खुद से प्यार कैसे करें? -ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
💞#SelfLove💞
[खुद से प्यार बेशुमार करें।]
-ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
जीवन की अपाधापी में हमें यही पता नहीं चलता कि कब हमारे चेहरे की खुशी दफ़्न हो चुकी होती है और हम चौबीसों घंटे सिर्फ़ और सिर्फ़ अपने पार्टनर, अपने ऑफिस अपने क्लाइंट अपने बॉस अपने दोस्तों यहां तक की अपने पड़ोसी की निजी जिंदगी में झाकने से बाज नहीं आते पर कभी भी एक काम नहीं करते। वो एक काम है, खुद के गिरेबान में झांकना। जिस दिन हम खुद के गिरेबां में झांकना शुरू कर देगें असली क्रांति उसी दिन होगी। पर हम सारी क्रांति की आसा दूसरों से करते हैं कि काश! कोई महात्मा मिल जाये। पर क्या हम हमारे बच्चों को महात्मा बनाने के लिए या उन्हें बनने के लिए तैयार होगें? झांको खुद में आपको सही जवाब मिल जायेगा। हमारी सारी ऊर्जा दूसरे की तरफ़ है कि मेरा प्यार, मेरा दोस्त, मेरा पति, मेरा रिश्तेदार, मेरा पड़ोसी आखिर! ऐसा क्रूर और दुष्ट क्यों हैं? वो मेरी केयर क्यों नहीं करता? वो मुझे समय क्यों नहीं देता या देती? तो सिर्फ़ अपने मन में झांको कि क्या आप उनकी परवाह करते हो? वो भी पूरे दिल से। जब हम हमारे प्यार के होते हुये चार जगह मुंह मार सकते हैं, मुंह मारना मतलब अपने प्यार की कमियां अपने दोस्तों को बताना और खुद को बदनसीब कहलवा कर सहानुभूति प्राप्त करना। जब हम ऐसी हरकतें करते हैं तो हम हमारे पार्टनर से, यह सिर्फ़ मेरा रहे कि उम्मीद कैसे कर सकते हैं? हम जितनी ऊर्जा अपने पति, दोस्त, प्यार, परिवार की बुराई करके समय बर्बाद करते हैं, हम यही ऊर्जा खुद को सुन्दर बनाने और प्यारा बनाने में क्यों नहीं लगाते? क्यों नहीं करते अपने पार्टनर पर विश्वास? जब हम दिन-रात यही सोचेगें कि मेरा पार्टनर मुझे फोन करने के लिए बोला था पर सुबह से रात हो गयी अभी तक कॉल नहीं आयी। जरूर कहीं और लगा होगा। हमने हमारे दिमाग को पूरी तरह अविश्वास की नकारात्मक ऊर्जा से भर रखा है। हम जितनी ऊर्जा अपने पार्टनर पर शक करके बर्बाद कर रहे हैं उतनी ऊर्जा यह सोचने पर लगा सकते हैं कि हो सकता कोई जरूर काम में फंस गये हों। पर जैसे ही दूसरे दिन सुबह आपका पार्टनर कॉल करता है तो हम डायरेक्ट उस पर बरस पड़ते है तुमने कल क्यों फोन नहीं किया? जाओ मैं भी फोन स्विचऑफ कर लेती हूं। सामने वाले को अपनी सफाई देने का समय नहीं देते और मोबाईल ऑफ। पार्टनर भी एक दो बार आपकी हरकत को नजरअंदाज कर सकता है पर याद रखो वह आपकी मम्मी- पापा नहीं है जो आपको हर हाल में झेले। एक दिन आपका ब्रैकअप हुआ और आप दुखभरे गानों की माला पहन कर आसुओं के सैलाब में बह जाते हो या जाती हो। हम दोनों एक दूसरे को दोषारोपण करते रहते हैं पर कभी यह कहने की हिम्मत नहीं जुटा पाते कि इस