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कोरोना / अनाथ बच्चों को सहारा चाहिए




प्रतीकात्मक वीडियो क्लिप - 

अनाथ बच्चों को प्यार चाहिये -

कोरोना ने अनेकों निर्दोष मासूम बच्चों को अनाथ बना दिया है - उन बच्चों के साथ अब और कोई अनहोनी ना हो इसके लिए हम सब को सजग रहना चाहिए।राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ( एनसीपीसीआर) ने पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 29 मई तक राज्यों की ओर से प्रदान किए गए डेटा के मुताबिक 9346 ऐसे बच्चें है जो कोरोना महामारी के कारण बेसहारा और अनाथ हो गए हैं या फिर अपने माता-पिता में से किसी एक को खो दिया है।
एनसीपीसीआर ने ऐसे बच्चों की जानकारी के लिए वेबसाइट ‘बाल स्वराज’ शुरू किया है जहां राज्य अपने यहां का डेटा उपलब्ध करा सकते हैं।

इस महामारी ने हमें एक अच्छा इंसान बनने का मौका दिया है, जिससे इस तंत्र को सुधारा और संवारा जा सकता है।अनाथ या परिवार से बिछड़े बच्चों की मदद के लिए मानवता के खातिर यह कार्य करें-

1. तुरंत चाइल्डलाइन नंबर 1098 पर संपर्क करें।

2. बच्चें को करीब की विशेषज्ञ गोद लेने वाली एजेंसी के पास ले जाएं, जिसे आप अपना राज्य का चुनाव करके देख सकते हैं।

3. बच्चे को किसी भी ऐसी संस्था को सुपुर्द ना करें जो ये दावा करता है कि वो बच्चों के लिए पालक ढूंढ लेगा।

4. जो पालक बच्चा गोद लेना चाहते हैं वो कारा पर जाकर देख सकते हैं कि इस प्रक्रिया के लिए कैसे रजिस्टर्ड किया जाता है।

5-उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कोरोना में अनाथ हुए बच्चों की मुफ्त पढ़ाई, उनकी शादी का खर्च, ऑनलाइन पढ़ाई के लिए लैपटॉप और टैबलेट, परवरिश के लिए हर महीने 4 हजार रुपये, अनाथ बालिकाओं की शादी के लिए 1.10 लाख की सहायता प्रदान की जायेगी। रिश्तेदारों के यहां रह रहे बच्चों की सरकार नियमित निगरानी की व्यवस्था करेगी जिससे कि बच्चों पर कोई अत्याचार ना किया जा सके।

6-अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कई बुजुर्ग हैं, जिनके जवान बच्चे चले गए और अब घर चलाने वाला कोई नहीं है जिनके घरों में कमाने वाला कोई नहीं है, उन बुजुर्गों की दिल्ली सरकार मदद करेगी। दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) ने हेल्पलाइन नंबर 9311551393 शुरू किया है।

7-कोविड की दूसरी लहर के दौरान मई के आखिरी हफ्ते के प्रारंभ तक बिहार सरकार ने 43 बच्चों को परवरिश योजना से जोड़ा है। कोरोना काल से पहले राज्य सरकार परवरिश योजना के तहत बेसहारा व असाध्य रोग से ग्रस्त 14000 से अधिक बच्चों को आर्थिक सहायता दे रही है।

8- राहुल गांधी की प्रेरणा से छत्तीसगढ़ सरकार ने  महतारी दुलारा योजना के नाम से शिक्षा छात्रवृत्ति शुरू करने का फैसला किया है।इस योजना के तहत, कक्षा 9 से 12वीं तक के छात्रों को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 1000 रुपये प्रति माह, कक्षा 1 से 8 तक 500 रुपये प्रति माह का भुगतान किया जाएगा।

9-राजस्थान सरकार ने अनाथ हुए बालक, बालिका और विधवा महिला को एक लाख का अनुदान मिलेगा. अनाथ बच्चों को 18 साल की उम्र तक 2500 रुपए की मासिक सहायता मिलेगी, जबकि उन्हें 18 साल की उम्र पूरी होने पर 5 लाख की सहायता दी जाएगी।

