तुझे बुलाता भक्त का मन -
ॐ
तुझे बुलाता भक्त का मन .....
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तुझे बुलाता भक्त का मन
अब तो प्रभु जी आ जाओ तुम
पुकारता है ये तन-मन
हर तरफ प्रभु कोहराम मचा
कोई भूखा खड़ा कोई बेचैन खड़ा
बच्चों के तन-मन हैं प्यासे
आँखों मैं बस तिरस्कार दिखे ||
अब तुझे बुलाता भक्त का मन
अब तो प्रभु जी आ जाओ तुम
आश्रम मैं बूढी माँ के आंसू
इंतजार करें अपने बेटों का
घर मैं बेटे आराम करें
बहु डिस्को मैं जा डांस करे
झूठी शान के खातिर,
दोनों मंदिर मैं जाकर दान करें
जन्म देनेवाली माँ को आश्रम भेजा
अब,क्या धर्म-कर्म करेगा तू..||
अब तुझे बुलाता भक्त का मन
अब तो प्रभु जी आ जाओ तुम
गरीब किसान ने बेटी का ब्याह किया
घर खेती सबकुछ गिरवी है रखा
दिन-रात ये चिंता सता रही
क्यूँ मेरी बेटी को जलाया गया ||
तुझे बुलाता भक्त का मन
अब, तो प्रभु जी आ जाओ तुम
दुआओं से मिले प्यारे बच्चे
देश की सुरक्षा मैं भेजे
गद्दारों ने, धोके से मार दिए
तिरंगे मैं लिपटे अपने 'सपनों' को
कैसे कोई आग देगा प्रभु
अब, तुझे बुलाता भक्त का मन
अब तो प्रभु जी आ जाओ तुम
आज ! इतना अत्याचार प्रभु
देखा नहीं कभी सुना नहीं
पांच साल की फूल सी बच्ची के साथ
आज होतें हैं दुष्कर्म प्रभु ||
"हर जगह स्वार्थ के हैं नाते
हर जगह है भ्रष्टाचार प्रभु "
अब तुझे बुलाता भक्त का मन
अब तो प्रभु जी आ जाओ तुम
||अब मोहन आकर देखो तुम||
||श्री कृष्ण हरे गोपाल हरे गोविन्द हरे श्री क्रष्ण हरे ||
आकांक्षा सक्सेना
औरैया,उत्तर प्रदेश
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औरैया,उत्तर प्रदेश
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