भारतीय संविधान में संसोधन जरूरी :
भारतीय संविधान एवं भारतीय सभी कानूनों में हो संसोधन :
भारत के वर्तमान लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रनाथ दामोदरदास मोदी जी ने भारत में टैक्सचोरी व कालेधन की जमाखोरी का अभियान चला रखा है | उन्हें भारतीय संविधान एवं भारतीय सभी कानूनों में भारतीय नागरिकों के विवाह, जन्म व मृत्यु के पंजीकरण, बीमाकरण व लाईसैंसीकरण के अधिनियमों के तहत संचालित अभिलेखानुसार पंजीकृत वैधानिक, बीमाकृत संवैधानिक एवं लाईसैंसीकृत कानूनी भारतीय उत्तराधिकारित, राष्ट्रीय मानवाधिकारित एवं भारतीय सर्वोच्च न्यायिकरूप से विवाहित, जन्मे व मृतक स्त्री, पुरूष व किन्नर प्रमाणित भारतीय नागरिक की परिभाषा भारतीय जनजीवनहित में व उनके भारतीय सर्वोच्च न्यायहित में अनिवार्य एवं परमावश्यकरूप से दर्ज करवानी चाहिये जिससे कि भारतीय नागरिकों के पहिचान के सभी प्रकार के राजनीतिक समाजी सरकारी व मतकारी, आर्थिक समाजी अर्द्धसरकारी व कर्मचारी एवं सामाजिक समाजी निजीकारी व श्रमकारी दस्तावेजों में भारतीय नागरिकों के जीवन की भारतीय सर्वोच्च न्यायिक दस्तावेजी पहिचान अनिवार्य एवं परमावश्यकरूप से दर्ज हो सके और कोई भी भारतीय नागरिक अपने जीवन के टैक्सचोरी व कालेधन की जमाखोरी न कर सके और प्रत्येक प्रमाणित भारतीय नागरिक को अपने जीवन का सृजनशील उद्देश्य पूरा किये जाने हेतु उसे उसकी शिक्षा व योग्यतानुसार समान सरकारी व मतकारी, अर्द्धसरकारी व कर्मचारी एवं निजीकारी व श्रमकारी आजीविका व पैंसन तथा अत्याधुनिक बुनियादी सेवायें अनिवार्य एवं परमावश्यकरूप से प्राप्त हो सकें | इस प्रकार भारत अपराधमुक्त व रोजगारयुक्त पुन: अखण्ड़ देश बन सके और यह देश व इस देश का प्रत्येक परिवार आंतरिक एवं बाहरी आतंकवाद, भ्रष्टाचार व दुराचार के पूर्व नियोजित विभाजनकारी एवं विनाशकारी धोखाधड़ी के षडयंत्र से स्वतंत्र, आजाद व मुक्त हो सके और भारत में कहीं भी किसी भी आयु की कोई भी महिला कार्यस्थल पर दुष्कर्म का शिकार न हो सके | यह देश पुन: आदर्श गौरवशाली, महान प्रतिभाशाली एवं महानतम् मर्यादाशाली तथा स्मृद्धिशाली एवं वैभवशाली एवं पूर्णतया अनुशासित, संगठित एवं अत्याधुनिक एवं विश्वविजयी सैन्यशक्तिशाली सद्चरित्रवान अखंड़ देश बन सके |
धन्यवाद
आकांक्षा सक्सेना
ब्लॉगर समाज और हम
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