Breaking News

विश्व को शासन की नहीं अनुशासन की जरूरत। - ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना



             अनुशासन को चुनो!! 

मर्यादा /अनुशासन 

एक दिन के लिए मर्यादित और अनुशासित रहने को कहा गया तो कुछ लोगों में बड़ी बेचेनी हो गयी.. सोचो! भगवान #श्रीराम जी का पूरा जीवन ही मर्यादित और अनुशासित रहा...!! कितना सकारात्मक कि जब वह बोले कि पिताजी की आज्ञा है तो बनवास ही जाऊंगा, पिताजी की आज्ञा तो आशीर्वाद है। बाद में जब छोटे संस्कारी भाई लक्ष्मण को शक्ति लगी वे बेहोश हो गये तो प्रभु श्रीराम के लिए कितना समय लगता उनको स्वस्थ करने में पर उन्होंने सुसेन वैध की चिकित्सा शास्त्र की मर्यादा रखी और संजीवनी बूटी यानि दवा ले कर आने जाने वाले स्वरूप भक्तराज हनुमान की मर्यादा रखी। उन्होंने मर्यादित सरल जीवन जिया।
.... जो लोग आज परमात्मा(God)का मजाक बना रहे कि भगवान क्या कर रहा तो भगवान तो उन डॉक्टरों के अंदर भी श्वांस ले रहा। अगर हम जीवित हैं तो उसके होने का और क्या सबूत चाहिए। जीवंतता ही तो ईश्वर है।ईश्वर पर विश्वास रखिए वो सब ठीक कर देगें।

कल्किः कले कालमलात् प्रपातु धर्मावनायोरूकृतावतारः
भगवान्  कल्कि पाप-बहुल कलिकाल के दोषों से हम सबकी रक्षा करें ।

सर्वापद्भ्यो हरेर्नामरूपयानायुधानि नः।
बुद्धिन्द्रियमनः प्राणान् पान्तु पार्षदभूषणाः ।।
श्रीहरि के समस्त नाम, रूप, वाहन, आयुध और श्रेष्ठ पार्षद हम सभी की बुद्धि , इन्द्रिय , मन और प्राणों को सब प्रकार की आपत्तियों से बचायें ।।

सुबह की राम राम🙏💐

हे! भगवान श्रीराम सम्पूर्ण जगत को शीघ्र भयमुक्त रोगमुक्त महामारीमुक्त करें।🙏💐

No comments