ब्रैकअप के जिम्मेदार हम खुद है, पार्टनर तो बेहतरीन था। और जिसदिन हम में खुद की गल्ती को मानने का यह गुण आ गया कि 'मैं ही जिम्मेदार हूं' उस दिन आता है अमूलचूल परिवर्तन। और उस दिन उस पल हम यही मायनों में हम बच्चे से बड़े हो जाते हैं। यानि गिरेबां में झांकने वाला हिम्मती आदमी यानि सुपरमेन बन जाते हैं। तब शुरू होती है चेहरे पर आत्मविश्वास की लालिमा का आना और हृदय का शांति से भर जाना। तब हमें चाहिये कि हम दोनों हाथ फैलाकर आसमान की तरफ़ देखकर कहें कि आई लव यू माईसेल्फ, आई लव यू यूनीवर्स, आई लव यू ऑल माय फैंड, आई लव यू गॉड, आई लव माय माईंड, फिर शीशे में देखकर कहिये मुस्कुराते हुए आई लव यू माईसेल्फ या जो आपका नाम हो जैसे हम कहते हैं खुद को आईलव आकांक्षा, मुझे तो हर जन्म आकांक्षा ही बनना है। मैं खुद से पूरी तरह संतुष्ट हूं। हे! यूनीवर्स जो कुछ आपने मुझे दिया है, वो मेरी पात्रता से अधिक है। हे महान! यूनीवर्स मैं आपके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करती हूँ। अपने बालों पर हाथ फैरो, अपनी आखों पर अपने होठों पर अपने धक-धक करते दिल पर और कहो आई लव यू। वॉव क्या कुदरत है। मैं तो मेरे दिल की धक-धक कभी शांति में बैठकर सुनता ही नहीं। कभी ध्यान ही नहीं देता। तुम्हें कभी थैन्कू भी नहीं बोलता। तुम फिर भी बचपन से आज तक बड़े ही प्रेम से सिर्फ़ मेरे लिए, मुझे जिंदा रखने के लिए धड़कते जा रहे हो। वाव आईलव यू मॉय हार्ट। मेरी श्वासों के लिए धन्यवाद जो बिना मेरे प्रेम और ध्यान के हर पल अपना काम करतीं रहती हैं। आज मैं जाग गया हूं मेरी श्वासों, मैं तुम्हारे प्रति कृतज्ञ हूं। मैं मेरी पूरी बॉडी और सभी अंगों के प्रति कृतज्ञ हूं। वाह! बनाने वाले आप महान हो। मैं आपकी मुझ अद्वितीय रचना के लिए कृतज्ञ हूं। आपने पूरे जीवन में मुझे जो कुछ भी दिया है मैं उन सारी चीजों के लिए बहुत प्रेम से भरकर कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। हे! सर्वशक्तिमान आपका धन्यवाद कि आपने मुझे क्या जबर्दस्त शानदार लाईफ दी है। आज जो आपने मुझे दिया है बहुत लोगों को नसीब नहीं होता। हे! सर्वशक्तिमान सारी दुनिया को प्रेम से भर दो। सब को खुद के प्रेम में खुद के सम्मान में डुबो दो। क्योंकि जब हमारा हृदय, हमारा रोम-रोम प्यार से लबरेज़ होगा तभी हम दूसरों को प्यार और सम्मान बांट पायेगें। हमारे पास जो होगा वही तो हम दें सकेगें। जब हमारे घर शक्कर होगी ही नहीं तो पडोसी को शक्कर देगें कहां से। जब ईष्या, चुगली, सिस्टम सब की बुराई रूपी नमक ही देगें और जब हम यह कड़वाहट से भरपूर नमक देगें तो यकीन मानों बदले में यही नमक सूद समेत वापस भी हमीं को मिलने वाला है। इसलिये खुद से बेशुमार प्यार कीजिए। खुद के टेलेंट की कद्र कीजिए और अपने टेलेंट से हद के पार वाली मोहब्बत कीजिए