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'गुरूदेव' पंकज भइया कायस्थ जी का बढ़ता कारंवा - Pankaj bhaiya growing caravan

लो निकल पड़ा कारवां
लहार, भिंड , मध्यप्रदेश की ओर... 




गुरूदेव पंकज भइया कायस्थ जी 
जिनका
 जीवन प्रभु श्री चित्रगुप्त भगवान 
व समस्त कुलवंसजों की एकता को समर्पित है। 

सबके साथ प्रभु का हाथ 

 साथ में व्यापार प्रकोष्ट के राष्ट्रीय सचिव अरविंद श्रीवास्तव, उत्तर प्रदेश के संघटन सचिव दीपक श्रीवास्तव और अभय श्रीवास्तव बंटी जी ।



21 अक्टूबर
लहार - मध्यप्रदेश

      कायस्थ वाहिनी अंतराष्ट्रीय के मध्यप्रदेश उपाध्यक्ष आलोक श्रीवास्तव और उनकी टीम मनीष श्रीवास्तव सहित के द्वारा आयोजित 
*कायस्थ दशहरा मिलन समारोह* 
सफल रहा ।
    इस समारोह में क्षेत्रीय विद्यायक ने और पदाधिकारियों ने आयोजन के मुख्य अतिथि कायस्थ वाहिनी प्रमुख गुरुदेव श्री पंकज भईया जी का स्वागत किया ।







ॐ नमः चित्रगुप्ताय नम:





कायस्थ दशहरा मिलन समारोह
     21 अक्टूबर लहार - मध्यप्रदेश में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए।
    वाहिनी प्रमुख आदरणीय पंकज भईया नें कहा भगवान श्री चित्रगुप्त को बिना सर्वसमाज में स्थापित किए कायस्थों का कल्याण नहीं होने वाला -



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  *ॐ नमो भगवते चित्रगुताय नमः*

हुजूम देख कर रास्ता नहीं बदलतें हम वाहिनी वाले ।
किसी डर से तक़ाज़ा नहीं बदलतें हम वाहिनी वाले ।।

हज़ार मुश्किले आये भले ही कदम दर कदम राह में ।
जो चल पडें तो इरादा नहीं बदलतें हम वाहिनी वाले ।।

              - पंकज  भईया कायस्थ
                 वाहिनी प्रमुख


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     *ॐ नमो भगवते चित्रगुताय* 
      परमादरणीय कुलवंसजों
         क्या आप विश्वास करेंगे? 

30 दिसम्बर 1943 को ही स्वतंत्र भारत की घोषणा कर दी गई थी और आज़ाद हिंद फौज द्वारा तिरंगा फहरा दिया गया था जिसके पहले राष्ट्राध्यक्ष कायस्थ कुलभूषण नेताजी सुभाषचंद्र बोस थे ।
      और उस वक्त भारत की राजधानी कोहिमा घोषित की गई थी।
       हमको अपना गौरवमयी इतिहास जानना होगा। साथ ही अपने इतिहास से सबको अवगत कराना होगा।
        इतिहास बोल रहा है --
    
                   - पंकज भईया कायस्थ
                  संस्थापक/प्रमुख
                       कायस्थ वाहिनी अंतराष्ट्रीय




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