कहानी: कड़ी सजा
न्याय कटारी का....
"सही सजा"
....
सीन न.1-
समय दिन- (ट्रेफिट भीड़ जनता मिनिस्टर 'लंलनसिंह चितरौले' और पुलिस की गाडियों का काफिला )
दोपेहर का समय है रोड़ पर ट्रेफिक रफ्तार पर है चारों तरफ लोगों की भीड़ है | तभी मिनिस्टर और पुलिस की गाड़ियों का काफिला निकलना शुरू है | पूरा ट्रेफिक रूका हुआ है पीछे खड़े लोग किसी को इंटरव्यू देने जाना है तो किसी का एग्जाम है सभी गालियाँ दे रहे | आगें बढ़ाओ न भैया निकालो किधर से भी |
रोड़ के किनारे दो मौची जूता गाँठते हुये आपस में कहते - ये ससुर के नेता सारे वोट के भूखे
ऊँह ससुर पोलिस वाले नोट के भूखे |
दूसरा मौची," सही कह रहे भैया जितना अपने गर्भवती औरत का पेट नही होता उससे बड़ी तो इन लोग की तौदें हो जातीं है |"
पहला मौची," जे तौदें नहीं नगरपालिका का कूड़ादान है जो कभी भरता ही नही |"
इधर ऑटो में बैठे लड़के चिल्ला रहे | सालों निकल जाओ जल्दी ...!
पैदल चलती लड़कियाँ कोसते हुये जा रही देखो! साला नेता लोग के कारण कितना बड़ा जाम लग गया है नेता और पुलिस का एक ही काम दिख रहा है आजकल बस मंहगी कारों से घूमना...!
तभी पूरा काफिला निकल जाता है ...
जनता कोसे जा रही बस......!
सीन न. 2
समय दिन..(पूरा सीन गेस्ट हाउस में)
(मंत्री की गेस्ट हाउस/सर्किट हाउस में इंट्री, गाव के रसूकदार ठाकुर रंजीत प्रताप सिंह, पण्डित, दरोगा)
मंत्री जी( लंलन सिंह चितरौले ) गाड़ी से उतरे सफेद जगजगाता कुर्ता पायजामा तौंद बाहर मेहरून शदरी गोरा चमकता चेहरा बाल इकदम काले अमीर लुक में फुल ऐटीट्यूड में पीछे कमाण्डों, दरोगा, मेकअपमेन, पीए अन्य लोग सब पीछे-पीछे | सर्किट हाउस में अन्दर आते हैं |
सर्किट हाउस में एक माला पहनाते है ठाकुर सूरज प्रताप सिंह वाह! आ गये सर | यात्रा कैसी रही सर?
मंत्री ," सब ठीक |"
सूरज प्रताप सिंह - सर बड़े चमक रहे हैं क्या नया मेकअप रख लिया ?
मंत्री- ये मसाज की चमक है |
रंजीत प्रताप सिंह- क्या सचमुच शायद डीप मसाज लिया है |
दोनों हँस पड़ते है |
फिर , दोनों दारू पीते हैं ...!
मंत्री," यार ! कल का यहाँ क्या प्रोग्राम है ?
सूरज प्रताप सिंह- सर जी गाँव की औरतों को सील्ड बाँटनी है बस और छोटा सा भाषण |
मंत्री," पीऐ से कहो भाषण तैयार करदे बस दो लाइन का..कौन याद करे दुनियाभर का...!
यार नेता हूँ लेक्चरर नही |
तभी, पीए कहता है साहब !
बाहर दरोगा से भी मिल लो...
मंत्री और ठाकुर रंजीत प्रताप बाहर वाले कमरे में आते हैं |
वहाँ खड़े दरोगा और ठाकुर के साथ आये पंडित जी और कुछ लोग से मंत्री जी हाँथ मिलाते है तो ..दरोगा सोच रहा काश! कुछ खर्चा पानी मिल जाता है नही तो बोतल ही मिल जाती |
पंडित सोच रहा,"
लक्ष्मी मैया कृपा कर दो थोड़ी
रूपया दो या कौड़ी
तभी मंत्री जी कैसे हो..सब हड़बड़ी में ठीक है ठीक है ..कहकर हाँथ मिलाते है |
मंत्री पंडित से - क्या कहता है मेरा माथा पंडित?
पंडित- आप तो मुख्यमंत्री बनोगे जी लक्ष्मी मैया की कृपा से |
मंत्री - वाह! रे पंडित तेरे तो मुँह में घी शक्कर!
पंडित- यूँ कहो इग्लिस और देशी दोनों |
मंत्री कुटिल मुस्कॉन से - ़बिल्कुल पंडित
ठाकुर कहते हैं चलते है सरजी कोई दिक्कत हो बस एक कॉल कर देना ..कहकर सब उनके साथ ही सर्किट हाउस से गाड़ियों से निकल जाते हैं |
सीन न.3
( गाँव का सीन - टैण्ट में मेज-कुर्सी ,
बैनर - महिला सम्मान समारोह -
शौचालय घर में ही बनवाओ
बहु- बेटी का सम्मान बचाओ
बैनर पर यह श्लोगन लिखा हुआ...
