चाहिए बलात्कार मुक्त भारत -
हमारा भारत अपनी महानतम् गौरवशाली, संस्कृति, सभ्यता और मर्यादाओं के लिए सारी दुनिया में जाना जाता है और कितना दुखद है कि यहां की बेटियों के साथ ऐसी घृणित घटनायें थमने का नाम ही नहीं ले रहीं हैं और कानून ने हमारे हाथ बांध रखें हैं तो क्या 'इसलिए हम मुर्दे ही अपनी बेटियों की लाशें ढ़ोते रहेगें, कब तक?'.. जब हम हमारी बहन बेटी का रेप का केस हम जिंदगी भर लड़ सकते हैं तो क्या हम लोग इन वहसी दरिंदों को ढूंढ़ कर उसी बेहरहमी से मार कर खत्म नहीं कर सकते.. इन दरिंदों के मारने का भी केस ही तो होगा तो हम लड़ेगें... पूरा सभ्य समाज पूरा सभ्य देश मिलकर लड़ेगा... अब चुप नहीं बैठ सकते... कभी ढ़ाई साल की कन्याओं के साथ रेप हो जाता कभी 60 साल की बृद्ध माताओं के साथ रेप हो जाता है, कभी सड़क पर भीख मांगती गरीब और शरीर से लाचार दिव्यांग महिलाओं के साथ रेप हो जाता है.. आखिर! कब तक हम लोग चुप रहेगें और वादे पर वादे और तारीख पर तारीख मिलती रहेगी... कानून ऐसा होकि किसी भी उम्र की माताओं बहनों के साथ दुष्कर्म हो और किसी भी उम्र के राक्षस जानवर ने किया हो, उसकी जबर्दस्त कुटाई का वीडियो वायरल किया जाये.. फिर उसे बीच चौराहे पर सरेआम जिंदा जलाते हुए फांसी दी जाये... पर साहिब! आप लोग ऐसा कर नहीं सकते और हम लोगों को ऐसा करने दे नहीं सकते.. तो क्या आपने हम लोगों को मूर्ख समझ रखा है । मैं स्पष्ट शब्दों में साफ कहतीं हूं कि माननीय जब तक इन जानवरों को राक्षसों को भयानक मौत का डर नहीं होगा... तब तक इनके हौंसले पस्त नहीं होगें... इसलिए बनाइये न्यू इंडिया 'बलात्कारमुक्त भारत' .....
[ बता दें कि बीकानेर कि बेटी शालू कुँवर 18 अगस्त को गायब हुई थी, 19 को गुमशुदगी दर्ज हुई , 20 को मृतशरीर मिला। उसी दिन एफआईआर दर्ज हो गई । आज 26 अगस्त है परन्तु अभी तक यह जांच नहीं हो पाई कि यह अपराध आखिर!क्यों, किसने घटित
किया ।]
अब या तो अपना कानून कठोर कर लीजिए माननीय या फिर राक्षसों की जनता द्वारा मौत को कानूनी मान्यता दे दीजिए बस।
-ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
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