पाकिस्तान ज्यादा चिचिआओ......मत
पाकिस्तान ज्यादा चिचिआओ......मत
पांव पर चलना तो सीख लो पहले.....
सच कहूँ तो आज तक हमारे देश को जितना नुकसान पाक से हुआ है। उसके पीछे पाकपरस्तों का ही बड़ा हाथ रहा है। इसी गद्दारी के चलते हम पिछड़ते चले गये। आपने टीवी पर देखा और सुना होगा कि 5 अगस्त से पाक मीडिया और वहाँ के राजनीतिक दल जिस तरह से बार-बार ख़ुद को ‘न्युक्लियर-देश’ कह कर चिचिया रहे हैं, गीदड़ धमकी में पुलवामा का नाम दोहरा रहे हैं। उससे यह साफ है कि वहाँ उनके आतंकी मंसूबों व कश्मीरी अलगाववादियों और पाक के बीच आम निर्दोष जनता किस तरह वर्षों से पिसती चली आ रही है। इसी का परिणाम है कि पाक - परस्तों ने निजिस्वार्थ में स्वर्ग जैसी घाटी को नर्क बना दिया था जो यहां भी हैं और वहां भी।
सच बात तो यह है कि अनुच्छेद 370,35ए हटने का विरोध इसलिए हो रहा है कि वहाँ पाक व पाकपरस्तों की विचारधारा वाली ना ही सरकार होगी और ना ही भड़काऊ गैंग उतनी संख्या में सक्रियता से उनका साथ ही दे पायेगें।
सुन लो पाकिस्तान अपने कान में लहसुन वाला कड़वा तेल डालकर कि भारत सरकार अपने उन्नति व विकास के खूबसूरत लक्ष्य में मजबूती से सफल हो रही है। वहीं आप और आपके पदचिन्हों पर चलने वाले ईर्ष्या में, कोसते रहिए फ़ेसबुक पर, ट्विटर पर,व्हाट्सएप पर, चौराहे की चाय - पान की दुकानों पर खैनी रगड़ते हुए, मसाला चबाकर दुकान की दीवारों पर थूकते हुए व चार ठौ आवारागर्दों के साथ पऊआ पीते गुरूयाते गरिहाते हुए। वैसे पाक के दर्द इमरान आप जरा दुनिया को बताने का कष्ट करेगें कि सोसलमीडिया पर जमीनी स्तर पर महिलाओं व बच्चों की शिक्षा व बडे पैमाने पर होने वाली तस्करी, गरीबी,मेडिकल, बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार, मिलावट,यातायात जागरूकता, पर्यावरण, किसानों आदि जैसे जमीनी मुद्दे पर कितने आन्दोलन आप चला रहे हैं?
वहीं, आज सोसलमीडिया पर तथाकथित भटके लोग वे लोग जो नल का पानी बहता हुआ छोड़ देते हैं, सस्ती चुरकटई करते हैं, कूड़े वाले का पैसा मार लेते हैं, गरीब मजदूर को लपड़याय देते हैं, बस की गद्दी फाड़ देते हैं, सरकारी सम्पत्ति को रोज नुकसान पहुंचाते हैं, बिजली का मीटर सुस्त कर देते हैं, सड़कों पर चलते-चलते कहीं भी पीक थूक देते, अपने घर का कूड़ा अपनी ही व नज़र बचाकर अपनी ही पड़ोसी की नाली में डाले देने जैसी बातों को बिल्कुल सामान्य समझते हैं; वे विलेज वैरिस्टर स्वंय को संविधान विशेषज्ञ मानकर कश्मीर समस्या का समाधान देते हुए लोकतंत्र की हत्या पर हाय-हाय कर रहे सिर पीट रहे, कुर्ते फाड़ रहे, प्रदर्शन कर रहे हैं।
आप लोग संसद और आमजनता के बीच निस्तेज हो चुके हैं और याद रखो, केन्द्र की पिटारी में अभी भी ना जाने ऐसे कितने मुद्दों के हीरें होगें जिनकी चमक को आपको सहने और जीने की क्षमता रखनी होगी।
वंदेमातरम् 🇮🇳
जय भारत, विजय भारत 🇮🇳🙏
-ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
पाकिस्तान ज्यादा चिचिआओ......मत
Reviewed by Akanksha Saxena
on
August 06, 2019
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