स्टेज पर सील्ड रखीं, गाँव वालों की भीड़ , कुछ घूँघट में /महिलायें, मंत्री जी का भाषण)
टैण्ट में पड़ी कुर्सियों पर कुछ पत्रकार, कुछ पोलिस वाले, विधायक, आदि लोग बैठे हैं |बाकि गरीब जनता सब जमीन पर जन-बच्चों के साथ बैठी है इस उम्मीद में कि मंत्री जी शायद हम लोग का भला कर दें|
मंत्री जी मेकअप में चमकते कपड़े चमकते चेहरे के साथ प्रवेश करते हैं | चारों तरफ लोग उन्हें देख रहे भीड़ बढ़ती जा रही है |
गाँव के प्रधान ने माला पहना कर स्वागत किया और कुर्सी पर बैठने को कहा|
माइक पर एक सज्जन बोल रहे है कि...आज हमारे गाँव का भाग्य जाग गया जो मंत्री जी हमारे बीच पधारे हैं | वह आज उन महिलाओं को सम्मानित करेगें जिन्होने पति और परिवार से लड़-झगड़ कर घर में ही शौचालय बनवाया और अपनी बहु -बेटियों के सम्मान की रक्षा की|उनके इस साहसी कार्य के लिये मंत्री जी उन्हेंस्वंय सम्मानित करने आये हैं |
मंत्री जी ने तुरन्त पीए को इशारे से बुलवाया और मेसेज किया साले तुरन्त दो लाइन का भाषण मेसेज कर जल्दी|
पीए ने जल्दी से मेसेज कर दिया...
मंत्री जी ने पढ़ लिया-
माइक वाले सज्जन - दो शब्द मंत्री जी ...प्लीज..
मंत्री जी- नमस्ते !
जय श्री राम
चारो तरफ तालियाँ बज उठी..
अब नारी की पूजा तो देवता भी करते
मैंने भी सम्मान कर दिया क्या बड़ी बात..इतना कहकर हाँथ जोड़ते हुये..बनावटी हँसी हस कर कुर्सी पर बैठ गये...!
पीए ने माथा पीट लिया...!
ये तो व्हाट्सअप इमेज मेसेज हो गयी वही बोल दिया....हद है...! मेसेज तो पढ़ा ही नही...!
मंत्री जी की निगाहें भीड़ को चीरतीं हुई चारों तरफ घूम रही ...!मंत्री गुस्से से मन ही मन कहता साला! सब कबाड़ ही कबाड़ आया है जाने कहाँ का..कोई माल नही आया...!
माइक से सज्जन बोलते है..पहला पुरस्कार जाता है ..भारती देवी पत्नी दीप दिवाकर
इनकी जिद्दी मुहिम ने हमारे गाँव को प्रदूषणमुक्त गाँव बनाने का सपना साकार कर दिखाया | ...
मंत्री जी बेमन से उठकर उन्हें सील्ड देकर प्रमाणपत्र देकर सम्मानित करते हैं |
गाँव के बच्चे लोग आदि सब फोटो खींच रहे |सोच रहे हम भी मंत्री बने....
मंत्री सोच रहा जल्दी प्रोग्राम निपटे दारू पियें जाकर...!
सब प्रोग्राम खत्म...मंत्री गाड़ी में बैठा सोच रहा पूरा दिन बर्बाद हो गया साला...!
एक मिनट की आँख को ठण्डक ना मिली..!
वह गाड़ी में किनारे होकर मोबाइल पर पोर्न फिल्म देखने लगता है...! फिर आँख बन्द करके बैठे-बैठे आहें सी भरता है....!
सीन न.4
दूसरे दिन ...समय ..दिन
( गाँव का सीन, गाँव के लोगों से मिलना भीड,
कटारी नाम की गरीब लड़की के माता-पिता और उसकी बहन कजरी)
मंत्री जी की गाड़ियों का काफिला दूसरे गाँव में पहुंचता है ..चारों तरफ गाड़ियों से धूल उड़ रही है, गाड़ी भी सड़क के गड्डों से हिचकोले खाते हुये गाँव में रूक...मंत्री जी चमकते सफेद कपड़ों में चमकते चेहरे से....लोगों से मिल रहे हैं कुछ उन्हें माला फूल माला पहना रहे कुछ उनये हाँथ मिला रहे ...मंत्री जी चेहरा देख- देख कर ही हाँथ मिला रहे...कि कोई नीची जाति का हाँथ मेरे हाँथ से ना छू जाये...उनकी यह हरकत...साफ..दिखाई भी पड़ रही |
मंत्री चारों तरफ देखते हुये...सोचता है
साला! एक तो गुलाब दिखे
ज्यादा नही थोड़ी तो थकान मिटे
तभी सामने एक कच्चे फूटे घर के बाहर उसे सुगिया नाम की लड़की के पिता और माँ और सुगिया की छोटी 14 साल की जवान होते हुई छोटी बहन कजरी खड़ी दिखती है..कजरी छोटा कसा सूती कुर्ता पहने है..चुन्नी नही डाली है..मंत्री की भूखी-प्यासी वासना में डूबी खोजी नजरें तुरन्त कजरी को नीचे से ऊपर तक देखती हुई उसके चेस्ट पर क्रेन्द्रित हो जाती..कजरी यह देख! अपनी माँ के पीछे छिप जाती है | तभी, उसका पिता उसका हाँथ खीचकर निडरता के साथ उसे अपने आगें खड़ा कर देता है | तभी, मंत्री कजरी के पिता की तरफ देखता है ..तो उस निडर निगाहों का वह सामना नही कर पाता और नजरें चुराते हुये वहाँ से आगें जाता है...!
बढ़ते हुये मंत्री सोचता..साला!
गुलाब सोचा था कली दिख गयी
मेरी आँखों की आज थकान मिट गयी....
कुटिल मुस्कॉन से चलता जा रहा......!
