बेचैन प्रभु तुम बिन मेरा मन कान्हा - कान्हा पुकारे फिरता है...
बेचैन प्रभु तुम बिन मेरा मन
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कान्हा-कान्हा पुकारे फिरता है
तुम हो कहां रहते हो कहाँ..
मन बांवरा सा फिरता है।
बेचैन प्रभु तुम बिन मेरा मन
कान्हा कान्हा पुकारे फिरता है
सभी को दिल में बसाने वाला
कान्हा तू क्यों पराया लगता है?
ऋषियों ने कहा मुनियों ने कहा
वर्णन किया है संतो- भक्तों ने
पेड़ों में तू, जीवों में तू
कंण-कंण हरि नाम सुमिरता है।
बेचैन प्रभु तुम बिन मेरा मन
कान्हा - कान्हा पुकारे फिरता है.....
वृंदावन, गोकुल, मथुरा, गुजरात
राजस्थान, बद्रीनाथ प्रभु ...
हरि मंदिर हर भक्त प्रभु
छवि तेरी समाये लगता है।
बेचैन प्रभु तुम बिन मेरा मन
कान्हा - कान्हा पुकारे फिरता है....
तू प्यारा है तू न्यारा है
सबकी खबर तू रखता है
हे! कान्हा मुझसे का भूल भयी
तू भी क्यों बेगाना लगता है?
बेचैन प्रभु तुम बिन मेरा मन
कान्हा - कान्हा पुकारे फिरता है.....
तेरी खातिर सब छोड़ दिया
तेरी खातिर सब मोह गया
अब तू ग़र जो न आयेगा
तेरा ये दास प्रभु कहां जायेगा?
दिल की तसल्ली तुम ही तो हो
दिल की हसरत तुम ही तो हो
हर धड़कन तेरा ध्यान धरे
दिल की चौखट इंतजार करे...
बेचैन प्रभु तुम बिन मेरा मन
कान्हा - कान्हा पुकारे फिरता है
तुम हो कहां रहते हो कहां
मन बांवरा सा फिरता है.....
🌸जय श्री कृष्ण🌸
🏵️राधे राधे 🏵️
🌼हरि बोल🌼
🙏हर शब्द कान्हा को समर्पित करती हूँ... 🙏
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