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विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष :




विश्व पर्यावरण दिवस 2018 - 


विश्व पर्यावरण दिवस 2018 पूरे विश्व भर के सभी प्रकृतिप्रेमियों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं है। यह महान दिन हम सभी के द्वारा 5 जून दिन मंगलवार को मनाया जायेगा।

विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का कारण - 


जंगल उगाओ, जीवन बचाओ। 


बड़ी शर्मिंदगी की बात है कि हम मानवों की अंतरिक्ष को चीरती स्वार्थी और बेलगाम महत्वाकांक्षाओं के कारण आज हमारा पर्यावरण बहुत बड़े स्तर पर प्रदूषित हो रहा है जिस कारण जनजागरूकता हेतु विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की आवश्यकता पड़ी। क्योंकि हम मानवों बोलते ज्यादा और सुनते जरा कम है। इसमें शामिल हैं, बड़े पर्यावरणीय मुद्दें जैसे -पानी और भोजन की बरबादी से गम्भीर नुकसान, वनों की कटाई, ग्लोबल वार्मिंग का बढ़ना, हवा में जहर का घुलना इत्यादि को समझाने के लिये विश्व पर्यावरण दिवस वार्षिक उत्सव को मनाने की शुरुआत की गयी थी।  विश्वभर में चले अभियान में और भी प्रभाव लाने के लिये प्रति वर्ष की खास थीम और श्लोगन, व नुक्कड़ नाटक के आधार पर प्रति वर्ष के पर्यावरणीय जागरुकता महोत्सव की योजना बनायी जाती है और उसका सही क्रियान्वयन किया जाता है ।पर्यावरण संरक्षण के अनेकों तरीकों सहित बाढ़ और भू अपरदन से बचावहेतु, सौर जल तापक, सौर स्रोतों के माध्यम से ऊर्जा उत्पादन, नये जल निकासी तंत्र का विकास करना, प्रवाल-भिति को बढ़ावा देना और मैनग्रोव का जीणोंद्धार करना, आदि के इस्तेमाल के लिये  जनजागरूकता फैलाना, सफलतापूर्वक कार्बन उदासीनता को प्राप्त करना, जंगल प्रबंधन पर ध्यान देना, ग्रीन हाउस गैसों का प्रभाव घटाना, बिजली उत्पादन को बढ़ाने के लिये हाइड्रो शक्ति का इस्तेमाल, निम्निकृत भूमि पर पेड़ लगाने के द्वारा बायो-ईंधन के उत्पादन व साईकिल व पैदल चलने जैसी पर्यावरणीय हितेशी क्रियाओं को बढ़ावा देने के लिये विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। 

विश्व पर्यावरण दिवस 2018 का होस्ट देश (Host Country)-

विश्व पर्यावरण दिवस 2018 का मेजबान देश (host country) - "भारत" है।

विश्व पर्यावरण दिवस 2018 की थीम - 





मीडिया के मुताबिक, हमारा देश, भारत, प्लास्टिक से पर्यावरण संरक्षण के बारे में जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस 2018 का वैश्विक मेजबान (होस्ट) है। इस वर्ष वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे सेलिब्रेशन का थीम हैं '' बीट प्लास्टिक पोल्लुशन" इस अवसर पर सभी देशवासी मिलकर प्लास्टिक के इस्तेमाल से होने वाली प्रदूषण के लिए पुरजोर आवाज उठाएंगे।

विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास




 विश्वभर के लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरुकता लाने के लिये और साथ ही कुछ सकारात्मक पर्यावरणीय कार्यक्रमों के द्वारा पर्यावरणीय मुद्दों को सुलझानेहेतु, मानव जीवन में सुख, शांति और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रदूषण मुक्त हरे-भरे  पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होने व उसके महत्व के बारे में जनजागरूकता और वैश्विक जागरुकता को फैलाने हेतु वर्ष 1973 से प्रतिवर्ष 5 जून को एक वार्षिक कार्यक्रम के रुप में विश्व पर्यावरण दिवस (जिसे डबल्यूईडी के रुप में भी कहा जाता है) को मनाने की जोरदार शुरुआत की गयी। जिसका एकमात्र लक्ष्य है, अपने प्राणदायी पर्यावरण की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार या किसी निजी व स्वंयसेवी संगठनों की ही नहीं बल्कि पूरे समाज के प्रति व्यक्ति की जिम्मेदारी है । 1972 यही वह ऐतिहासिक वर्ष था जब संयुक्त राष्ट्र में 5 से 16 जून को मानव पर्यावरण पर शुरु हुए सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र आम सभा और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनइपी) के द्वारा कुछ प्रभावकारी अभियानों को चलाने के द्वारा हर वर्ष मनाने के लिये पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस की शुरूआत हुयी थी। इसे पहली बार 1973 में कुछ खास विषय-वस्तु के “केवल धरती” साथ मनाया गया था। 1974 से लेकर आजतक, दुनिया के सभी गांव, शहरों में विश्व पर्यावरण उत्सव को मनाने की शानदार तैयारियां की जा रही हैं। तथा, इस वर्ष कुछ प्रभावकारी कदमों को लागू करने के लिये सामाजिक, राजनीतिक और स्वास्थ्य संगठनों का ध्यान खींचने के लिये साथ ही साथ दुनिया भर के देशों से करोड़ों प्रकृतिप्रेमियों  को शामिल करने के लिये संयुक्त राष्ट्र आम सभा के द्वारा इस वर्ष 2018में  एक बड़े वार्षिक उत्सव की शुरुआत की गयी है।