सीन न.5 समय .दिन
( सर्किट हाउस में मंत्री जी का मेकअप, मंत्री जी के गंदा विचार, गाँव का स्कूल भ्रमण)
मंत्री के चेहरे को मेकअपमैन तैयार कर रहा है..
मंत्री- छुर्रिया कवर कर दो ठीक से...दाड़ी भी ट्रिमर से हल्का छोड़ना ..
मेकअप मेन ...सर आप बोलिये नही ..मैं वही सब कर रहा हूँ |
ये लीजिये...आपका फ्रैन्च परफ्यूम...
मंत्री...गुड..यार...
पूरे शरीर में लगाकर....शीशे में खुद को देख कर खुश होते हुये...वाह.!
पीए आकर कहता है..सर
ये पढ़ लो स्कूल में यह पूछना है आपको....
मंत्री पढ़कर ...पॉकिट में रख लेता है..
मंत्री को बार-बार कजरी दिख रही...
मंत्री सीधा वॉशरूम में जाता है...
टॉयलेट सीट कमोर्ड वाली पर बैठ कर..
मोबाइल पर ब्लू फिल्म क्लिप देखता है...फिर खड़े होकर टॉयलॉट करता हुआ कुछ सोच रहा ..
वॉसवेसन ..पर हाँथ धुलने जाता..
सोचता .साला कुर्सी सीट पर कौन से हाथ गंदे होते जो मैं हाँथ धौऊँ.....
बिना हाँथ धोये...मंत्री.....!
बाहर आकर.....
डाईरेक्ट.....गाड़ी में आ बैठता है....!
सीन न.6 समय दिन
गाड़ी सीन ..मंत्री और पीए
पीए सर..प्राईमरी स्कूल में जाना है बच्चों से मिलना..कुछ फल बाँट देना...
मंत्री- पगला गये हो..!
प्राईमरी में क्यों? गर्ल्स जूनियर स्कूल में चलते है....!
पीऐ ..समझा...सर..
आपके आँखों की ठण्डक...!
मंत्री ...समझदारी का परिचय दोगे.
तो लम्बा जियोगे....वरना...घूमते फिरोगे...;
पीए..जी हुजूर...!
सीन न.7 समय दिन
( गर्ल्स जूनियर हाईस्कूल प्रेंसिपल, बच्चियाँ, मंत्री,पीए, कमाण्डों लोगों की भीड़)
सामने गर्ल्ल जूनियर हाईस्कूल में मंत्री पहुंचते है | महिला प्रैंसिपल उन्हें बुके देकर सम्मान करती | मंत्री सभी महिला टीचरों को सरसरी निगाह से देखते हुये..कहते हैं कि तुम लोग ने उल्टा झण्ड़ा फैरा दिया था| हमें यही सूचना मिली|
पीए यह सुनकर माथा पीट लेता है..यह तो प्राईमरी स्कूल में बोलना था..स्क्रिप्ट के अनुसार बोल देते..सोच ही लें यह जूनियर स्कूल है..कैसे बेवकूफ लोग मिनिस्टर बन जाते और हम पीए बनकर गुलामी करते रह जाते|
मैड़म कहती है यहाँ का शौचालय गंदा टूटा खराब पड़ा है..सरकार कुछ देखती ही नही...
तभी मंत्री की नजर सामने रस्सी कूद रही बच्ची पर जाती..वह उसे गंदी नजर से देखता है..बच्ची यह देख रस्सी छोड़....क्लॉस में जा बैठती है...
मंत्री- सरकार सब देखेगी तो हम क्या देखेगें ?
चलो दिखाओ इस वक्त बच्चियाँ कहाँ शौच को जा रही...
प्रिंसिपल...स्कूल के पीछे बड़ी-बड़ी घास..खेत..में इशारा करती इधर जाती है..पर आप न जायें वहाँ...पर मंत्री अनसुना कर देता है...
मंत्री तेज कदमों से बड़ी -बड़ी घास की तरफ बढ़ गया...किघास में शौच कर रही छिपी बैठी चार लड़कियाँ उठी..तो ..सलवार नीचे कुर्ता ऊपर..वह हड़बड़ा के सलवार ऊपर करके...घास में छिप गयी |
यह देखकर....मंत्री के मुँह में पानी आ गया की मानो लार टपक गयी.....
उसने खुद में कंट्रोल किया....!
सोच रहा...माल इकदम फ्रेश और गरम है
पर ये समय बेकार और ठण्डा है साला..चूँकि स्कूल है....!
यह सीन देख कर मन ही मन मानो लॉटरी लग गयी...इतना खुश है... फिर वापस प्रिसिपल से बोला...ये बहुत बुरी स्थिति है..मैंने आँख से देख और समझ लिया...जल्द शौचालय होगा..!
सब खुश हो रहे है मंत्री की जय जय कार हो रही है |
सीन न.8
वासना में लिप्त मंत्री ..
लोकेशन- सर्किट हाउस सीन
(सर्किट हाउस, मंत्री, पीए)
मंत्री सर्किट हाउस में इन करता है कि सामने वैटर मेज पर नाश्ता लगाने लगता |
मंत्री के दिलो दिमाग में रस्सी कूदती लड़की
और सलवार नीचे कुर्ते ऊपर वाला सीन दिख रहा..लड़कियों की नंगी टांगे ...वह ..बेहाल घूम रहा...वह कहता है...!
दो पैग..बना....मैं फ्रैश होकर आता हूँ
साला धूल मिट्टी से ..रोम रोम किसक गया...
