हमारी शॉर्ट फिल्म ''दर्दफेहमियां'' हुई रिलीज -
फिल्म यूट्यूब लिंक 👇👇
https://youtu.be/9CQX4UUeoFg
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फिल्म : ''दर्दफेहमियां''
कहानी, स्क्रीनप्ले, डायलॉग, गीत - ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
कहानी: ''दर्दफेहमियां'' एक युवा जो गिटार बजाता है,वो चाहता है इस कला में उस का नाम उसकी शोहरत हो।एक दिन उसके पिता उस से कहते है हम ने गाँव की एक लड़की निशा से तुम्हारी शादी की बात पक्का कर दी है पर वो राजी नही होता।उधर उसकी फैन जो उसके कला से प्रभावित हो कर उस से मिलने आती है और बोल कर आगे बढ़ जाती है है तुम अच्छा गाते बज़ाते हो पर सांवले हो बस।यह सुन कर नायक विजयेश टूट जाता है और आत्महत्या का प्रयास करता है।उधर फ़िल्म की नायिका भी आत्महत्या करना चाहती है के उस के पास न कोई उसे प्रेम करने वाला है ना उसके पास बजाने को गिटार है।हीरो उसे अपना गिटार दे देता है तो लड़की कहती है चलो तुम गीत गाओ हम गिटार बज़ाते है।कहानी का उद्देश्य यह है के आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नही।
दो साल पहले लिखा और पोस्ट किया था इश्क़फेमियां दर्दफेहमियां गीत.. को आज मिली मंजिल..
फिल्म में हुआ शामिल -
स्टार कास्ट -
बैनर: संदीप कुमार एंटरटेनमेंट
स्टोरी, स्क्रीनप्ले ,गीत: आकांक्षा सक्सेना
स्टार कास्ट:संदीप कुमार, पूनम गुड़खा
सहयोगी कलाकार: वसंत गोहेल,
डॉ .शिव जी केसरवानी
अल्पना नुकूम,बिंदु व्यास
डायरेक्टर : प्रसाद दुस्सा, प्रोड्यूसर संदीप कुमार
म्यूजिक डायरेक्टर & एडिटर : संदीप भोई
सिंगर : इर्शाद मोमिन
प्रोडक्शन मैनेजर : कृष्णा
असिस्टेंस मैनेजर : चंदू साँचु
सूटिंग सीन-
Published in newspaper
दर्दफेहमियां dardfehmiyan lyrics
13)इश्कफैमियाँ
...................
दिल की जमीं पे बनायीं
कब्रगाह अपनी
दफन है इसमें मेरी यादें जख्मीं
आ जा कहीं से तू..एक बार सोढियाँ
दे मुझे आकर फिर से वो दर्दफैमियाँ
तेरे मेरे दरमयां हों इश्कफैमियाँ....
खण्ड्हर से भी गुजरती ठण्डी हवायें
तू भी मुझमें गुजर ले के इश्क की वफायें
आ जा कहीं से तू एक बार सोढ़ियाँ
दिखा जा फिर से वो ख्वाबफैमियाँ
तेरे मेरे दरमयां हों इश्कफैमियां...
मेरे जिस्म से झांकती हैं रूह की निगाहें
तूने तोड़ा ऐसे बची नहीं आहें
फिरभी, आजा कहीं से एक बार सौढ़ियाँ
लूट ही ले आकर मेरी ये खुशफैमियाँ
तेरे मेरे दरमयां हों शायद इश्कफैमियाँ
इश्कफैमियाँ हों, इश्कफैमियाँ हों
_आकांक्षा सक्सेना, ब्लॉगर समाज और हम
संदेश
धन्यवाद दर्दफेहमियां फिल्म टीम
कभी मेरी यह कविता उर्फ गीत मेरी पुरानी डायरी में कैद थी.. आज आप सबने मिलकर उसे आजाद़ कर दिया, बुलंद कर दिया और मेरे द्वारा लिखी कहानी का फिल्मांकन करके उस कहानी को जीवंत कर दिया ।
हृदय से धन्यवाद।
आपकी _ ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
Published in news channel
https://youtu.be/xhIbND9f19E
http://anokhadeshnews.com/2018/06/30/ब्लॉगर-आकांक्षा-सक्सेना/
http://www.amjabharat.com/2018/06/blog-post_633.html?spref=fb&m=1
दिल की जमीं पे बनायीं
कब्रगाह अपनी
दफन है इसमें मेरी यादें जख्मीं .......
http://www.samaytodaynews.com/archives/2366
Friends please Watch this social awareness movie.
🌸🙏🙏🙏🌸
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