और जब मोहब्बत बेशुमार होगी तो सफलता हमारा पता ढूंढते हुए, एक दिन हमारे पास आकर ही रहेगी। मन करे तो दिल खोल कर नाचिये, शर्म लगती है तो मोबाइल में जबर्दस्त गाना चलायें और इयरफोन लगाकर बाथरूम में जाकर जीभर के नाचिये, ठुमके लगायें। खुद को देखकर मुस्कुराइये। जो दिल करे दिल खोलकर करिये। वो कीजिए जिससे किसी दूसरे को परेशानी न हो। अब रही आज के गर्लफ्रेंड, ब्यायफ्रैंड के लव और ब्रैकअप की बात तो स्पष्ट सुन लो जो लोग ढेर सारे प्यार के बावजूद छोटी-छोटी बातों पर ब्रैकअप करके आपको रूलाते हैं। उनसे यहीं कहूंगी कि झगड़ा तो दो भाई में होता है, बहन, माता-पिता, में होता है तो क्या हम हमारे परिवार से ब्रैकअप करते हैं? नहीं ना तो अपने प्यार से ब्रैकअप क्यों करते हो? यानि आपने आपके पार्टनर को कभी फैमली माना ही नहीं। जो दिल से मान लिया होता तो आप उसे कभी भी कोई भी दर्द उसे दे ही नही सकते थे। प्रेम का मतलब पवित्र आत्मा के जुडाव से है जो जन्म जन्मांतर का साथ होता है। जहां प्रेम है वहा ब्रैकअप हो ही नहीं सकता। प्रेम देना चाहता है और प्रेम निस्वार्थ होता है। जिस रिश्ते में लालच आया। उस रिश्ते की उम्र घटती चली जाती है। आईये! चलो पुराणों की ओर, हम जिन भगवान शिव को भोलेनाथ कहते है उनके गले में जो नरमुंडों की माला है। वह सभी नरमुंड उनकी प्रेमिका उनकी पत्नी माता सती, माता पार्वती के हर जन्म में लिये गये मानव रूपों के नारीमुंडों की है जिसे वह हर पल अपने हृदय से लगाकर रखते हैं और रही बात भगवान श्री कृष्ण की तो उनका राधारानी से निस्वार्थ प्रेम पूरे ब्रह्माण्ड को पता है और यही अद्वितीय प्रेम ही ब्रह्माण्ड की अनंत ऊर्जा का केन्द्र है। इसी अथाह प्रेम से सुन्दर फूल खिलते हैं जो बाद में फल में बदलकर हम सब की भूख तक मिटाने का साधन बनते है। पूरी सृष्टि आपकी दृष्टि पर टिकी है अगर आपकी दृष्टि प्रेम से लबरेज है तो आपको हवा, पानी, भोजन, जीवजंतु, पेड़ पौधे सब के प्रति करूणा होगी। सबके प्रति सम्मान होगा। आपका दिल करेगा कि लोगों की मदद की जाये। सम्पूर्ण ब्रह्मांड के लिए प्रार्थनाएं की जायें पर यह भाव तब उत्पन्न होगा। जब हम खुद से प्यार करेगें। खुद का सम्मान करेगें। खुद को धन्य मानेगें। खुद की प्रतिभा पर खुद के टेलेंट पर भरोसा करेगें और सारी दुनिया के टेलेंटिंड लोगों का भी सम्मान करेगें। खुद प्रेम से भरपूर होगें तो प्रेम हर जगह झलकेगा और जहां भी झलकेगा। आपका सम्मान बढ़ना तय है। इस दुनिया का दिल जीतने से पहले हमें खुद का दिल जीतना पड़ेगा। खुद को जीतो, खुद से प्यार करो।