न्यायालयों और विद्यालयों में प्रतिबंधित हो राजनीति – ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
न्यायालयों और विद्यालयों में राजनीति की जरूरत क्या है...? इसे तत्काल बंद होना चाहिए । - ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
राजनीति के कुचक्र की भेंट चढ़ी आगरा की पहली बार कौंसिल की अध्यक्ष सुश्री दरवेश यादव जी-
उत्तर प्रदेश बार कौंसिल की नव निर्वाचित अध्यक्ष कु. दरवेश यादव की आगरा में बेहद दर्दनाक हत्या को अंजाम दिया गया। यह बेहद दु:खद है कि राजनीति ने फिर एक काबिल महिला को हम सब से हमारे समाज से छीन लिया वरना आज वो हम सब के बीच होतीं और ना जाने कितने पीड़ितों की बुलंद आवाज़ होतीं। समझ नहीं आता कि आखिर!न्यायालय और कॉलेजों में राजनीति की जरूरत ही क्या है? न्यायालयों में देखो! तो नेता, कालेजों में तो छात्र नेता... हद हो गई। जबकि सबको मालूम है कि न्यायालय और विद्यालय मंदिर होते है, एक न्याय का मंदिर दूसरा ज्ञान का मंदिर जहां राजनीति का क्या काम पर विडम्बना है कि
आज कोई महकमा राजनीति से अछूता नहीं रह गया...
ये हर जगह होती नेता नगरी ना जाने कितनी काबीलियत को इसी तरह अपने कालरूपी गाल में समाती रहेगी और हम सब इसी तरह स्तब्ध देखते रहेगें। मैं तो साफ कहतीं हूँ कि अपने देश भारत के काननू में 'मौत के बदले मौत' का कानून बनें तो दुष्टों के मंसूबें पस्त हों। आगें यही कहूंगी कि दरवेश जी की हत्या के पीछे जो भी षड्यंत्रकारी हैं उनका पर्दाफाश होना चाहिए और उन सबको सरेआम फांसी की सजा मिलनी चाहिए जिससे अपराधियों में मौत का खौफ पैदा हो जिससे भारत में अपराध खत्म हों और आमजन सुख शांति से खुली हवा में श्वांस ले सके वरना भविष्य में क्या होगा इसके जिम्मेदार कहीं ना कहीं हमारी चुप्पी ही होगी।
एक काबिल अधिवक्ता दरवेश यादव जी को आत्मिक श्रध्दांजलि 💐परमात्मा उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार को इस कठिन समय में हिम्मत प्रदान करें ।
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