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क्या हम आज भी ब्रिटिश के गुलाम हैं। - ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना

क्या हम ब्रिटिश के आज भी गुलाम है?

 क्योंकि हम ब्रिटिश के उपनिवेश हैं-





क्या हम ब्रिटिश के आज भी गुलाम है?

 क्योंकि हम ब्रिटिश के उपनिवेश हैं-


1- वो कौन सी वजह है जो भारतीय संविधान में वर्तमान समय में 448 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां होने के बावजूद भी आज तक संविधान में 'भारत' को 'राष्ट्र' कहकर सम्बोधित नहीं किया गया? आखिर क्यों? 

2- वो कौन सी वजह थी जिस कारण भारतीय संविधान में नागरिकता शब्द को ही परिभाषित नहीं किया गया.. हर जगह हम भारत के लोग.. हम भारत के नागरिक क्यों नहीं? 

3- ब्रिटेन की महारानी अगर भारत आना चाहें तो बिना वीजा पासपोर्ट के भारत आ सकतीं हैं, यहां उनसे कोई वीजा पासपोर्ट की वैधता नही है। हाँ आप ब्रिटेन जाओगे तो वीजा पासपोर्ट सब लगेगा। आखिर! ऐसा क्यों?

4- कॉमनवेल्थ कंट्री में भारत का उच्चायुक्त तो पोस्ट हो सकता है पर राजदूत नहीं? 

5- 333ए के तहत भारतीय संसद में दो अंग्रेजों के रखने की वाध्यता अनिवार्यता क्यों? बिना दो अंग्रेज रखे भारत की संसद की कार्यवाही शुरू नहीं होगी, राष्ट्रपति जी नामित करेगें और सहमति देनी ही होगी। आखिर! ऐसा क्यों? हम कैसे स्वतंत्र हैं कृपया बताने का कष्ट करें? 

6- संविधान की 8वीं अनुसूची में 24 भाषाओं मेे कहीं भी अंग्रेजी भाषा का उल्लेख नहीं है फिर क्यों हमारे देश में संसद से लेकर न्यायालय तक हर केस प्रोसीडिंग रिकॉर्ड फाईल सब अंग्रेजी यानि ब्रिटेन की राष्ट्रीय भाषा में किया जाता है।आखिर! ऐसा क्यों?

7- संविधान में कहाँ लिखा है कि सांसद अपनी मर्जी से सांसदों को वेतन देगें और अपना वेतन भत्ता बढ़ा लेगें। जनता को बताया जाये। 

8- संविधान में शून्यकाल सत्र संविधान के किस आर्टिकल में कहाँ वर्णित है कृपया हम आम जनता को बताने का कष्ट करें।

9- संविधान में कहां लिखा कि चुनावी पार्टियों के गठन की मंजूरी? 

10- संविधान में त्यागपत्र का कहां उल्लेख हैं कृपया बताने का कष्ट करें? 

11-संविधान में राष्ट्रपति के लिए तो है कि वह भारत का नागरिक हो, पागल दीवालिया ना हो पर मंत्रियों की क्वालिफिकेशन का कहीं उल्लेख नहीं। 

12-देश संविधान से चलता है या संवैधानिक विधि से कृपया बताने का कष्ट करेगें? क्योंकि संविधान में जो नहीं लिखा वो भी हो रहा है? 

13-बिना सदन की सदस्यता से पीएम बनने का संविधान में उल्लेख नहीं। 

14- अनुच्छेद 370 में जम्बू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया है पर मालिकाना हक किसी को देने का उल्लेख नहीं फिर मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला जैसे अलगाववादी भड़काऊ आतंकी विचारधारा क्यों हम पर शासन कर रही ? जब जम्बू कश्मीर भारत का अंग है तो क्यों जॉब के फॉर्म में जम्बू कश्मीर को अलग रखा जाता है।  अनु. 370 35 ए विशेष होना सब हटा कर एक देश एक झंडा एक विधान एक संविधान लागू होने में  इतना विलम्ब क्यों हुआ? 

14-भारत का एक रेलवे ट्रैक आज भी ब्रिटिश के अधीन है सिर्फ इतना ही नहीं इसके एवज में भारत ब्रिटेन को आज भी लगान देता है6 नैरो गेज (छोटी लाइन) के इस ट्रैक का इस्तेमाल करने वाली इंडियन रेलवे हर साल 1 करोड़ 20 लाख की रॉयल्टी ब्रिटेन की एक प्राइवेट कंपनी को देती है।यह नैरोगेज ट्रैक महाराष्ट्र प्रांत में है और अमरावती से मुर्तजापुर के बीच बिछी है।इसकी कुल लंबाई 189 किलोमीटर है. इस ट्रैक पर सिर्फ एक पैसेंजर ट्रेन चलती है। 100 साल पुरानी 5 डिब्बों वाली यह ट्रेन पहले स्टीम इंजन से चला करती थी और साल 1994 से यह स्टीम इंजन के बजाय डीजल इंजन से चलती है। इस रेल रूट पर लगे सिग्नल आज भी ब्रिटिशकालीन ही हैं। इस 5 बोगी वाली पैसेंजर ट्रेन में प्रतिदिन एक हजार से अधिक लोग यात्रा करते हैं। अमरावती का यह इलाका कभी कपास के लिए पूरे भारत में मशहूर था तब वहां उपजे कपास को मुंबई पोर्ट तक पहुंचाने के लिए साल 1903 में ब्रिटिश कंपनी क्लिक निक्सन ने इस रेल ट्रैक को बिछाने की शुरुआत की थी और यह काम 1916 में पूरा हुआ था।साल 1951 में रेल का राष्ट्रीयकरण हो गया लेकिन यह रूट भारत सरकार के जद में नहीं आया। आज भी इस रेल रूट के एवज में भारत सरकार हर साल इस कंपनी को 1 करोड़ 20 लाख रुपये की रॉयल्टी ब्रिटिश कंपनी को देती है। रेलवे की सूत्रों की मानें तो पिछले 60 सालों से इसकी मरम्मत तक नहीं हुई है और इस ट्रैक पर चलने वाले जेडीएम सीरीज के डीजल लोको इंजन की अधिकतम स्पीड आज भी 20 किलोमीटर प्रति घंटे रखी जाती है। कृपया बताने का कष्ट करेंगे कि भारत का यह एक रेलवे ट्रैक आज भी ब्रिटिश के अधीन क्यों बना हुआ है? 

