अपनी गाड़ी के बोनट पर चढ़कर कहती है प्लीज़! शांत हो जाइये और कोई एक बोलो कि आख़िर हुआ क्या? यह सुनकर कुछ शान्ती हो जाती है और कुछ लोग कहतें हैं कि हम लोगों ने पाँच ट्रक गौ माँस पकड़ा और इन नेताओं के कारण दो ट्रक गायों से भरे ट्रक आगे निकाल दिये गये। अब वो कटेंगीं जाकर साले जिसका दूध पीते हैं उसी का माँस खातें हैं। वो ट्रक इतनी जल्दी में निकले कि हमारी एक छोटी बच्ची को लील गये|यह सुनकर कुछ लोग आपस में लड़ने लगे कि कुछ हिन्दू अगर बेचें नहीं तो कुछ मुसलमान उन्हें काटे नहीं। बस फिर क्या था तभी देखते ही देखते वहाँ मार-पीट शुरू हो गयी। तब सावन ने हवाई फायर करते हुये कहा,”रूको भाई यह बताओ दोषी कौन है? तो भीड़ बोली दागी नेता। हम आम जनता बिना टीईटी के टीचर नहीं, बिना आईआईटी के इंजीनियर नहीं, बिना पीसीएस के आप डी.एम. नहीं और नेता के लिये बस वो दागी हो और माना हुआ परम अपराधी हो बस | गौरी ने कहा,”वो दूर उधर लोग किसे पीट रहें हैं?” तो वहाँ खड़ी जनता बोली,”चोट्टा विभाग वाले।” गौरी बोली,”मतलब|” यह सुनकर वह लोग बोले कि बिजली विभाग के लोग पिट रहे हैं क्योंकि मैडम जितना हमारे बिजली मीटर का एक महीने का बिल आता है उतना बिजली विभाग के कुछ लोगों के घर का सालभर का बिल होता है। घर में जुगाड़ से बिजली चोरी करते हैं और घर से बाहर निकल कर आम जनता को हड़काते फिरते हैं । इनकी भी ऐश और इनके रिश्तेदारों की भी।ये बिजली विभाग के कुछ भ्रष्ट कर्मचारी कोई बिल नहीं देते | हमारा तो मकान दो महीने से बन्द पड़ा है फिर भी बिल आया बीस हज़ार रूपये। जबकि वह मीटर सालभर पहले कट भी चुका और पीडी भी करवा लिया था। कटे कनेक्शन का भी80हज़ार बिल तो बताओ मैडम गुस्से में जनता कैसे चुप रहे। इन भ्रष्ट नेताओं के लिये हम जनता बस वोट देने की मशीनभर हैं और कुछ नहीं…।
गौरी ने कहा,” अगले महीने जिले में चुनाव है और अगर सभी दागी व्यक्ति चुनाव में खड़े होते हैं तो बस आप लोग काले रंग का बटन दबाओ 27%वोट निगेटिव मतलब किसी को भी वोट नहीं ये है इस बटन की ताकत |आप लोग अपने अधिकार का सही प्रयोग करो बस। अगर सत्ताईस परसेन्ट वोट निगेटिव पड़ जायें तो चुनाव में खड़े सब दागी नेता जेल में और राष्ट्रपति शासन और फिर कहना कि नेता भी पढ़ा लिखा और सज्जन चाहिये फिर कोर्ट भी आपको न्याय ज़रूर देगी।
अगले महीने तो गज़ब हो गया पूरे देश में ‘नोटा’ बटन काले रंग का क्रॉस बटन दबा और ज़बरदस्त निगेटिव वोटिंग हुई यानि मेरा वोट किसी को नहीं। बेरोज़गार लोग प्रदर्शन कर रहे थे कि जॉब नहीं तो वोट नहीं। महिलाएं कह रही थीं कि पहले दहेज़ मिटाओ फिर सुरक्षा बढ़ाओ तब हमारा वोट पाओ। वह टीवी पर देख रही थी कि देशभर में हर तरफ अपने हक और अधिकारों को लेकर बवाल मच गया था।
