सिस्टम _ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
उखाड़ दूं मैं वो सिस्टम
जो गरीब को गुमराह करे
लिखूं मैं वो सत्य बनूं मैं वो लेखक
जियूं में वो एक लम्हा
चाहे रहूं ज़िंदा सिर्फ़ एक क्षण
.... मगर पत्रकार बनकर...
न सहे कोई इस दुनिया में दर्द
लिखूं मैं वो वाणी,बनूं मैं वो प्राणी..
जिसमें दिखे सत्य को प्रत्यक्ष
चाहे जियूं बस एक पल स्व:मुक्त होकर
... मगर जनाकांक्षा बनकर....
पा सके हर कोई मंजिल
रहे न कोई भूखा,रहे न कोई प्यासा
हो सबको समान हक,तब सधे मत
चाहे रहूं ज़िंदा सिर्फ़ एक पल
.... मगर जनाधार बनकर....
___ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
14 जनवरी 6:39PM
धन्यवाद 💐🙏
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