मन की ये बेचैनियां... शब्दों का ये मौन... आँखों की वीरानियां... तुम बिन समझे कौन? जब समय ख़राब चल रहा हो तो सम्बंध ख़राब नहीं करने चाहिये ।_ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
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