कविता : कहां है न्याय - ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
न्याय
.......
गरीबों से वोट
अमीरों को टिकट
कहां का न्याय है
बता दीजिये....
अंधेरों से जुड़ाव
सद्चरित्र से दुरावअंधेरों से जुड़ाव
दुराचारी का चुनाव
कहां का न्याय है
बता दीजिए....
चुनाव के समय
गरीबों घर खाना
फिर मुंह न दिखाना
कहां का न्याय है
बता दीजिए....
आधार के बदले
पासपोर्ट क्यों न बांटे
यह अधूरी पहचान
कहां का न्याय है
बता दीजिए....
हर नेता करोड़पति
न डिग्री न व्यवसाय
चुप्पी साधे है सरकार
कहां का न्याय है
बता दीजिए....
बस रूपयों का लालच
ना सुरक्षा-रोजगार की बात
सवाल करने वाला गद्दार
कहां का न्याय है
बता दीजिए....
हद भी हद से पार
भारत में श्रीराम पर सवाल
राममंदिर अयोध्या में नहीं
तो क्या रावलपिंडी में बनेगा
ये कहां का न्याय है
बता दीजिये...
बेरोजगारी पर प्रतिस्पर्धा
शिक्षण पर आरक्षण
सरकार चाहे गुणवत्ता
कहां का न्याय है
बता दीजिए....
बेरोजगारी पर प्रतिस्पर्धा
शिक्षण पर आरक्षण
सरकार चाहे गुणवत्ता
कहां का न्याय है
बता दीजिए....
जीवन में कुकर्मी सोच
जीवन के संग धोखा
न्यायपालिका पर भी
बढ़ता राजनैतिक दवाब
कहां का न्याय है
बता दीजिए.....
न्यायाधीशों के
पेशकार
अधिवक्ता नहीं
शदियों से जारी
यह अन्याय
यह कहां का न्याय
बता दीजिए...
दुनिया में दहशत फैली
आतंक को किसने पोसा
ये कुछ लोगों की चुप्पी
कहां का न्याय है
बता दीजिए......
- ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
मेम्बर ऑफ स्क्रिप्ट राईटर ऐसोसिएसन मुम्बई
कविता : कहां है न्याय - ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
Reviewed by Akanksha Saxena
on
April 24, 2019
Rating: 5
Reviewed by Akanksha Saxena
on
April 24, 2019
Rating: 5


असलियत पर बहुत सुंदर संदेश देती रचना !
ReplyDeleteबहुत बढ़िया है ये कविता जो जीवन को झाझोर कर रख दिया थे थैक्स सिस्टर बहुत बढ़िया है
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