ऐसे हो भारत का कायाकल्प :
भारत कायाकल्प अभियान :
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'अपराधमुक्त एंव रोजगारयुक्त भारत'
देश के नीति आयोग की ओर से आयोजित "भारत परिवर्तन व्याख्यान" में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रनाथ दामोदरदास मोदी जी ने कहा कि "भारत को अब क्रमिक विकास की नहीं कायाकल्प की जरूरत है"| परन्तु यह सम्भव होगा कैसे ? हमारे विचार से भारत के कायाकल्प के लिये भारतीय जनजीवन को अपराधमुक्त एंव रोजगारयुक्त किया जाना भारतीय जनजीवनहित में व उनके न्यायहित में अनिवार्य एंव परमावश्यक है | इसके लिये देश में राष्ट्रव्यापी " राष्ट्रीय अपराध मुक्तता एंव रोजगार युक्तता भारतीय कायाकल्प अभियान" संचालित एंव क्रियांवित किया जाना जरूरी एंव आवश्यक है | देश की मूल चिन्ता यह है कि देश अपराधमुक्त हो और देश की मूल जरूरत यह है कि देश रोजगारयुक्त हो | इसके लिये देश के प्रत्येक विवाहित एंव अविवाहित एंव मृतक भारतीय नागरिक को उसके विवाह, जन्म व मृत्यु का पंजीकरण, बीमाकरण व लाईसैंसीकरण का प्रमाणपत्र एंव इन नागरिकों को इनका डी .एन .टेस्ट रिपोर्ट सहित दिया जाना तथा इसे भारतीय नागरिकों के सभी प्रकार के दस्तावेजों में दर्ज किया, कराया व करवाया जाना अनिवार्य एंव परमावश्यक है | जिससे की इन नागरिकों का तीनों प्रकार का भारतीय जनजीवन वैधानिक, संवैधानिक व कानूनीरूप से भारतीय उत्तराधिकारित, राष्ट्रीय मानवाधिकारित एंव भारतीय सर्वोच्च निर्णायक निर्विवादित अपराधमुक्त हो सके और प्रत्येक भारतीय नागरिक को अपने जीवन का सृजनशील उद्देश्य पूरा किये जाने हेतु उसे उसकी इच्छा व योग्यतानुसार बिना किसी बाधा के समान सरकारी व मतकारी, अर्धसरकारी व मतकारी एंव निजीकारी व श्रमकारी आजीविका व पैंसन तथा समान बुनियादी सेवायें व सुविधायें अनिवार्य एंव परमावश्यकरूप से प्राप्त हो सकें जिससे कि प्रत्येक भारतीय नागरिक रोजगारयुक्त हो सके | इस कार्य के लिये देश की विधायिका व शासन के, कार्यपालिका व प्रशासन के एंव कानूनपालिका व अधिशासन के मुखिया लोगों को तथा न्यायपालिका के सर्वोच्च मुख्य न्यायाधीश को संगठन एंव विकास की नेक नीयति व नेक नीति के तहत एकजुट होकर कार्य करना चाहिये | तभी माननीय प्रधानमंत्री जी का भारत कायाकल्प अभियान पूर्णरूप से सफल होगा |
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'अपराधमुक्त एंव रोजगारयुक्त भारत'
देश के नीति आयोग की ओर से आयोजित "भारत परिवर्तन व्याख्यान" में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रनाथ दामोदरदास मोदी जी ने कहा कि "भारत को अब क्रमिक विकास की नहीं कायाकल्प की जरूरत है"| परन्तु यह सम्भव होगा कैसे ? हमारे विचार से भारत के कायाकल्प के लिये भारतीय जनजीवन को अपराधमुक्त एंव रोजगारयुक्त किया जाना भारतीय जनजीवनहित में व उनके न्यायहित में अनिवार्य एंव परमावश्यक है | इसके लिये देश में राष्ट्रव्यापी " राष्ट्रीय अपराध मुक्तता एंव रोजगार युक्तता भारतीय कायाकल्प अभियान" संचालित एंव क्रियांवित किया जाना जरूरी एंव आवश्यक है | देश की मूल चिन्ता यह है कि देश अपराधमुक्त हो और देश की मूल जरूरत यह है कि देश रोजगारयुक्त हो | इसके लिये देश के प्रत्येक विवाहित एंव अविवाहित एंव मृतक भारतीय नागरिक को उसके विवाह, जन्म व मृत्यु का पंजीकरण, बीमाकरण व लाईसैंसीकरण का प्रमाणपत्र एंव इन नागरिकों को इनका डी .एन .टेस्ट रिपोर्ट सहित दिया जाना तथा इसे भारतीय नागरिकों के सभी प्रकार के दस्तावेजों में दर्ज किया, कराया व करवाया जाना अनिवार्य एंव परमावश्यक है | जिससे की इन नागरिकों का तीनों प्रकार का भारतीय जनजीवन वैधानिक, संवैधानिक व कानूनीरूप से भारतीय उत्तराधिकारित, राष्ट्रीय मानवाधिकारित एंव भारतीय सर्वोच्च निर्णायक निर्विवादित अपराधमुक्त हो सके और प्रत्येक भारतीय नागरिक को अपने जीवन का सृजनशील उद्देश्य पूरा किये जाने हेतु उसे उसकी इच्छा व योग्यतानुसार बिना किसी बाधा के समान सरकारी व मतकारी, अर्धसरकारी व मतकारी एंव निजीकारी व श्रमकारी आजीविका व पैंसन तथा समान बुनियादी सेवायें व सुविधायें अनिवार्य एंव परमावश्यकरूप से प्राप्त हो सकें जिससे कि प्रत्येक भारतीय नागरिक रोजगारयुक्त हो सके | इस कार्य के लिये देश की विधायिका व शासन के, कार्यपालिका व प्रशासन के एंव कानूनपालिका व अधिशासन के मुखिया लोगों को तथा न्यायपालिका के सर्वोच्च मुख्य न्यायाधीश को संगठन एंव विकास की नेक नीयति व नेक नीति के तहत एकजुट होकर कार्य करना चाहिये | तभी माननीय प्रधानमंत्री जी का भारत कायाकल्प अभियान पूर्णरूप से सफल होगा |
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