दोस्ती..
दोस्ती
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दोस्त क्या होता है ये तुमसे मैंने जाना है
कि,दोस्ती ना मजाक है और ना ही बहाना है ।।
तूने मेरी हर मुश्किलें निपटायीं है
अँधेरी राहों में रोशनी दिखलायी है ।।
कौन कहता है कि मैं याद तुझे नही करती हूँ
आज भी तेरी कमी पल-पल मुझे खटकती है ।।
उन बुरे दिनों को मैं कैसे भुला सकती हूँ
उन यादों को मैं कैसे मिटा सकती हूँ ।।
उस ग़रीबी ने मुझे कहीं का न छोड़ा था
उन दिनों में सभी ने मुझसे मुहँ मोड़ा था ।।
जब तू दोस्त बनके ज़िंदगी में मेरी आया था
उसी दिन से मेरी ज़िंदगी में छाया उजाला था ।।
सच्ची दोस्ती एक तूने ही निभाई है
मुझे जीने की राह एक तूने ही बतायी है ।।
आज दुनिया में ऐसे दोस्त कम ही मिलते हैं
यदि मिल जायें तो किस्मत के ताले खुलते हैं ।।
तू दूर है इतना ऐसा ना मुझे लगता है
दूर रहकर भी तू पास मेरे होता है ।।
तुझे सोचते-सोचते दिन मेरा गुज़र है
सच कहतीं हूँ तू याद बहुत आता है ।।
यादों के सिवा बचा ही क्या है
तेरे दर्शन बिना जीवन ही क्या है ।।
नम आँखों से बस इतना कहना है
तू ही कृष्ण तू ही राम तू ही मेरा अपना है ।।
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आकांक्षा सक्सेना
उत्तर प्रदेश
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