मंत्री बाथरूम में नहा रहा....और सोच रहा...
वह...नहा कर..बाथटप में लेटा..लेटा...
दो तीन ब्लू फिल्म देख डालता....फिर...
बाहर...आकर...कपड़े पहन कर...
दो पैग..लगाकर....पीए का..गला पकड़ कर कहता...है...बोल..
क्या इस गाँव में धूल मिट्टी ही है ?
साला! किसी कि बिट्टी नही है..?
पीए- आज रात दारू बोदगा रम की पार्टी है..
मंत्री ..केवल दारू...
पीए- नमकीन का भी इंतजाम है...समझो..!
मंत्री..खूशी से झूमते हुये बोला..
पीए हो तो तेरे जैसा
काम करे और ना ले इक पैसा
कहते-कहते...सोफे पर गिर जाते |
सीन न.9
समय - रात
मंत्री मर्डर ..
लोकेशन - गेस्ट हाउस
(मंत्री, पीए, दो कमाण्ड़ों, तीन लड़कियाँ)
सर्किट हाउस के पीछे वाले हॉल में दारू वोदगा रम और म्यूजिक का इंतजाम है..सोफे पर गुलाब के फूल पड़े हैं...
मंत्री इंतजाम देख खुश हो जाता है...
पीए..़धीरे से कहता है..इस जगह कोई नही आयेगा आप...चिंता न करना..बाहर में निगरानी करूँगा....
अभी तेज लाइटे हैं...कुछ देर बाद में कम कर दूंगा...कहो तो बुझा भी दूंगा...
मंत्री...काफी समझदार हो..
पीए..मुस्कुराता हुआ...अपने कमरे में बैठा है...
मंत्री जी...हॉल में सोफे पर बैठें है् कि तभी म्यूजिक शुरू होता है ....तीन खूबसूरत लड़कियाँ (कटारी चंदा बिंदिया..आकर नाचना शुरू कर देती है..
वासना का भूखा मंत्री चंदा को अपनी ओर खींच लेता है चंदा उसे गिलास से शराब पिलाने लगती है..वह श़़राब गटक लेता है और चंदा को बाँहों में कस लेता है...वह उसका लहंगा ऊपर कर देता....टांगो को चाटने लगता है...तभी कटारी...अपना पॉव मंत्री के चैस्ट की तरफ बढ़ा देती है...वह कटारी का पाँव चूँमने लगता है...वह सुगिया को पहिचान रहा कि इसे कहीं देखा है कि...चंदा हट जाती है और नाचने लगती...तो मंत्री बिंदिया को पकड़ लेता और तभी बिंदिया के ब्लॉउज की डोरी खीच देता है...कटारी को बैड पर खींच लेता है...
पीए ..खिड़की से यह सब देख एक बल्ब छोड़ सब लाइटें बन्द कर देता है...
म्यूजिक बन्द हो जाता है | और कटारी जोरदार तमाचा उस मंत्री को जड़ देती है...फिर तीनों मंत्री को बेलौस मारती हैं....
कटारी..साला ! भेड़िया...
दिन के उजाले में गाँव के नीची जाति के मर्दों से हाँथ मिलाते तेरी जात घिसती है..और रात के अंधेरे में नीची जाति की हम लड़कियों के पाँव चूँमते तेरी जात नही घिसी..?
ब्लाउज की डोरी खोलने का बड़ा शोख है तुझे
लड़कियों को नंगा देखने की जो आग है तुझमें आज मैं तुझे नंगा करके उसे पूरी बुझा देती हूँ..
कटारी ने तुरन्त उस मंत्री का कमरबन्द चाकू से काट दिया| तो वह पायजामें में उलझ कर जमीन पर गिर पड़ा|;
साले! लड़की देखी नही कि तेरा पर्सनल पार्ट मिसाइल बन जाता है | जहाँ मन आया दाग दी मिसाइल और कर दिया विनाश|
बिंदिया - एक लात मारते हुये..ले पी बोतल बहुत पिलाने का शोख है तुझ्...पूरा बोतल शराब उसके सिर पर उडेल देती है और कहती..इसको रॉकेट और लड़कियों को बोतल समझ रखा है बस लगा दी....
कटारी..अपनी लात को मंत्री की छाती पर बजन के साथ रखते हुये बोलती है..आज कटारी करेगी न्याय
...दर्द के बदले महादर्द
यही है सही सजा और..यही है न्याय...कहते हुये गुस्से से...
कटारी- अपनी चमकती कटार निकालती है ...
मंत्री डर के कारण कांपता हुआ...हाँथ जोडकर कहता है..
छोड़ दो मुझे..आज से मेरा सिर तुम सब औरतों के लिये झुकेगा...
कटारी गुस्से से...केवल तेरी मुण्डी झुकेगी?
साले! सबकुछ झुकना जरूरी है...
कहते हुये...कटारी..उस मंत्री का पर्सनल पार्ट काट देती है..
मंत्री की भंयकर चीख से पूरा हॉल गूँज उठता है..वह छटपटाते हुये बैड पर लुढकता और तुरन्त मर जाता है...चंदा कहती है...ये आज इतना चिल्ला रहा..
जिन लड़कियों के साथ इसने कुकर्म किया है..वह पूरी जिंदगी इससे भी ज्यादा दर्द को झेलते हुई जीवन काटती रही हैं | कभी कम सजा होती तो कभी पैसा और जुगाड़ के बल पर छूट आते हो....तुम जैसे बलात्कारियों की बस यही एक मात्र सही सजा है |
तभी कमाण्डों अंदर आते है तो...कटारी चंदा और बिंदिया तीनों जूडो- कराटे फायटिंग से दोनों को चित्त कर देती हैं और चाकू से उनका भी काम तमाम कर देती हैं|
पीए यह सब मार काट देख!
