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कैसे पढ़ेगा इंडिया और कैसे बढ़ेगा इंडिया - ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना

#सच #का #सामना





शिक्षातंत्र जिस दिन भ्रष्टतंत्र से मुक्त होगा तब ही हर गरीब और सामान्य परिवारों के सभी बच्चे जज, पायलट, डॉक्टर और इंजीनियर आदि बन सकेगें वरना कहां से लायेगें 'एक गरीब लाखों की फीस' यानि झोलाभर-बोराभर नोट....!! 

आज प्राईवेट संस्थानों में मांगी जाने वाली लाखों की फीस यानि मनमानी के सामने क्या गरीब, मजदूर,सामान्य जन 'जज' 'पायलट' 'डॉक्टर' बनने के सपने देख सकता है आप ही बताइए? रही बात सरकारी स्कूलों की तो आप उन्हें बड़े शहरों जैसे कॉन्वेंट स्कूलों में तब्दील कर दीजिए या फिर कॉन्वेट स्कूलों की फीस में रिआयत करवाइयेगा जिससे हर बच्चा बेहतर आधुनिक तकनीकि शिक्षा हासिल कर सके और जहां उसके टैलेंट को पंख मिल सकें। 

पर, साहिब! आप क्या बोलेगें बस वही पुराना राग अलापेगें कि यह सब सिस्टम का दोष है.. तो साहिब! सुधारिये ना ये विनाशकारी सिस्टम जो विकासवादिता पर हावी होता जा रहा है। 

अपने इतने बड़े और समृद्धिशाली देश में इंग्लिश मीडियम प्राईवेट स्कूलों निजि व सरकारी हर जगह इंटरमीडिएट तक कम से कम बच्चों की शिक्षा मुफ्त और सर्वसुलभ होनी चाहिए जिससे हर वर्ग का बच्चा खुद को उपेक्षित महसूस ना करे क्योंकि शिक्षा से ही देश का विकास सम्भव है।





-ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना 

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