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लड़ना है तो... विकास के लिए लड़ो।




खाना घर का ही खाओ...बाहर का अशुद्ध ही होता
[लड़ना है तो विकास के लिए लड़ो।] 

ZOMATO से लड़ाई कि मुस्लिम के हाथ से खाना ऑर्डर करने में प्रोब्लेम है... गरीब लड़का सिर्फ़ अपनी नौकरी कर रहा है...खाना डिलीवरी की...
    सभी जानते हैं होटल का खाना शुद्ध स्वच्छ पवित्र नहीं होता, आप मंगाते ही क्यों हो? 
    रही बात छुआछूत की तो हवा में सांस लेना भी बंद कर दो... वह सांस भी हर धर्म के व्यक्ति के मुंह से होते हुए आती होगी... पता नहीं कितनों मुंह से होते हुए....
( हिन्दू-मुस्लिम दोनों से कहना चाहूंगी कि आपको हिन्दू से नफरत है तो आप हिन्दुस्तानी माचिस को मक्का - मदीना के जल में डुबोकर उसे पाक करके अगरबत्ती जलाओ इबादत करो, और हिन्दू को नफरत है तो गंगा जल में माचिस डुबोकर, पूजा के लिये अगरबत्ती जलाओ.... जला सको तो क्योंकि उस माचिस को ..पता नहीं किस-किस ने बनाया, हाथ लगाया हो। ) डीजल पेट्रोल, खजूर, मेवे भी मुस्लिम देशों से आता है....कपडा पहने हो.. उस पर स्टीकर है कि किस धर्म ने उसे पैकिंग किया? शक्कर /मेवा/ झुआरे, अखरोट, बादाम पाकिस्तान से आते हैं। 
     यहां...सरकार को चाहिए कि कम से कम  पाकिस्तान जैसे आतंकी मुल्क से  व्यापार आदि पूरी कनेक्टिविटी बंद कर दें, ब्रिटेन जिसके हम सब गुलाम रहे.. वहां की कम्पनी की चाय क्यों पी जा रही? मुस्लिम शादियों में दो दावत कराते हैं जिसमें एक हिन्दुआनी दावत जिसमें मीट नही बनता तो हम लोग क्यों जाते उनकी दावतों में? क्यों नहीं करते बहिष्कार? शादी में टेंट के बर्तन, भगौने जिनमें मांसाहार, शाकाहार सब बनता, बफर सिस्टम में प्लेटों में खाने का बहिष्कार करो, गद्दों तकिया, कुर्सियों का भी बहिष्कार कर दो - उन्हें पता नहीं आप से पहले कितने धर्मों की शादियों में प्रयोग में लाया गया होगा। जो करेंसी, सिक्के करेजा से लगाये घूमते हो वो भी साबुन से साफ करके सुखाकर यूज करते होगे... वो भी सब धर्मों के टच किये हुए होते हैं.... कमाल है रूपयों में किसी को छूत और बदबू नहीं आती..? सड़कों को भी धुलते हुआ चला करें, उन्हें बनाने में ना जाने कितने धर्मों के लोग ने छूकर बनाया होगा.... 

      कर सको तो कर दो बहिष्कार....

अगर किसी का व्रत हो तो घर में सफाई से भोजन बनाओ,आप तो जानते हो ऐसी फालतू कम्पनी से हम खाना मंगवायेगें तो वो कैसा गंदा खाना भेजेगें, इसकी क्या गांरटी है? होटल आदि से मंगवाने की क्या जरूरत है? वह कम्पनी का वर्कर है उसका काम है खाना डिलीवर करना.. यहां जात, धर्म कहकर ऑर्डर कैंसिल करने से बात सोसलमीडिया तक फैली और गालीगलौज मच गयी.. सोचो! जिस कुक ने वो खाना बनाया होगा.. क्या उनकी भी जात धर्म पूछा आपने? दूसरा यह कि जाने अनजाने उस कम्पनी का प्रचार भी आपने ही कर दिया और वह कम्पनी मालिक सबकी नजर में हीरो भी बन गया। रही बची कसर देशविरोधियों पाकिस्तान फर्जी आईडी वालों ने जले पर नमक डाल कर हिंसा भड़काने में सक्रिय होकर पूरी कर दी। जो सोसलमीडिया पर आपस में ही पर्सनल होकर हिन्दू मुस्लिम करके लड़वाकर देश के नाबालिग को अपना निशाना बनातें हैं और फिर वह नाबालिग सड़कों पर भी पर्सनल होकर लड़ जाते हैं मारपीट होती है अंत में जेल..तब ग्रुप एडमिन.. भड़काऊगैंग, बचाने क्यों नहीं जाता.... क्योंकि वह लोग फेक आईडी थे.... उनका आपको लड़वाने का मकसद पूरा हुआ। 

बस लड़ते रहो आपस में...हाँ बेरोजगारों को नाबालिग बच्चों को इस लड़ाई मे जेल हो गई तो किसका क्या जायेगा?... होने दो मारपीट की घटनायें...पर याद रखो बाद में परिवार ही पिसता है। 

प्लीज़ कभी तो रोजगार के लिए दुष्कर्मों, बुराइयों के खिलाफ़ एक होकर लड़ लो। बुराई यानि भड़काऊ गैंग यानि देश के गद्दार और पाकिस्तान जैसे देश तो यही चाहते हैं कि आपस में लड़ो, टूटो, बिखरो, विकास से दूर हो जाओ ... और आप उस बुराई यानि गद्दारों की इच्छा पूरी करते रहो। आप संगठित रहोगे तो सरकार मजबूत होगी, सरकार मजबूत होगी तो देशहित में मजबूत फैसले लेगी,मजबूत फैसले होगें तो देश मजबूत होगा, बस इतनी सी बात है जो हम सब भारतीयों को गम्भीरता से समझनी होगी। 

नोट : रही zomato के हिन्दूओं के बिना व्यापार चला लेगें वाले बयान की ..तो इस बयान पर भी कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।  अगर ZOMATO  जानबूझकर दुष्टता दे रहा, हर किसी को नॉनवेज मसाला दे रहा है, जानबूझकर गल्ती कर रहा है तो  कानून, प्रशासन सख़्त कार्रवाई जरूर करेगा, गल्ती करके वो कब तक बचा रह सकता है। 

-ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना

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