वह खिड़की के पास ही हार्ट अटैक से दम तोड है |
तभी चंदा पटाखे झड़ लड़ी चला देती है और या आवाज मोबाइल में रिकॉड करके..फिर
...कटारी चंदा बिंदिया वहाँ से पीछे के रास्ते से निकल जाती हैं |
सीन...न..10
समय दिन.
लोकेशन-
गेस्ट हाउस
के बाहर भारी भीड़
(मर्डर का दूसरा दिन चप्पे चप्पे पर पुलिस मीडिया डोग स्कॉयड भीड)
सुबह होते ही पूरे गाँव में पुलिस की गाड़ियों के सायरन से इलाका गूंज उठा है..इस तरह हुआ मर्डर से चारो तरफ सनसनी और दहसत फैल गयी है |
मीडिया- जैसा कि आप देख रहे हैं हमें अंदर वारदात की जगह पर जाने नही दिया जा रहा | क्राइम ब्रांच की टीमे निरीक्षण कर रही है और देखो! मंत्री जी उनके कमाण्डों उनके पीए को पोस्टमार्टम के लिये भेजा जा रहा है | अब असली खुलासा पोस्टमार्टम की रिपोट ही करेगी..!
कैमरा मैन दीपक गुप्ता के साथ सुरेश मीणा गाँव बीजापुर न्यूज दर्शन
तभी मीडिया वहाँ के दरोगा को घेर लेती है..
दरोगा कहता है पूरा सर्किट हाउस सील कर दिया गया है अपराधी जल्दी पकड़ा जायेगा|
पीछे नेता के पार्टी के लोग विपक्ष को मुर्दाबाद के नार लगा रहे है| टीवी पर डिबेट में आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं..वहाँ खड़ी पुलिस भीड़ को साइड कऱ रही है|
तभी मीडिया ने एक को घेर ही लिया..
इस सर्किट हाउस की सफाई तुम ही तो करते हो...बताओ मुन्नी लाल...सुबह तुमने क्या देखा....देश का सवाल है...सच बोलना
मुन्नीलाल- मैंने देखा कि मंत्री जी निवस्त्र पड़ े थे...पूरे चेहरे पर लिपिस्टिक के निशान है..
मीड्या..और क्या देखो...देश सच जानना चाहते है?
मुन्नीलाल...मंत्री जी का लिंग काट ले गये चोर
मंत्री जी इसी हालत ़़़़़में पड़े थे साब!
मीडिया..क्या कहते हो ज्यादती हुई उनके साथ..
मुन्नीलाल- अब ज्यादतती किसके साथ हुई ये कौन जाने ?
तोये थे मेरे साथ बीजापुर गाँव के गैस्ट हाउस के कर्मचारी मुन्नीलाल ..!
सीन न.12
समय दिन
लोकेशन- सीएम ऑफिस
( सीएम ऑफिस विधायक दल की मीटिंग)
मंत्री कि इस तरह हत्या से संसद के दोनों सदनों हंगामा मचा हुआ है | सीएम ऑफिस में अपातकालीन बैठक बुलायी गयी | सभी नेता-मंत्री, विधायक | आपस में बहस कर रहे हैं कि ना तो इस हत्या का कोई गवाह है और ना हि कोई सबूत मिल पा रहा है | डॉसर भी होगीं तो इतने मर्डर क्यों करेगीं | दूसरा कहता है..मै तो कहता हूँ सीबीआई जाँच होनी चाहिये |
बैठक खत्म हो जाती है |सभी नेताओं के चेहरे पर हवाइयाँ उड़ी हुई हैं |
सीन न. 13-
समय- रात का समय है
लोकेशन- कटारी का कच्चा फूटा घर
करेक्टर- कटारी के माता-पिता
कटारी- के घर में उसके माता-पिता टूटी चटाई पर बैठे ..चटनी रोटी खा रहे हैं |
कटारी की माँ- काहे सुगिया के बापू का छिपा रहे हो..यूँ मन्द -मन्द मुस्किया काहे रहे हो?
की हुआ|
कटारी के बापू- बात ही खुशी की है..
कटारी की माँ- बताई भी दो अब?
कटारी के बापू- आज मुझे शंकर हवलदार मिला जो खैराती लाल के यहाँ काम करता था याद आया|
कटारी की माँ - हाँ...तब?
कटारी के बापू- तब ये कि उसने बताया है कि सुगिया जिन्दा है और उसने चण्ड़ी बनकर एक अत्याचारी को मारकर अपना बदला पूरा किया है | देख! तुझे मेरी कसम है ये बात अपने गिल में ही दफ्न कर लो | बात निकल जाये तो आम हो जाती है |
कटारी की माँ- मैं किसी से नही कहूंगी ..!पर एक बात है सुगिया के बापू देखो!
एक दिन न्याय हो के रहता है|देखो!
कटारी के बापू- न्याय होता नही बल्कि खुद को करना पड़ता है...कलजुग है कटारी की माँ
हक मिलता नही छीनना पड़ता है|
कटारी की माँ- ठीक कहत हो! कटारी के बापू!
सीन न.14-
समय रात
पुराना फ्लैस बैक ...
लोकेशन - फार्महाउस रेव बियर ड्रग्स पार्टी
करेक्टर -(दरोग हवलदार लडके लड़कियाँ रेव पार्टी ऑग्रेनाइजर )
दरोगा पाँच साल पुराना फ्लैस बैक याद कर रहा है..
उसकी तरक्की हो चुकी है | उसकी मिड टाउन में पोष्टिंग है| वह अपने दल-बल से फुल ऐटीट्यूड के साथ एक अमीर आदमी के फार्म हाउस पर मुखबरी के आधार पर अचानक रात में छापा मारता है|
वह देखता है..रेव पार्टी चल रही है| कुछ अर्धनग्न हालत में लड़के लड़कियाँ कोकीन सूँघ रहे हैं और कुछ सैक्स कर रहे है कोई उनका वीडियों शूट कर रहा सब नशे में झूम रहे कुछ धुत्त पड़े है |
जैसे ही पुलिस की शक्ल देखते कुछ भाग खड़े होते चारों तरफ अफरा-तफरी मच जाती है|
पुलिस खोजबीन शुरू करती है तो कॉफी मात्रा में कोकीन बरामद होती और काफी अच्छे घरों के लड़के लड़कियाँ कोकीन पीते अर्द्धनग्न हालत में पकड़ लिये जाते है |
तभी रेव पार्टी का ऑग्रेनाइजर दरोगा को कोने में ले जाकर मोटी रकम पेशकस करता है - अरे! सर ग्यारह लाख दूँगाऔर लड़कियाँ आप पसंद कर लो जहाँ बताओ पहुचा देगें ,डील डन संमझूँ|
दरोगा के मुँह में पानी आ गया वह सोचने लगा कि पैसा भी मौज भी ,वाह! क्या डील है! वह कहता," ओके !
हवलदार इशारा करता कि दारू रखी है पी लूँ?
दरोगा दूर खड़ी 15-16 साल की लड़की को घूरता है कहता चल दो पैग बना...
लड़की पास आकर पैग बनाने लगती..
दरोगा कमर पर हाँथ रखकर उसकी स्कर्ट खीच देता है और घूरती आँखों से ..क्या उमर है तेरी.?.कह कर अपनी तरफ खीच लेता है..
वह अपनी स्कर्ट ऊपर की तरफ खीचते हुये..देती 16 साल..?
और नाम- क्या है स्वीट 16
वह बोलती- स्वीटी..
दरोगा अकेले ही दोनों पैग पीकर...
सभी पर चिल्लाता ..
वार्निंग देकर छोड़ रहा हूँ..तुम सबको
अगर आगें से कभी नंग धड़ग पार्टी करते मिले ना..तो तुम्हें तुम्हारे घर भी नंगे ही भेजूंगा..वो भी सरकारी गाड़ी से...भेजे में गयी बात या भेजूँ!!
फिर दरोगा हवलदार से....सब को लेकर वापस जाने को कहता है....
सब जा चुके है...लडके लड़किया भी भाग रहे सब.....!
फिर दरोगा ...आर्गेनाइजर से कहता..
मेरा कमरा किधर है ..?
आर्गेनाइजर - सब समझते हुये.,स्वीटी को ले जाकर रूम में लेटे दरोगा के पास छोड़कर आँख दिखाता हुआ निकल जाता|
दरोगा- तुरन्त उसे बाँहो में कस लेता और उसकी स्कर्ट की चैन खोल देता है...
स्वीटी- ! मुझे जाने दो मुझे मेरा चाचा यहाँ बेच गया दो साल पहले | मेरे गाँव में बता दिया कि मैं मर गयी हूँ| सुना है मेरे बापू ने गुस्से में उसकी रिपोर्ट कर दी थी पर वह छूट गया सर| प्लीज मुझे यहाँ से निकालो सर ! ये लोग कभी नेता कभी मंत्री के ुास भेज देते है बचालो सर..यहाँ बहुत लड़कियाँ फँसी है | यह बहुत बड़ा रैकेट है सर...
मै्ं ड्रग्स नही लेती सर?
दरोगा- ये सब छोड़ तू
चल ये बता?
तेरे उस चाचा. ने तेरे साथ सेक्स किया?
स्वीटी- नही..ओनली.किस किया...!
दरोगा..पर, मैं ओनली सैक्स ही करूंगा|
स्वीटी- छोड़ दो मुझे भगवान के लिये..!
दरोगा- उसके पूरे कपड़े उतारते हुये..भगवान क्या? तुझ जैसे फ्रैश माल को तो मैं किसी के लिये नही छोड़ सकता...!
बस! उसका मुँह दबाते हुये....
दरोगा ने उस मासूम कली को अपनी वासना की कुदाल से पूरी तरह रौंद डाला|
फिर, वहाँ से खिसक लिया.....
सीन न.15-
समय -दिन
लोकेशन- थाना और रेस्टरूम
(करेक्टर- दरोगा साहिब सिंह, सिपाही, बुजुर्ग किसान, जवान सुन्दर लड़की)
फुल वर्दी में फुल ऐटीट्यूड के साथ सुबह दरोगा खैरीती लाल थाने में आ है ..सरसरी निगाह से कुर्सी पर एक बुजुर्ग और उसकी जवान लड़की को ताकते हुये अंदर चला जाता है
ऑफिस के बाहर खड़ा सिपाही अपनी तीन सौ राउण्ड राइफल को ब्रैच पर रख देता है...तभी चाय चाय हुये..सर कब से नही चलाया इसको?
सिपाही- बहुत साल हो गये|
सिपाही कहता है - साहब अंदर कर लेगें तो रपट भी लिख देगें...क्या मामला है वैसे?
