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संतो की हत्या की यह पीर सही न जाये... - ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना





शर्मसार होती इंसानियत 
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पालघर में संतो की लिंचिंग हत्या - ऐटा में में 5 ब्राह्मणों की हत्या, बुलंदशहर में दो साधुओं की हत्या - कम से कम भारत सरकार को अपने मन की बात में दो शब्द तो कहने चाहिये थे..महामहिम भी कुछ नहीं बोल रहे... और न्यायालय भी इस भयावहता का स्वत: संज्ञान नहीं लेते...!
--अब यह अन्यायपूर्ण पीर सही न जाये.....!
--- भारत सरकार से विनम्र प्रार्थना है कि हमारे निर्दोष संतों और ऐटा के सम्मानित ब्राह्मण परिवार,बुलंदशहर में दो साधुओं के हत्यारों को फांसी की सजा सुनाई जाये। इन दानवों की दया याचिका का प्रावधान खत्म कर दीजिए। भारत में अगर हत्या करने वाले को केवल फांसी की ही सजा मिले, न कि उम्रकैद, तो देश से क्राईम खत्म हो जाये। मौत की सजा मौत हो यही न्याय है। वरना निर्णय तो तमाम होते रहते हैं। महामहिम से विनम्र निवेदन है सत्यमेव जयते महामंत्र को सार्थक कर दीजिए । जिससे भविष्य में कोई भी किसी की भी लीचिंग न कर सके। अगर किसी से वैचारिक मतभेद है तो उसके लिये पुलिस और अदालत है, ये कहां का न्याय है कि उस व्यक्ति को षड्यंत्र के तहत अकेला पाकर डायरेक्ट उसकी हत्या कर दी जाये। साहिब! मरता तो इंसान है और शर्मसार पूरी इंसानियत होती है। 
क्योंकि महामहिम! यह महान गौरवशाली भारतवर्ष की संस्कृति नहीं है कि भारत में पत्थरबाज, कोरोना योद्धाओं यानि हमारे डॉक्टरों को मारें, पुलिस को मारेंऔर लिंचिंग करें। महामहिम! इस गम्भीर विषय पर संज्ञान लेने की कृपा करें। जिससे महान भारतवर्ष की कीर्ति विश्व में धूमिल होने से बच जाये। क्योंकि भारतवर्ष तो अपने दिव्य आध्यात्मिक ज्ञान, विज्ञान, प्रेम, शांति, महान नैतिकमूल्यों और मानवता की रक्षा के लिए जाना जाता है और यहां नफरतों के लिए कोई जगह नहीं पर यदि कोई दुष्ट अपने निजहित में राजनैतिक कुचक्र के तहत भारत की शांतिरूपी जल में नफरतों का विष घोलता है और भारत की शांति को भंग करता है तो यही भारतवर्ष फिर महाभारत युद्ध के लिए भगवान श्रीकृष्ण जी यानि असत्य पर सत्य के विजय गौरवगान के लिए भी बखूबी जाना जाता है। 
सत्यमेव जयते 
🙏🙏🙏💐

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