14- क्या हम सिर्फ़ ब्रिटिश कॉमनवेल्थ के उपनिवेश हैं। संविधान के सेक्शन 317/6 के अनुसार भारत के अंदर  जहां केन्दीय सरकार के कानून लागू होगें वह ब्रिटिश उपनिवेश के अंतर्गत माना जायेगा है। 

 15- भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के अनुसार भारत विधिक शक्ति है जिस कारण सभी नेता हम पर शासन करते हैं।

16- भारतीय नागरिकता अधिनियम सेक्शन 10-11 के अनुसार जितने भी कॉमनवेल्थ कंट्री हैं उनका नागरिक उनकी नागरिकता में भारत की नागरिकता रखता है दूसरी बात जिसका जन्म से प्रत्येक व्यक्ति जिसका जन्म संविधान लागू होने यानी कि 26 जनवरी, 1950 को या उसके पश्चात भारत में हुआ हो, वह जन्म से भारत का नागरिक होगा अपवाद राजनयिकों के बच्चे, विदेशियों के बच्चे आदि।

17- दिल्ली के बुराढ़ी में ब्रिटेन की महारानी के दादा जार्ज पंचम का जहां राजतिलक हुआ था वहां ब्रिटिश की महारानी के कहने पर भारत सरकार ध्यान कॉरोनेशन पार्क बनवाया गया है जहां जाकर देखो! ब्रिटिश परिवारजनों की मूर्तियां लगायीं गयीं हैं और इतना ही नहीं राष्ट्रपति भवन के सामने लगे खम्भे पर लगे सितारे का निशान है जो ब्रिटेन की महारानी की छड़ी पर और मुकुट पर भी है। जिसे हटाने की हिमाकत कोई भारतीय नहीं कर सकता। क्योंकि ब्रिटिश नागरिकता एक्ट के अनुसार हर भारतीय ब्रिटिश कानूनों के अधीन है। 





आज हम आपस में लड़ रहे हैं कभी सोचा जिसने हमें वर्षों गुलाम रखा उस ब्रिटिश ने सन् 1903 में ब्रुकबॉंण्ड रेड लेवल ब्रिटिश इन इंडिया ने चाय लॉंच की थी तब से आज तक यही पर जमी है और चाय का लती बनाकर बड़ा मुनाफा कमा रही, कोई नहीं जानता कौन से कैमिकल यूज करके यह चाय बेची जा रही है। हल्ला मचाने वालों से यह कहना चाहतीं हूं कि आप हर चीज का विरोध करने लग जाते हो तो जिस ब्रिटेन ने दो सौ साल गुलाम रखा कर दो उसकी चाय का बहिष्कार ये वर्षों की गुलामी क्यों ओढ़ रखी है? आपको पता है कि बेवजह भारतीय  नहीं चिल्लाता कि हम अंग्रेज यानि ब्रिटिश की चाय नहीं पियेगें जिन्होंने हमें गुलाम रखा क्योंकि हम भारतीय शांति में विश्वास करते हैं जबतक कि कुछ आसामाजिक अराजक तत्व हमें लड़ने व मारपीट को उकसाते नहीं, उनसे सावधान रहें क्योंकि फंसाने वाले बहुत, उबारने वाला कोई नहीं परिणाम आज जेलों में धार्मिक उन्माद में हजारों लोग जेलों में कारण अकारण बंद हैं जिनमें पढ़ाई में होशियार टेलेंटिड नाबालिक भी बड़ी संख्या में हैं जिनका करियर बर्बाद हो चुका और जिनको बचाने वाला कोई वहां नहीं पहुंचा और पहुंचेगा भी कैसे? जिसने उन्हें लड़ने- पीटने को कहा वह फेसबुक आईडी ही फेक थी या तो वह बांग्लादेशी की या पाकिस्तानी की या देश में बैठे कश्मीर के अलगाववादियों के चमचों की या अननोन गद्दारों की थी.... जिनका एकमात्र मकसद है भारत के युवाओं को आपस में लड़ाओ.. तोड़ो .. बिखेरो..विकास से दूर कर दो। आप सब देखना कि जिसदिन जम्मू-कश्मीर में जिसदिन अनुच्छेद 370,35ए हटा दी गई और जिस दिन पाक अधिकृत कश्मीर भारत हासिल कर लेगा तो इन सब गद्दारों के पूरी पिक्चर साफ हो जायेगी और भारत में भी अनेकों लड़ाईयों पर विराम लग जायेगा क्योंकि लड़ाने वाले तो यही बाहरी व देश में छुपे गद्दार ही हैं।




मेरा विनम्र सुझाव है कि देश मेे सत्ता परिवर्तन नहीं बल्कि व्यवस्था परिवर्तन हो जिससे देश ब्रिटिश की फूट डालो राज करो की बदनीति और बदनियत से उबर सके और सचमुच हम सब हर तरह आर्थिक, मानसिक,शारीरिक सब  तरह की गुलामी से आजाद, स्वतंत्र और मुक्त हो सकें।


-ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना



-ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना

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