10-हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा अनाथ  प्रति बच्चा 2,500 रुपये प्रति माह 18 साल तक दिए जाएंगे। 12 हजार रुपये प्रति साल अन्य खर्चो के लिए दिए जाएंगे।

11-गुजरात सरकार 18 वर्ष की उम्र होने तक कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को प्रतिमाह 4,000 रुपये अगर पढाई जारी रखते हैं तो 21 वर्ष में 6000रू. प्रदान करेगी।

12-त्रिपुरा सरकार अनाथ हुए बच्चों के अभिभावकों को  18 साल की उम्र होने तक 3,500 रुपये प्रतिमाह। मुफ्त शिक्षा और 10वीं पास करने पर लैपटाप या टेबलेट प्रदान करेगी और अनाथ लड़की को शादी के वक्त सरकार 50 हजार रुपये प्रदान करेगी।

13-असम मुख्यमंत्री  हिमंता बिस्व सरमा ने घोषणा की कि  प्रत्येक बच्चे के केयरटेकर या अभिभावक को प्रतिमाह 3,500 रुपये प्रदान करेगी। इसमें 2,000 रुपये केंद्र द्वारा वहन किए जाएंगे।विवाह योग्य लड़कियों को 10 ग्राम सोना और एकमुश्त 50 हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे। छात्रों को लैपटाप या टेबलेट प्रदान किए जाएंगे।

14-तमिलनाडु सरकार सावधि जमा के रूप में हर बच्चे को पांच लाख रुपये देगी। 18 साल का होने पर ब्याज सहित पूरी रकम उसे दी जाएगी।माता या पिता को खोने वाले बच्चों को तत्काल राहत के तौर पर तीन लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे।

13-कर्नाटक सरकार कोरोना से अनाथ बच्चों के केयरटेकर या अभिभावकों को  प्रतिमाह 3,500 रुपये प्रदान करेगी। हाईस्कूल पास बच्चों को लैपटॉप व 21 साल की उम्र पूरी चुकी लड़कियों को एक मुश्त एक लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे।

10- पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत कोरोना में अनाथ हुए बच्चों को 18 साल की उम्र में मासिक सहायता  राशि और 23 साल की उम्र में पीएम केयर्स से 10 लाख रुपए का फंड भी दी जाने की बात कही गई है। 18 साल की उम्र तक आयुष्मान भारत योजना के तहत पांच लाख तक का हेल्थ इंश्योरेंस भी दिया जाएगा।

11- याद रखें बच्चों को लेने या देना का कोई और तरीका ना अपनाए, ये गैरकानूनी है।

ऐसी विकट पस्थितियों का बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। क्योंकि बच्चे को सर्वप्रथम सच्चा सहारा और प्यार चाहिए। चाहे वह डॉक्टर हो या कोई भी केयर टेकर। इसलिए ऐसी स्थितियों में बच्चों की चिंता, अकेलेपन को दूर करने के लिए भारत सरकार की तरफ से अच्छा पैनल गठित किया जा रहा है।बता दें कि भारत सरकार सहित पूरा विपक्ष यानि सभी राजनैतिक पार्टियां और देश के सभी डॉक्टर, पूरा चिकित्सा तंत्र, देश का सम्पूर्ण सुरक्षा तंत्र और देश की समस्त सामाजिक स्वंयसेवी संस्थाएं और सम्पूर्ण देशवासियों का प्यार और संवेदनाएं इन बच्चों के साथ हैं। पूरा विश्वास है कि हमारा देश इस परिस्थिति का मिलजुल कर सामना करके जल्द ही कोरोना महामारी से मुक्ति पाने में सफल होगा। पूरे देश की प्रार्थनाएं जरूर सफल होगीं।अंत में भारत सरकार से यही निवेदन है कि वह इन सभी बच्चों के लिए शिक्षा और भरण-पोषण योजना के अलावा रोजगार के प्रति भी गहराई से संवेदनशील रहें। 

जय हिंद वंदेमातरम् 🙏💐

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