गरीब किसान रो पडता है बोलता कुछ नही|
ऑफिस के अंदर...
वही एक कोने में रखी भगवान की फोटो को दरोगा प्रणाम करता है और फोटो से थोड़ा सिन्दूर अपने माथे पर लगा कर फिर जाकर कुर्सी पर बैठ जाता | फिर मन की आँखे बाहर झाँक रही होती है कि बाहर निकल कर...
कुर्सी पर रो रहे किसान से ..क्या मामला है जल्दी बोलो ?
किसान - रोते हुये जा मेरी बिटिया है रूपा है चार लौन्डन ने खेत मैं घेर लओ.और गैंग रैप कर डालो...उन लड़कन को पकड़ लो साहब बस..जेल में डाल दो..रिपोट लिख लो साहिब|
दरोगा की तो लार रूपा पर टपक रही थी
बोला..ए! लड़की चलो रेस्ट रूम चलकर आराम करो ..वही बयान दर्ज चलो...
सिपाही को इशारा करता ...इस किसान का ध्यान रखना|
आगे-आगे दरोगा चल रहा पीछे-पीछे रूपा..
रेस्ट रूम में ले जाकर बोला," आराम करो|'
खुद वही छिपी एक दारू की बोतल का ढ़क्कन खोलकर दो पैग बनाकर ...लड़की से कहता," पी तेरे लिये अमृत है |
लड़की ," क्या मतलब ?"
दरोगा," हर दर्द की एक दवाई
दारू पी लो मेरे भाई
लड़की- मैं नही पीती...
दरोगा-नही पीती तो पीना सीख
कोर्ट में वकील तुझे बार-बार नंगा करेगें|
लड़की घबरा कर रो पड़ती है|
दरोगा- चुप हो जा चल बता उन चार लड़को ने सबसे पहले तेरा बदन कौन हिस्सा छुआ ..जिसमें सबसे ज्यादा दर्द है?
लड़की- दूर हटो आप?
दरोगा- मैं तो पास आऊँगा ..चार से करवा लिया अब पांच से भी करवा लेगी तो क्या घिस जायेगी | आँखो में आँख डालकर..वैसे मजा तो बहुत आया होगा...बता ना..शर्मा म..!
लडकी..आप तिलक लगाकर देवीभक्त बने हो..ये भी कर रहे हो...मुझे जाने दो...
दरोगा- हाँ देवी भक्त ही तो हूँ...मेरी रूपा देवी.!
कहकर ..बाँहो में कसता बोला...चुप रह वरना उल्टी रिपोर्ट बना दूंगा...
कहकर....रूपा के साथ भी सेक्स करता रहा..जबतक उसका मन नही भर गया....
रूपा...मैं बाहर बापू को बताऊगी...
दरोगा..जल्दी ऊपर निकल लेगें...जा बता आ..
दरोगा जाते हुये....जबरजस्त किस करता हुआ...निकल जाता है..
रूपा गुस्से से- मैने सोचा था तुम मेरे गुनहगारों को धर दबोचोगे पर तुमने मुझे ही दबोचा
आखिर! कसूर क्या है..
दरोगा..कसूर ये है कि तुम जवानी से लवरेज लड़की हो..!
..सोच रही लड़की होना ही पाप है!
कहा था बापू थाने मत चल..मत चल.
बोले इंसाफ मिलेगा...
अपने खून से सने कपड़ों को देखकर देखो मिल गया इंसाफ...
जब पूरी सरकारी व्यवस्था में ही इस जैसे गद्दार हों तो हम निर्दोष खुद्दार होकर भी क्या कर सकते हैं| .यह सोचकर वह बेहोश हो जाती है|
दरोगा- बाहर जाकर कहता है...आपकी लड़की बयान देने की स्थिति में नही है... जब होश आ जायेगा तब कुछ हो सकता...
किसान आँसू पोछते हुये....पर अभी तो ठीक थी..
दरोगा- चार उतरे हैं उसके ऊपर...आधा बयान देते ही बेहोश हो गयी...
यह सब सुनकर पास में खड़ा सिपाही भी सुनकर बैचेन हो गया... (सोच रहा बच्चा ही तो है अभी वो! हे ! ईश्वर )
किसान..फूट-फूट कर रो पड़ा...बोला..कल फिर आऊँगा मालिक..रपट लिख देना...इंसाफ मिलेगा ना
दरोगा..अनसुना करता आगे निकल जाता है
सीन न.15-
कटारी की इन्ट्री
ऑफिस में..टीवी देखते हुये दरोगा
लोकेशन- ऑफिस..
दरोगा खैरातीलाल ऑफिस में लगी टीवी पर न्यूज देख रहा कि ..मंत्री जी
का मर्डर हो गया और डांसर उनका पर्सनल पार्ट काट ले गयी....
दरोगा हँसते हुये....साली अचार डालेगी मंत्री के ..
हाहाहा का...अजब जमाना आ गया है..
तभी हँसते हँसते अचानक रूक जाता है..सोचता यह सोचता है कि यह तो बीजापुर है वही गाव जहां मैं पहले पेस्टिड था...
तभी अचानक...बाहर से कटारी अपनी सहेलियों के मुँह बाँधे हुई ...बाहर एक गोली फॉयर करके...साले खैरातीलाल बाहर निकल..
और चाकू फैंक कर मारती...दरोगा..नीचे झुक जाता है और...अंदर छिप जाता है...
कटारी...कहती खैरात लाल तू कहीं भी छिप जा...तू मेरे चाकू से नही बचेगा....समझ..!