खुद के सपनों के लिए लम्बा जीने की सर्वशक्तिमान से प्रार्थना करो। सारी दुनिया के मददगार बन सको। ऐसी महान शख्सियत बनने की सर्वशक्तिमान से प्रार्थना करो। खुद को और अस्तित्व को पूरे ब्रह्माण्ड को आईलवयू, आई रिस्पेक्ट यू, थैन्कयू बोलना शुरू करो। जब हम सर्वशक्तिमान ईश्वर द्वारा बनाई गई इस रहस्यमयी सृष्टि और अभूतपूर्व सृजन के प्रति, खुद के जन्म के प्रति, खुद के परिवार के प्रति कृतज्ञ होगे तो यूनीवर्स से हजारों आशीर्वाद बरस पड़ेगें और सर्वशक्तिमान परमात्मा अपने हजारों-लाखों हाथों से, अपने पुत्रों और पुत्रियों को भेजकर आपकी मदद करेगा। वह सर्वशक्तिमान है और वह सबकुछ कर सकते हैं बस हमें उनकी कृपा का पात्र बनना होगा। जिसकी पात्रता प्रेम से लबरेज होगी भरपूर होगी फुल होगी वह भी फुल बनेगा। वह अधूरा और अपूर्ण रह ही नहीं रह सकता। सबसे बड़ी शक्ति है लव और उससे भी बड़ी पावर है 'सेल्फ लव' जो आपको ढ़ेर सारी खुशियां और संतुष्टी प्रदान करेगा। बस छोटा सा मंत्र खुद को मुस्कुराहट के साथ आई लव यू बोलकर देखो और महसूस करो खुद को। खुद के अस्तित्व को, खुद की आत्मा को, खुद की रूह हो, खुद से अपने अद्भुत जुडाव को महसूस करो। खुद हो तो खुदा है। वरना किसी का क्या पता है? खुद से प्यार करो बेहद प्यार करो। बेइंतिहा प्यार करो। खुद की तरक्की के लिए सोचो। खुद की बुरी आदतें छोड़ों। खुद की सेहत का ख्याल करो। खुद के सफल होने की सोचो। हमें चिंता में डूबना नहीं है बल्कि हमें खुद को खुश रखना है। और अपनी जिंदगी की फ्रैंडलिस्ट से निगेटिव लोगों से दो गज की नहीं हजार गज की दूरी रखनी है। हमें खुद के लिए सफल होना है। हमारे पास जो भी है उसके लिए सर्वशक्तिमान गॉड का धन्यवाद करना है। हम गॉड द्वारा रची गयी, गॉड द्वारा धरती पर भेजी गयी सबसे अद्भुद सबसे हटकर, एक नायाब रचना हूं जिस रचना में जीवन है, आत्मा है, सोल है, रूह है, उसमें गॉड है, परमात्मा का अंश है। जो पानी हम पीते हैं वह पानी ब्रह्मांड का अंश है। विज्ञान भी कहता है कि सौरमंडल बनने के बाद यह पानी उल्का पिंडो पर जमी हुई बर्फ के रूप में धरती पर आया।जो बूंद आज हमारे शरीर में खून के रूप में बह रही हैं, यही बूंदे अंटार्कटिका के हिमनद में मौजूद है, यहीं बूंदे कभी हमारे धरती पर जन्म लिये देवी-देवताओं,ऋषि-मुनियों गुरूओं, महान आत्माओं, पीर फकीरों में भी मौजूद थी। सच कहूं तो हम और आप घूंट - घूंट ब्रह्मांड पीते हैं। क्या यह अद्भुद अनुभूूति नहीं है? फिर भी पानी की बोतल लेकर गटगट करके पूरी बोतल पी जाते हैं और बोतल भी इधर-उधर फेंकने से नहीं चूकते। मैं पूछना चाहती हूं जो जल हमारा जीवन है, उस पानी की बोतल को प्रेम और सम्मान भरी नजर से देखकर, उस पानी की बोतल को दो मिनट के लिए अपने सीने से लगाकर उस अमृतमयी पानी के लिए धन्यवाद नहीं बोल सकते आप? क्या खाना खाने से पहले उस भोजन को जो हमें पूरे दिन इनर्जी देने वाला है, हम इतनी जल्दी में हैं कि कभी अपने भोजन का धन्यवाद नही करते। यहां तक कि इतना स्वादिष्ट भोजन बनाने वाली अपनी मां, बहन, पत्नी, दोस्त उसकी भी तारीफ करने में जबर्दस्त कंजूसी करते हैं, जैसे कि एक तारीफ में करोड़ों का नुकसान हो जायेगा और घर कि महिलाएं भी अपने पिता, भाई, पति, ससुर, दोस्त का उनकी मेहनत से लाये गये गृहस्थी का सामान और उनके प्रेम, सम्मान और विश्वास के लिए धन्यवाद कहने में बहुत पीछे रहतीं हैं फिर कहोगे कि गृहस्थी में आनंद पहले जैसा नहीं रहा। खुद के गिरेबान में झाकिये और शीशे में खुद को देखिये! क्या आप पहले जैसी रही या रहे हो। पहले खुद को सजा संवारकर परफ्यूम लगाकर फूल गिफ्ट सुन्दर प्रेम से भरे शब्दों के साथ अपने पार्टनर से मिलते थे और आज आप अपने पार्टनर की बुराई जाने-अनजाने रूप में उनके दोस्तों के सामने कुछ इस तरह कर देते हो। कि यह कितना भी खायें यह ऐसे ही रहेगें कमजोर, कितना भी एक्सरसाइज करे यह ऐसी ही रहेगी मोटी, फलाने की वाईफ कितनी खूबसूरत है, फलाने का पति कितना अमीर है? हमें हमेशा हमारे पार्टनर में कमी ही देखते रहते हैं? जरा सोचो! क्या उनमें सिर्फ कमियां है? कभी इसी इंसान ने आपको ढेरसारा प्यार किया होगा। आज यही आपका पति या पत्नी बन चुकी है। आपकी खुशहाल फैमली है। यह शरीर कितना भी खूबसूरत हो, एक दिन जलेगा और दफ्न होगा पर आपस का प्यार और विश्वास अमर है। इसी प्रेम में डूबी अमरता के हिस्सा बन जाओ। अपने पार्टनर की खूबियों को आई लव यू बोलना शुरू करो। आप हमेशा शिकायत करते हो कि पौधें लगाते हैंं पर वह जल्दी सूख जाते हैं? तो आज ही सुबह प्रेमभरी मुस्कुराहट के साथ अपने गमलों पौधों के पास जाओ दो मिनट वहां बैठो और प्यार से पानी डालों। उसकी पत्तियों को प्रेम से सोफ्ट हाथों से धुल दो और पौधों से कहो कि तुम कितने प्यारे लग रहे हो। चमक रहे हो, उस पौधे को फ्लाइंग किस दें। वहां बैठकर कोई गानाा गुनगुनाये। बातें करें, 'पौधे जी मेरा प्रोमोशन करवा दो, बहुत साल हो गये, तुम्हारे होते हुए ऐसा नहीं होना चाहिए। अपने सपने बतायें, देखना पौधे भी हरेभरे रहेगें और आपकी लाईफ भी बदलनी शुरू होगी क्योंकि जो ऊर्जा आप में हैं वही ऊर्जा प्रत्येक पेड़ पौधे, प्रत्येक व्यक्ति, पूरे ब्रह्माण्ड में है। प्रकृति का नियम है जो दोगे वही सूत समेत मिलेगा। सौदा प्यार का करो। जिसके सूद से आपका जन्म सफल हो जाये। सोचो! तो कितना सुन्दर है, कितना सुकून देता है लव और सेल्फ लव। फिर क्यों न करें खुद से प्यार, क्यों न करें यूनीवर्स का थैन्कयू। जब हम प्रेम से भर जायेगें तो हम और भी निखर जायेगें। प्रेम करो, यह प्रेमरूपी महाशक्ति बिल्कुल निशुल्क है। बड़ा ही सस्ता सौदा है मेरे दोस्त। जो भी यह लेख पढ़कर मुस्कुरा रहे हैं, प्रेम दिव्य प्रकाश से ओतप्रोत हो रहे हैं, मैं आप सभी के कीमती समय के प्रति कृतज्ञ हूं।
-ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
धन्यवाद 🙏🌷
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