विश्व पर्यावरण दिवस पर महापुरुषों के 

कथन - 




विश्व पर्यावरण दिवस पर कुछ प्रसिद्ध कथन (प्रसिद्ध व्यक्तियों द्वारा दिये गये) यहाँ दिया गये हैं:
  • “पर्यावरण सब कुछ है जो मैं नहीं हूँ।”- अल्बर्ट आइंस्टाइन 
  • “पृथ्वी हर मनुष्य की जरुरत को पूरा करता है, लेकिन हर व्यक्ति के लालच को नहीं।”- महात्मा गाँधी 
  • “भगवान का शुक्र है कि इंसान उड़ नहीं सकता, नहीं तो पृथ्वी के साथ ही आकाश को भी बरबाद कर देता।”- हेनरी डेविड 
  • “मैं सोचता हूँ पर्यावरण को राष्ट्रीय सुरक्षा की श्रेणी में रखना चाहिये। अपने संसाधनों की रक्षा करना सीमा की सुरक्षा के समान ही जरुरी है। अन्यथा वहाँ क्या है रक्षा करने को?”- राबर्ट रेडफोर्ट
  • “अच्छे जल और हवा में एक प्रवाह लें; और प्रकृति के जीवंत युवा में आप इसे खुद से नया कर सकते हैं। शांति से जायें, अकेले; तुम्हारा कोई नुकसान नहीं होगा।”- जॉन मुइर
  • “पक्षी पर्यावरण की संकेतक होती है। अगर वो परेशानी में है, हम जानते हैं कि हमलोग जल्दी ही परेशानी में होंगे।”- रोजर टोरी पीटर्सन
  • “कीचड़ से साफ पानी में प्रदूषण करने के द्वारा आप कभी भी पीने को अच्छा पानी नहीं पायेंगे।”- एशीलस
  • “अगर हम पृथ्वी को सुंदरता और खुशी पैदा करने की अनुमति नहीं देते, अंत में ये भोजन पैदा नहीं करेगा, दोनों में से एक।”- जोसेफ वुड क्रच
  • “आखिरकार, निरंतरता का अर्थ वैश्विक पर्यावरण का चलते रहना है- पृथ्वी निगमित- एक कार्पोरेशन की तरह: घिसावट के साथ, ऋणमुक्ति और रख-रखाव खाता। दूसरे शब्दों में, समस्त संपत्ति को रखना, बजाय इसके कि आपकी प्राकृतिक पूँजी को खोखला कर दें।”-मॉरिस स्ट्राँग
  • “भूमि के साथ सौहार्द एक दोस्त के सौहार्द जैसा है; आप उसके दायें हाथ को प्यार करें और बांये हाथ को काट नहीं सकते।”- एल्डो लियोपोल्ड
  • “आप मर सकते हैं लेकिन कार्बन नहीं; इसका जीवन आपके साथ नहीं मरेगा। ये वापस जमीन में चला जायेगा, और और वहाँ एक पौधा उसे दुबारा से उसी समय में ले सकता है, पौधे और जानवरों के जीवन के एक चक्र पर एक बार उसे दुबारा से भेजें।”- जैकब ब्रोनोस्की
  • “लोग अपने पर्यावरण को दोषी ठहराते हैं। इसमें केवल एक व्यक्ति को दोषी ठहराना है- और केवल एक- वो खुद।”-रॉबर्ट कॉलियर
  • “आगे बढ़ने का एक ही रास्ता है, अगर हम अवश्य पर्यावरण की गुणवत्ता को सुधार दें, सभी को शामिल होने के लिये है।”- रिचर्ड्स रोजरर्स
  • “हमारे पर्यावरण के लिये एक सच्ची वचनबद्धता के लिये मेरे साथ यात्रा। संतुलन में एक ग्रह को हमारे बच्चों के लिये छोड़ने की शुद्धता के लिये मेरे साथ यात्रा।”- पॉल सोंगास
  • “पर्यावरण निम्निकरण, अधिक जनसंखया, शरणार्थी, मादक पदार्थ, आतंकवाद, विश्व अपराध आंदोलन और प्रायोजित अपराध पूरे विश्व की समस्या है जो राष्ट्र की सीमा पर नहीं रुकता है।”- वारेन क्रिस्टोफर
  • “मैं सोचता हूँ कि सरकार को अपने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्राथमिकताओं में पर्यावरण को सबसे ऊपर की ओर खिसकाना चाहिये।”- ब्रॉयन मुलरोनी
  • “पृथ्वी दिवस 1970 अखंडनीय सबूत है कि अमेरिकन लोग पर्यावरण के डर को समझते हैं और इसको सुलझाने के लिये कार्यवाही करना चाहते हैं।”- बैरी कमोनर
  • “सरकार को स्वच्छ पर्यावरण के लिये एक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिये ना कि शासनादेश कैसे ये लक्ष्य लागू करना चाहिये।”- डिक्सी ली रे
  • “क्यों ऐसा प्रतीत होता है कि केवल एक ही तरीका है पर्यावरण को सुधारने का और वो है सरकार का कड़ा नियमन?”- गेल नॉरटन
  • “एक बहुत महत्वपूर्ण पर्यावरण मुद्दा है जिसका कभी कभार ही जिक्र होता है, और जो कि हमारी संस्कृति में एक संरक्षण संस्कृति की कमी है।”- गेलार्ड नेल्सन

प्रकृति बचाओ, जीवन बचाओ। 

-ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना 

आप सभी शुभचिंतकों को विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं । 

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