दूसरे दिन गौरी को लोगों ने कहा,”मैडम! लालबाग स्टेडियम में एक सभा को सम्बोधित करें। ये बच्चों की सभा है|” गौरी तैयार होकर जैसे ही बाहर निकलती है तो उसकी अस्पताल वाली गोद ली गयी बेटी मॉली उसका दुपट्टा पकड़ कर कहती है,”माँ,मत जाओ|” गौरी उसे गले लगा कर कहती हैं कि माँ जल्दी वापस आयेगी तब तक इन आंटी के साथ खेलो। फिर, उसकी आया उसे गोद में लेकर अंदर चली जाती है| गौरी मंच पर पहुँचती है तो उसे अपने सामने उसी सांसद का चेहरा दिखता है और उन्हें खुद से घिन आने लगती है पर खुद को सम्भालते हुये वह मंच पर खड़ी है और तभी उसे गुड्डू दिखता है और कहता है चलो मैं तुम्हें लेने आया हूँ तभी पति दिखता है जो हमेशा उसे जलील करते हुये दिख रहा है कि मेरी माँ पहले, तू बाद में समझी, माँ जो कहे मानो वरना अब डिवोर्स ही होगा फिर बेटी दिखती है जो बार-बार, बोल रही है कि ‘माँ’ मत जाओ|ज़िंदगी की रियल फिल्म के सभी दृश्य मानो उसके सामने चल रहे थे। इन बीते दिनों की कड़वी और जहरीली यादों ने गौरी के दिलो-ओ- दिमाग में बवाल मचा दिया और तभी गौरी अपना मानसिक संतुलन खोने लगती हैं| फिर,तभी उस भीड़ में कोई गौरी की तरफ बंदूक से निशाना लगा देता है। उस बंदूक वाले को देखकर जगत दौड़कर मंच पर चढ़कर गौरी को खींच लेता है पर फिर भी गौरी के गोली लग जाती है और वह वही मंच पर गिर जाती है। तभी, बच्चों की भीड़ में बवाल मच जाता है और गोली मारने वाला पकड़ा जाता है तो सावन कहता है अरे! तू ? तुम तो गौरी मैडम के पति हो? मंच पर बैठा जगत कहता है मैम आपको बहुत समस्यायें हल करनी है आप मत जाओ। फिर चारों तरफ देखते हुये चिल्लाता है प्लीज़ कोई ऐम्बूलेन्स मंगाओ? पीछे से मंच पर ढ़ेर सारे बच्चे गौरी को चारों ओर से घेर लेते हैं| वह आँख खोलती है तभी कोई कहता है कि गोली चलानेवाला मैडम का पति था। वो पकड़ा गया|” यह सुन गौरी कहती है,”जगत तुम एक काम करना दहेज़ से खुद को और परिवार को दूर रखना| जगत कहता है कि मैम,”आप ठीक हो जायेगीं |” गौरी कहती है,”मेरी बेटी फिर से अनाथ हो गयी|” जगत कहता है,”मैं पालूंगा! मैडम आपकी प्यारी गुड़िया रानी को पर आपकी तरह उसे डी.एम. नहीं बनाऊंगा और यह बोलते हुये, वह फूट-फूट कर रो पड़ा । जगत को रोता देख! डी.एम गौरी संघाल बोली,”जगत तुम मेरी बेटी को अग्नि कहो या बिजली पर गुड़िया मत बोलो क्योंकि बेटी, बेटी होती है कोई खेलने वाली चीज़ ‘गुड़िया’ नहीं। और इतना कहते-कहते गौरी की आँख बन्द होने लगी। तभी भीड़ को चीरता हुआ सावन दौड़ता हुआ आया और बोला,”मैडम, आपको कुछ नहीं होगा।” गौरी मुस्कुरायी और बोली,” हिन्दुस्तान में हर समस्या का हल है पर शर्त यह है कि वो समस्या अपनी न हो |” यह सुन सावन कहता है आपको कुछ नहीं होगा मैडम मैं समाज और देश के गद्दारों को बीच से चीर दूँगा कसम तिरगें की। यह सुन गौरी कँपकपाते होंठ से कहती है नहीं सावन देश में कानून है न, आप बवाल नहीं सवाल करो। इंस्पेक्टर सावन कुछ समझ पाता कि उनकी आखें खुली रह गयीं।और वह सदा के लिये दुनिया के बवाल से बहुत दूर चलीं गयीं| यह देख! सावन उनकी आँखों को बन्द करके फूट-फूट के रो पड़ा और यह सब देख चारों तरफ से लोगों की भीड़ गौरी को एक नज़र देखने को बेकाबू हो  गयी।

ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना 


लेखिका आकांक्षा सक्सेना
जिला औरैया
उत्तर प्रदेश
पूरी हुई कहानी समय शाम 4:59 पर
दिन शुक्रवार
दिनांक 6अक्टूबर 2015

....दोस्तों  इस कहानी ने मुझे सोने नहीं दिया। हमने ये कहानी सपने में पूरी चार पार्ट में देखी और फिर दो पार्ट में लिख डाली ये मेरे जीवन की एक अजीब घटना है जो हम लिखकर भी समझ न पाये.......!!!!

54 comments:

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    1. Thank you very much..
      Director love lohiwall ji.

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    2. Thank you very much Actor/Director Love Lohiwall ji..

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  2. Replies
    1. Thank you very much writer/Bloggist Dhirendra Bisht ji

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  3. Replies
    1. Thank you very much writer, poet,bloggist Parvesh kumar ji

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  4. Replies
    1. Thank you very much famous TV serial Actor/director
      Debasish Naha ji

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  5. A very beautiful story with a very gd msg

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    1. Thank you so much famous web designers The Media Mosaic ji

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  6. A very beautiful story with a very gd msg

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  7. Replies
    1. Thank U very much Famous TV serial Actor Sagar saini ji

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  8. कहानी अच्छी है आपको बधाई आकांक्षा जी, किन्तु एक कहानीकार होने के नाते आपको बताना चाहता हूँ कि वाक्य विन्यास और वर्तनी का भी ध्यान रखें। अच्छा लिखना और उसे प्रस्तुतिकरण के योग्य बनाना अलग अलग बातें हैं लेकिन महत्त्वपूर्ण हैं। कृपया अन्यथा मत लीजिएगा। अच्छा लिखती हैं इसलिए कोई कमी नहीं होनी चाहिए। आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना के साथ।
    आपका अपना
    डॉ. लवलेश दत्त (संपादक अनुगुंजन त्रैमासिक पत्रिका)
    शिवछाँह, 165-ब, बुखारपुरा, पुरानाशहर, बरेली-243005 (उ0प्र0)
    फोन - 9412345679, ई मेल - lovelesh.dutt@gmail.com

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    1. Thank you very much writer/poet dr Lovelesh dutt ji

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  9. कहानी दिल को छूती है अभिव्यक्ति भी संवेदनात्मक है
    हाँ त्रुटि स्वीकार्य होनी चाहिए पर बहुत अच्छी संवेदना है आप और आगे बढ़ें और बुलंदियों को छुएँ
    संगम वर्मा
    प्रवक्ता
    सतीश चन्द्र धवन राजकीय महाविद्यालय
    लुधियाना, पंजाब
    एवं
    सहसंपादक - "राष्ट्रभाषा हिन्दी स्मारिका" , पंजाब
    चलभाष 9463603737
    sangamve@gmail.com

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  10. Kahani jo kehti jeevan ke sang behti
    Hey akhanchaon ki udan

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    1. Thank you very much famous film Maker/Actor ground zero

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  12. My heartiest congratulations to da author. Vry grate. Lagta hai dil se nilli hai. Keep going grate.

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  13. My heartiest congratulations to da author. Vry grate. Lagta hai dil se nilli hai. Keep going grate.

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  14. कहानी की पटकथा आपने कैसे लिखी यह आपके सपने पर आधारित है
    बहुत सुन्दर शब्दो की कारीगरी ...
    लगी रहो....

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  15. कहानी की पटकथा आपने कैसे लिखी यह आपके सपने पर आधारित है
    बहुत सुन्दर शब्दो की कारीगरी ...
    लगी रहो....

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  16. Really a very nice story....now not need to watch the upcoming movie on this story.....keep going on mam👌👍 ,..no words to say about it

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  17. Bahut hi bhavnatmak. ...sachchai ke kareeb likhi kahani padhne ka awasar hame mila.
    Keep it up.

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  18. Very nice story.
    Aap bahut acha likhti ho aapki har rachana DIL ko chhu jati h god bles you

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  19. Really mam story sach me dil ko chu gyi is story pe sach me film bnni chahiye me iske liye pura oura support krnga ...
    So gud Story iski film bnne se phle hi ye superhit h awsm mam.,,,

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  20. समाज में व्याप्त कुरूतियों को कहानी के माध्यम से सरल एवं स्पस्ट रूप से उजागर किया है ।

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  21. समाज में व्याप्त कुरूतियों को कहानी के माध्यम से सरल एवं स्पस्ट रूप से उजागर किया है ।

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  22. कहानी बहुत अच्छी है
    Very Nice

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