पीछे लड़किया बोलती," बाहर निकल भेड़िये!"
कटारी- इसे भेड़िया नही भड़ुवा कहो....!
दरोगा बार इतनी दहसत में छिपा-छिपा सोच रहा मेरा दुशमन कौन पैदा हो गयी...है कौन आखिर...!
कटारी दरबाजे में धक्का मारती हुई अंदर आती है औरछिपे दरोगा को एक लात मारती है और कहती है | साले मैं वही लड़की हूँ जिसे रेवपार्टी में बचाने की जगह तूने रेप किया था |पहिचाना स्वीटी उर्फ कटारी ये सब वो लड़किया है जिनका रेप तू कर चुका है | रेप का दर्द कैसा होता है ये तू आज जानेगा और कटारी दरोगा की छाती पर पांव रखकर उसका पर्सनल पार्ट काट देती है और कहती है यही है न्याय यही है तेरी असली सजा | दरोगा चिल्लाकर वही दम तोड़ देता है |
काफी पुलिस बल उसे चारो तरफ से घेर लेता है और कहता है दर्जनों मामले दर्ज हैं तुम सब पर..कितना घिनौना काम कर रही हो..आज बचोगी नही..!
कटारी- लड़कियों से कहती है तुम भाग जाओ मैं सम्भालती हूँ | वह पुलिस भीड़ से कहती है इनको जाने दो मुझे पकड़ो | तभी लड़कियाँ पुलिस वालों से लड़ने लगती हैं और भागती हैं पुलिस उनके पीछे..जिन्दा पकड़ने के लिये गोली नही चलाती....लड़कियां गुम...
इधर कटारी पुलिस से कहती है ..क्या कहा? घिनौना काम हम कर रहे ..सीबाई जाँच बैठाओ ईमानदारी से उन दर्जनों कमीनों पर साले सबके सब वासना के भूखे हरामखोर जानवर थे और समाज के कलंक तथा बड़े देशद्रोही निकलेगें ...हो दम तो बैठाओ जाँच...पर नही तुम सब आम इंसान को ही रूला लो..बस
जब पता है कि सड़क किनारे एक आदमी औरत का रेप कर रहा है तुमने देखा फिर वीडियो भी मिल गया तो फिर उस कमीने को उसी वक्त फाँसी पर क्यों नही लटका देते..क्यों नही कर देते हैवानियत का एनकॉउन्टर..
पता है डर नही रहा है साला शैतानों को .!
तभी रेप होते हैं |
हर जिले में फाँसीघर सक्रिय हो जायें और रोज दो चार लटका दिये जाये्...तो साला देश से क्राइम शब्द ही मिट जाये..पर तुम सब साला चोर हो भ्रष्ट हो कठपुतली हो लालची हो...और तुम सबके लालच का शिकार होती हैं हम निर्दोष लड़कियाँ...
डर ही नही साला किसी को..बाप बेटी को नही छोड रहा चाचा भतीजे को नही छोड रहा..वकील क्लाइन्ट को नही छोड रहा, पुलिस निर्दोष को नही छोड़ रही.स्कूल कॉलेज में बच्चे पैदा हो रहे..यूनीवर्सिटीज राजनीति का अखाड़ा बनी हुई है..ढ़ोगी बाबा तिजौरी भर रहे..गरीब पिस रहा..पर तुम सबको साला हम पर ताने खड़े हो बंदूक जैसे मैने कौन सा अपराध कर दिया...साला असली अपराधियों को पकड़ने में फटती है तुम सबकी...थू है तुम सब पर और इस लचर सिस्टम पर....!
तुम लोग मुझे पकड़ोगे क्योकि मैने इन दो का मर्डर किया पर तुमको नही पता इन लोगों ने कितनो को जीते जी मार दिया...पर तुमको नोट चाहिये नेता को वोट चाहिये कोर्ट को सबूत चाहिये और हम आम लड़कियों को साला अपनी सुरक्षा भी नही चाहिये ये अन्याय किसी को नही दिखता.?
.सबूत नही होगा तो हर कमीना ईमानदार ..!
पुलिस..कानून न्याय करेगा..तुम अपना वकील कर लेना अदालत न्याय करेगी...खुद को कानून के हवाले कर दो...मर्डर की सजा तुमको मिलेगी...इससे तो नही बच सकती...
कटारी...न्याय तो तुरन्त होता है आज न्याय मिल किसे रहा जो मुझे मिलेगा...अब मैं ऊपर की अदालत में जाऊँगी...
कटारी - अपना देशी कट्टा निकालकर ..इसी गॉव में यह देशी कट्टा बनता है...काफी सालों से काम हो रहा...तुम लोगों ने पकड़ा नही...क्यों पकड़ोगे...कमीशन जो सैट होगा...है ना...!
बगल वाले गाँव में मिलावटी घी बन रहा..
देशी शराब बन रही...उन मिलावटी माफियाओं को नही पकड़ोगे...साला..!
कटारी चुप हो जाती है और देशी कट्टा अपनी कनपटी पर चला देती है और मर जाती है...!
धीरे-धीरे पुलिस उसके पास आती है ..उसकी दोनों कलाइयों पर एक एक लाइन गुदी है..
उठो! बेटियों रोना छोड़ो
कलम कटार से नाता जोड़ो|...?
पुलिस....यह पढ़ कर अवाक खड़ी है......?
स्वहस्त लिखित रचना
आकांक्षा सक्सेना
ब्लॉगर समाज और हम


जा"
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